1 दिन में कितनी बार करना चाहिए

एक बार में कितनी बार सेक्स करना है यह मायने नहीं रखता मायने रखता है, कि आप अपनी पार्टनर को कितनी बार सेक्स में संतुष्ट कर देते हैं। यदि आप एक बार भी अपने पार्टनर को सेक्स क्रिया में संतुष्ट कर देते हैं, तो एक बार भी सेक्स करना काफी होता है। सेक्स करने की संख्या दोनों पुरुष तथा महिला पर निर्धारित करती है कि वह आपस में प्यार और स्वास्थ्य को देखते हुए कितनी बार सेक्स करना चाहते हैं। यदि आप की महिला साथी एक से अधिक बार सेक्स करना चाहती है और आप भी उसके लिए तैयार हैं तो एक से अधिक बार सेक्स करने में कोई समस्या नहीं होती है। किंतु ध्यान रहे कि आप अपनी महिला साथी को जबरदस्ती सेक्स के लिए तैयार करें और ना ही महिला साथी के कहने पर खुद जबरदस्ती सेक्स करें, यदि आप दोनों खुशहाल और प्यार मोहब्बत के साथ-साथ एक से अधिक, चाहे जितनी बार सेक्स करते हैं तो वह कोई समस्या उत्पन्न नहीं करता है। यदि आप अपने सेक्स पार्टनर के साथ खुशहाल पूर्वक एक बार भी सेक्स कर लेते हैं और आप दोनों संतुष्ट हो जाते हैं, तो फिर एक से अधिक बार सेक्स करने की जरूरत ही नहीं पड़ती है। इसलिए 1 दिन में कितनी बार करना चाहिए यह बात मायने नहीं रखती है।

1 दिन में कितनी बार करना चाहिए

आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार कितनी बार भी दोनों लोगों की सहमति से सेक्स कर सकते हैं, और अधिकतम इसे तीन बार तक करना स्वीकार्य है, लेकिन उस संख्या से आगे जाना हानिकारक साबित हो सकता है। क्यों कि सेक्स एक शारीरिक गतिविधि है, जो आपके शरीर और जननांगों पर तनाव डालती है। पेनिस में आराम की अवधि होती है जिसका अगर पालन नहीं किया जाता है, तो लंबे समय में अंग और इरेक्टाइल डिसफंक्शन पर अत्यधिक असर हो सकता है।

पेनिस में परेशानी के अलावा, यौन संबंध रखने से कई बार लिंग में दर्द और दर्दनाक मांसपेशी संकुचन भी हो सकता है। महिलाओं में संभोग से अतिसंवेदनशील योनि क्षेत्र में घिसन पैदा हो सकती है, जो अगली बार पेशाब या फोर प्ले करते समय बहुत दर्दनाक हो सकता है। यदि वे इस प्रक्रिया में कई बार शामिल होते हैं, तो महिला मूत्र पथ संक्रमण भी हो सकता है। महिलाओं के लिए मूत्राशय को साफ़ करने का यही कारण है।

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एक से अधिक बार सेक्स करने के परिणाम

एक से अधिक बार सेक्स करने के परिणाम

सेक्स करना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिला तथा पुरुष दोनों की कुछ शारीरिक ऊर्जा का दहन होता है। यह शारीरिक संरचना कितनी हो सकती है इसका अनुमान सेक्स करने की क्षमता तथा समय पर निर्धारित करता है, किंतु सेक्स क्रिया में एक निश्चित मात्रा में उर्जा शरीर से खर्च होती है। साथ ही साथ पुरुषों से के वीर्य में शुक्राणु होते हैं जिनको बनने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होती है, यदि पर्याप्त मात्रा में वीर्य में शुक्राणु में नहीं होते हैं तो वीर्य पतला हो जाता है, जिसके कारण शीघ्रपतन तथा शीघ्र स्खलन की समस्याएं भी हो जाती हैं। इन सभी समस्याओं के साथ-साथ कुछ अन्य समस्याएं भी होती हैं जो निम्नलिखित हैं। 

1 दिन में अधिक बार संबंध बनाने से थकान

संबंध बनाने से थकान

1 दिन में 1 से अधिक बार सेक्स करने से हमारे शरीर में संचित उर्जा समाप्त हो जाती है, जिसके कारण हमारी शारीरिक उर्जा ख़त्म हो जाती है। शारीरिक उर्जा खत्म होने के कारण हमारे शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है, ऊर्जा की कमी होने के कारण हमारे शरीर में थकान महसूस होने लगती है। यदि आपके शरीर में पर्याप्त ऊर्जा है, तो आप एक से अधिक बार सेक्स क्रिया कर सकते हैं।

