कंडोम के फायदे | कंडोम की खास बातें जो हमें पता होनी चाहिए

कंडोम का प्रयोग विभिन्न प्रकार के यौन संचारित रोगों से बचने के लिए किया जाता है। कंडोम  एक ऐसी संरचना होती हैं, जिसका प्रयोग सेक्स करते समय किया जाता है। इसके प्रयोग से महिला तथा पुरुष सेक्स क्रिया करते समय आंतरिक रुप से उनके शरीर के अंगों का संपर्क नहीं होता है, क्योंकि इनके जननांगों के मध्य एक झिल्ली नुमा संरचना होती है, जिसे कॉन्डम के नाम से जानते हैं। कंडोम का मुख्य प्रयोग सेक्स करते समय गर्भधारण से बचने के लिए किया जाता है, अर्थात असुरक्षित यौन संबंध के समय कंडोम का इस्तेमाल गर्भधारण को रोकने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही विभिन्न प्रकार के रोगों जैसे गोनोरिया, सिफलिस, एड्स तथा विभिन्न प्रकार के यौन संक्रमण से बचने के लिए किया जाता है। आज हम आपको कुछ कंडोम के फायदे बताएंगे जिनका प्रयोग करके आप विभिन्न प्रकार की समस्याओं से बच सकते हैं।

कंडोम क्या होता है (what is condom) 

कंडोम पतले लैटेक्स पाली की बनी एक ट्यूब जैसी संरचना होती है, जिसके अंदर लिंग डालकर सेक्स क्रिया किया जाता है। कंडोम का प्रयोग विभिन्न प्रकार के बीमारियों से बचने के लिए किया जाता है, क्योंकि यह सेक्स क्रिया करते समय स्त्री तथा पुरुष के जननांगों को आपस में मिलने से रोकता है। अतः सेक्स क्रिया करते समय स्त्री पुरुष के जननांग आपस में संपर्क में नहीं आते हैं, जिसके कारण जननांगों में से द्वारा होने वाले संक्रमण नहीं हो पाते हैं।

यौन संक्रमित रोगों के साथ-साथ कंडोम का प्रयोग महिलाओं को गर्भधारण से रोकने के लिए किया जाता है, क्योंकि सेक्स क्रिया करते समय पुरुष द्वारा स्खलित किया गया वीर्य कंडोम में ही रह जाता है, और वह महिला योनि तक नहीं पहुंच पाता है इसलिए महिलाएं गर्भधारण से बच जाती हैं।

कंडोम क्या होता है

आज से कुछ समय पहले जब कॉन्डम की जानकारी बहुत कम थी उस समय यौन संचारित रोगों द्वारा विभिन्न प्रकार की समस्याएं लोगों में होती रहती थी। उसके पश्चात 2016 में एक अध्ययन के पश्चात पता चला कि भारत में बहुत लोग एड्स पीड़ित हो गए हैं, एड्स प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा अभियान चलाया गया जिसमें कंडोम के प्रयोग को बढ़ावा दिया गया। उसके पश्चात से कंडोम का एक बाजार बन गया है।

कंडोम का इतिहास (History of Condoms)

ऐसा माना जाता है कि कंडोम का इतिहास 5000 साल पुराना है। कंडोम का नाम लैटिन भाषा के कंडस के आधार पर रखा गया है ऐसा माना जाता है कि फ्रांस की गुफाओं में इसके कुछ चित्र मिलते हैं जो कि 5000 साल पुराने हैं, आधुनिक कंडोम का निर्माण 1640 ईस्वी में किया गया था जिसको अभी भी ऑस्ट्रिया के एक म्यूजियम में रखा गया है।

इसको सूअर की आंत द्वारा बनाया गया था 1832 में चार्ल्स गुडइयर द्वारा रबर कॉन्डम का आविष्कार किया गया था, और 1844 में पेटेंट कराया गया था। 1855 में पहली रबर कंडोम का उत्पादन किया गया था। उसके पश्चात पहला आधुनिक रबड़ कंडोम 1944 में बनाया गया आधुनिक कंडोम इतने लचीले होते हैं, कि एक कंडोम में जो लैटेक्स पॉली से बना होता है, उसमें एक गैलन पानी भरा जा सकता है। 

 आधुनिक कंडोम  को बेहतर बनाने के लिए कंपनियां और में विभिन्न प्रकार के बदलाव कर रहे हैं। आदमी कंडोम का प्रयोग सेक्स टाइमिंग बढ़ाने के साथ साथ अत्यधिक प्लेजर पाने के लिए भी किया जाता है। आज के समय में कंडोम का बाजार बहुत बड़ा हो गया है। इसमें विभिन्न प्रकार के फ्लेवर सहित विभिन्न प्रकार की वरायटी के कंडोम उपलब्ध है, जिसका प्रयोग सेक्सुअल प्लेजर के लिए किया जाता है।

कंडोम के प्रकार

कंडोम के प्रकार

प्रारंभ में कंडोम एक सुरक्षा की दृष्टि से प्रयोग किया जाता था। कंडोम का निर्माण यौन संचारित रोगों को रोकने के लिए किया गया था, किंतु बाद में तकनीकी विकास के साथ-साथ कॉन्डम के निर्माण में परिवर्तन होते गए। कंडोम का निर्माण यौन जनित रोगों को रोकने के साथ-साथ सेक्सुअल प्लेजर के लिए भी किया जाने लगा। आधुनिक समय में यौन संचारित रोगों को रोकने के लिए कम किंतु सेक्स को अधिक मजेदार बनाने के लिए कंडोम का इस्तेमाल अधिक मात्रा में किया जाता है।

दुनिया में बिकने वाले कंडोम को पुरुषों से ज्यादा महिलाएं खरीदती हैं। दुनिया में बिकने वाले कुल कंडोम का 40% महिलाओं द्वारा खरीदा जाता है, क्योंकि इसके इस्तेमाल से महिलाओं को सेक्स में अधिक प्लेजर मिलता है। आज के समय में कंडोम के बारे में पुरुषों से ज्यादा कॉन्डम की जानकारी  महिलाएं रखती हैं। बाजार में साइज गंध तथा क्षमता के हिसाब से अलग-अलग प्रकार के कंडोम उपलब्ध हैं। जिनका प्रयोग यौन जनित रोगों को रोकने के साथ-साथ सेक्स को अधिक मजेदार बनाने के लिए किया जाता है। यह कंडोम निम्नलिखित प्रकार के होते हैं

  • फ्लेवर कंडोम। 
  • एलोवेरा कंडोम।
  • वॉर्म कंडोम।
  • अल्ट्रा थिन कंडोम। 
  • एक्स्ट्रा लुब्रिकेटेड कंडोम।
  • डॉट्स कंडोम।
  • रिब्ड कंडोम।
  • अनफ्लेवर कंडोम।
  • लैटेक्स कंडोम।

फ्लेवर कंडोम

फ्लेवर कंडोम

आजकल बाजार में सेक्स क