किन्तु यदि आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं और आप 1 दिन में  अधिक से अधिक बार सेक्स किया करना चाहते हैं, इसके लिए आपके शरीर में पर्याप्त ऊर्जा हम चाहिए उर्जा ना होने के कारण थकान कमजोरी आदि समस्याएं हो सकती हैं, तथा इन समस्याओं के साथ-साथ पर्याप्त ऊर्जा ना होने के कारण कामेच्छा में कमी आ सकती है, इसलिए 1 दिन में कितनी बार सेक्स करना है यह आप के स्वास्थ्य तथा शरीर पर निर्धारित है। 

अधिक संबंध बनाने के कारण यौन अंगों में जलन

बंध बनाने के कारण यौन अंगों में जलन

यदि हमें 1 दिन में शरीर तथा जननांगों को बिना आराम लिए अधिक से अधिक बार सेक्स किया करते हैं तो हमारे शरीर के साथ साथ हमारे सेक्सुअल पार्ट भी थक जाते हैं जिनके कारण उन में जलन तथा खुजली की समस्या होने लगती है खुजली और जलन की समस्या गुप्तांगों में यदि होने लगती है जिसके कारण व विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं।

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इसलिए 1 दिन में एक सीमित मात्रा में ही सेक्स क्रिया करें असीमित मात्रा में सेक्स क्रिया करने के कारण बार-बार अंगों के घर्षण के कारण उन में जलन तथा चुभन, खुजली आदि होने लगती है। इन सभी समस्याओं के कारण आपको तथा आपके महिला पार्टनर को विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं, इनसे बचने के लिए खुशहाल जीवन के लिए जितना जरूरी है उतना ही सेक्स क्रिया करें जबरदस्ती ना करें। 

पर्याप्त वीर्य उत्पादन

1 दिन में एक बार सेक्स करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है और एक से अधिक बार सेक्स क्रियाएं कभी-कभी की जा सकती हैं किंतु दैनिक रूप से दो से तीन बार सेक्स करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, क्योंकि हमारे शरीर में सेक्स क्रिया करने के लिए ऊर्जा तथा वीर्य की आवश्यकता होती है। इनके साथ साथ वीर्य तथा ऊर्जा के निर्माण के लिए  कुछ विशेष प्रकार के हार्मोन जिम्मेदार होते हैं, अप्रत्यक्ष रूप से यह हारमोंस भी सेक्स क्रिया में भाग लेते हैं उत्तम स्वास्थ्य के लिए तीसरे दिन सेक्स करना उत्तम माना जाता है। क्योंकि हमारे टेस्टिस में शुक्राणु बनने में 24 से 36 घंटे का समय लगता है, तथा इन्हें परिपक्व होने में भी कुछ समय लगता है जिन्हें स्वस्थ शुक्राणु कहा जाता है।

यदि आप गर्भधारण  करना चाहती हैं तो आपको पुरुष द्वारा सेक्स क्रिया में स्वस्थ शुक्राणु की आवश्यकता होती है। अतः एक से अधिक बार सेक्स करने के कारण हमारा वीर्य पतला हो जाता है, और पतले वीर्य के कारण शीघ्रपतन जैसी बीमारियां हो जाती हैं। शीघ्रपतन होने के साथ-साथ पुरुषों की प्रजनन क्षमता कमजोर हो जाती है।

पर्याप्त वीर्य उत्पादन

पुरुषों को कमजोर प्रजनन क्षमता तथा शीघ्रपतन की समस्या के इलाज के लिए दैनिक रूप से सेक्स क्रिया नहीं करनी चाहिए या 1 दिन में एक से अधिक बार सेक्स नहीं करना चाहिए यदि आप 1 बार से अधिक सेक्स क्रियाएं करते हैं इसके लिए आपको अपने शरीर के लिए विशेष प्रकार के पोस्टिक तथा शरीर को ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जो हमारे शरीर को ऊर्जा देते हैं।

बच्चा पैदा करने के लिए पुरुष तथा महिला को कितनी बार शारीरिक संबंध बनाने चाहिए

बच्चा पैदा करने के लिए पुरुष तथा महिला

बच्चा पैदा करने के लिए पुरुष तथा महिला के बीच अधिक बार सेक्स करने की जरूरत नहीं होती है बल्कि अधिक स्वस्थ शुक्राणु की आवश्यकता होती है तथा पुरुष महिला के अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता होती है यदि तीन से चार दिन बाद सेक्स ना करके उसके बाद सही समय पर सेक्स किया जाता है जिसके पश्चात महिला के गर्भाशय में पुरुष के वीर के साथ स्वस्थ शुक्राणु पहुंचते हैं तो निश्चित रूप से ही एक बार सेक्स क्रिया करने पर ही गर्भधारण हो जाता है।

किंतु यदि एक बार सेक्स क्रिया करने के उपरांत गर्भधारण नहीं होता है तो इस क्रिया को 24 से 36 घंटे के पश्चात दोहराना चाहिए दोहराने के कारण यदि पहली बार में शुक्राणु गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाते हैं या फिर पहुंचे हुए शुक्राणु निष्क्रिय होते हैं तो दोबारा में शुक्राणु गर्भाशय तक पहुंच जाएंगे और निषेचन हो जाएगा। इसलिए गर्भधारण करने के लिए अधिक बार सेक्स करने की जरूरत नहीं होती है बल्कि अधिक स्वस्थ और सुरक्षित तरीके से सेक्स करते हुए गर्भ धारण किया जा सकता है। 

गर्भधारण करने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए

गर्भधारण करने के लिए

गर्भधारण करने के लिए दैनिक रूप से सेक्स क्रिया नहीं करनी चाहिए गर्भधारण के लिए सेक्स क्रिया में कुछ दिनों का अंतराल रखना चाहिए। जिससे पुरुषों के वीर्य में पर्याप्त मात्रा में तथा स्वस्थ शुक्राणु रह सकें यदि आप गर्भधारण करना चाहती हैं इसके लिए सेक्स करने का कोई समय निर्धारित नहीं है आप दिन या रात किसी भी समय सेक्स क्रिया  कर सकते हैं। किंतु रात में बिना सेक्स किए हुए आराम करने के पश्चात अर्थात रात को बिना सेक्स किए हुए सोने के पश्चात सुबह उठकर यदि सेक्स किया जाता है।

उस समय पुरुष के वीर्य में स्वस्थ और अधिक मात्रा में शुक्राणु होते हैं  जिसके कारण गर्भधारण की क्षमता उस समय सबसे अधिक होती है। यदि महिला तथा पुरुष शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं और पर्याप्त आराम लेने के पश्चात काफी समय अंतराल महिला के मासिक धर्म के पश्चात जिसे ओल्यूशन पीरियड कहते हैं। सेक्स किया जाता है तो गर्भधारण की संभावनाएं सर्वाधिक होती है उस समय धारण करने से होने वाला बच्चा स्वस्थ और ताकतवर होता है।

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बच्चा पैदा करने के लिए पुरुषों को क्या करना चाहिए

बच्चा पैदा करने के लिए पुरुषों को शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए जिससे उनके अंदर बंद है स्पर्म स्वस्थ  तथा अधिक मात्रा में बन सकें जिससे एक बार के सेक्स के दौरान ही महिला गर्भधारण कर ले बच्चा पैदा करने के लिए पुरुषों को अपने टेस्टिस के अंदर स्वस्थ शुक्राणुओं का निर्माण करना चाहिए। यह तभी संभव हो सकता है जब पुरुष किसी महिला के साथ काफी दिनों तक यानी 3 से 4 दिन तक  सेक्स  क्रिया ना करे।

अपने शारीरिक शक्ति को बढ़ाने पर ध्यान दें और तनाव मुक्त रहते हुए खुशहाल जीवन जीने के साथ ही साथ धूम्रपान तथा अल्कोहल का सेवन ना करें यदि एक पुरूष इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए ओल्यूशन पीरियड के समय सेक्स क्रिया करता है और सेक्स क्रिया करने के समय वह स्वस्थ तथा खुशहाल रहता है तो निश्चित रूप से ही महिला गर्भ धारण कर लेती है।

 बच्चा पैदा करने के लिए यदि पुरुषों के टेस्टिस इसमें स्वस्थ शुक्राणु होते हैं और महिलाओं का ओल्यूशन पीरियड चल रहा है। इस स्थिति में यदि महिला तथा पुरुष खुशहाल तरीके से एक दूसरे की मर्जी से सेक्स क्रिया करते हैं तो निश्चित रूप से ही महिला के गर्भ धारण के अवसर बढ़ जाते हैं गर्भधारण के लिए एक से अधिक बार सेक्स क्रिया करना अनिवार्य नहीं होता है यह एक बार ही स्वस्थ शुक्राणु महिला के गर्भाशय में उपस्थित अंडाशय से मिलता है तो निश्चित रूप से ही निषेचन हो जाता है  जिसके फलस्वरूप महिला गर्भवती हो जाती है। 

महिलाओं में कितनी उम्र तक सेक्स करने की इच्छा होती है

महिलाओं तथा पुरुषों में कितनी उम्र तक सेक्स करने की इच्छा होती है यह कह पाना असंभव है, क्योंकि हर पुरुष तथा महिला की कामेच्छा अलग-अलग होती है महिला तथा पुरुष की कामेच्छा उसकी शारीरिक शक्ति पर निर्भर करती है। जितनी अच्छी महिला तथा पुरुष की शारीरिक शक्ति होती है सेक्स करने की इच्छा उतनी अधिक तथा इतने ज्यादा दिनों तक रहती है।

आमतौर पर 50 साल के बाद तथा महिलाओं में कामेच्छा घटने लगती हैं  किंतु इसका कोई निश्चित समय उपलब्ध नहीं है कुछ व्यक्तियों में युवावस्था में ही शारीरिक कमजोरी के कारण सेक्स करने की इच्छा नहीं होती है अर्थात युवावस्था में ही पुरुषों तथा महिलाओं की कामेच्छा समाप्त हो जाने के पश्चात सेक्स की इच्छा समाप्त हो जाए जो पुरुष तथा महिला अपने शरीर को खानपान तथा व्यायाम द्वारा स्वस्थ रखते हैं उनकी कामेच्छा लंबे समय तक रहती है।

कितनी उम्र तक सेक्स करने की इच्छा होती है

 यदि बात करें तो महिलाओं की कामेच्छा भी 50 साल के पास लगभग कम होने लगती है किंतु यदि महिला का खानपान तथा शारीरिक स्थिति अच्छी होती है तो यह काफी उम्र तक बनी रहती है।

महिलाओं में रजोनिवृत्ति के पश्चात कामेच्छा समाप्त होने लगती है जब महिलाओं में रजोनिवृत्ति हो जाती है तब महिलाओं में कामेच्छा समाप्त हो जाती है। रजोनिवृत्ति के पूर्व शारीरिक कमजोरी के कारण महिलाओं में भी काम इच्छा कम हो सकती है इसके लिए महिलाओं को अपने खानपान तथा व्यायाम पर ध्यान देना होगा। इसके साथ साथ दैनिक दिनचर्या को बदलकर हम अपने शरीर का ध्यान रख सकते हैं तथा अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं शरीर स्वस्थ होने के कारण महिलाओं में कामेच्छा लंबे समय तक बनी रहती है जिससे उनके  पुरुष साथ ही से संबंध अच्छे बने रहते हैं।

महीने में कितने दिन सेक्स करना चाहिए

उत्तम स्वास्थ्य तथा शारीरिक शक्ति को बनाए रखने के लिए एक निश्चित मात्रा में ही महीने में सेक्स क्रियाएं करनी चाहिए। यदि आप सिमित मात्रा में रहकर सेक्स क्रिया करते हैं तो आपका स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा और आपके शरीर पर सेक्स क्रिया का कोई भी असर नहीं होगा किसी के विपरीत यदि आप अधिक मात्रा में सेक्स किया करते हैं हो सकता है कि आप शारीरिक रूप से कमजोर हो सकते हैं क्योंकि सेक्स क्रिया में दैनिक रूप से ऊर्जा का दहन होता है स्वस्थ स्वास्थ्य के लिए  महीने में केवल 10 से 12 बार ही  सेक्स किया जा सकता है।

यदि आप इससे अधिक बार सेक्स की क्रिया करते हैं तो वह आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है तथा इससे आप की प्रजनन क्षमता भी कमजोर हो सकती है अतः प्रजनन क्षमता को मजबूत बनाए रखने के लिए निश्चित समय अंतराल में ही सेक्स क्रिया करनी चाहिए जिससे आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और आपके प्रजनन क्षमता भी मजबूत रहेगी।

वीर्य के अंदर क्या होता है 

वीर्य के अंदर क्या होता है 

वीर्य एक गाढ़ा पानी की तरह देखते हैं लेकिन मानव शरीर द्वारा उपयोग किए जानेवाले लगभग सभी प्रकार के विटामिन अधिक मात्रा पायी जाती है। इसमें आमतौर पर न्यून मात्रा में पाये जानेवाले विटामिन जैसे मैग्नीशियम, पोटाशियम और फिर सेलेनियम उच्च मात्रा में पाये जाते हैं इनके साथ साथ वीर में पर्याप्त मात्रा में शुक्राणु उपलब्ध होते हैं जिनके कारण इसका रंग सफेद या हल्का पीला होता है। एक आम स्खलन में 150 मिलीग्राम प्रोटीन, 11 मिलीग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 6 मिलीग्राम वसा, 3 मिलीग्राम कोलेस्ट्रोल, 7% पोटेशियम और 3% तांबा और जस्ता होता है। जब चयापचय होता है तब प्रोटीन 4 किलो कैलोरी/ग्रा, कार्बोहाइड्रेट भी 4 किलो कैलोरी/ग्रा और वसा 9 किलो कैलोरी/ग्रा. प्राप्त होता है।  इसलिए एक आम वीर्य स्खलन में खनिज ऊर्जा 0.7 किलो कैलोरी है।

सेक्स क्रिया पहली बार कितनी देर तक होनी चाहिए?

सेक्स क्रिया आपकी शारीरिक क्षमता पर निर्भर करती है आप कितनी देर तक सेक्स क्रिया करते हैं सेक्स क्रिया करते समय यह मायने नहीं रखता कि आप कितने देर तक सेक्स किया करते हैं बल्कि मायने यह रखता है, कि पुरुष तथा महिला दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स किया करते हुए संतुष्ट को प्राप्त होते हैं कि नहीं यदि दोनों ही संतुष्ट को प्राप्त होते हैं तथा उन्हें सेक्स का आनंद प्राप्त होता है तो जितनी समय सेक्स क्रिया हुई है वही समय पर्याप्त होता है। सामान्य सेक्स क्रिया के लिए 3 से 4 मिनट माने गए हैं।

किंतु यदि कोई पुरुष 7 से 12 मिनट सेक्स क्रिया करता है तो वह सेक्स टाइमिंग बहुत अच्छी मानी जाती है। किंतु इसी के साथ यदि कोई पुरुष 25 से अधिक मिनट तक सेक्स क्रिया करता है तो यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अधिक हो जाता है अतः आदर्श सेक्स क्रिया नहीं कहते हैं। 

सेक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि कोई पुरुष या महिला 7 से 12 मिनट के मध्य सेक्स क्रिया करने में सक्षम है तो उसकी सेक्स क्षमता सामान्य रूप से ठीक है जो महिला तथा पुरुष टीवी तथा फिल्मों को देखकर अधिक समय तक सेक्स क्रिया करने की इच्छा रखते हैं ऐसा शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि फिल्मों में दिखाया गया सत्य नहीं होता है वास्तविकता और पॉर्न फिल्म की कोई तुलना नहीं हो सकती है। एक मॉडल-ऐक्टर ने कहा कि सेक्स उतनी देर होना चाहिए जब तक कि दोनों पार्टनर्स को ऑर्गज्म नहीं मिल जाता। इससे महिला तथा पुरुष को सेक्स क्रिया का आनंद नहीं मिलता है। 

निष्कर्ष

उपरोक्त लेख में सेक्स की अवध के बारे में जानकारी दी गई है, किस समस्या तथा किस कार्य के लिए कितने बार सेक्स करना अनिवार्य है इसके बारे में कुछ तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं। जिनका उद्देश्य जनसाधारण को जानकारी मात्र देना है। 1 दिन में सेक्स क्रिया कितनी बार की जा सकती है तथा अधिक बार सेक्स करने के क्या परिणाम होते हैं आज विभिन्न प्रकार के बिंदुओं की चर्चा की गई है तथा 1 दिन में कितनी बार करना चाहिए आदि विभिन्न प्रकार के प्रश्नों की जानकारी दी गई है। जिससे आप अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किस समय और किसको कितनी बार सेक्स किया करनी चाहिए जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, सेक्स क्रियाएं संख्याओं पर नहीं शारीरिक दक्षता ऊपर निर्धारित होती हैं। यदि आपका स्वास्थ्य उत्तम है तो आप अपने स्वास्थ्य के अनुसार कई बार सेक्स क्रिया कर सकते हैं किंतु 1 दिन में एक बार या 3 दिन में एक बार सेक्स करना उत्तम स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।

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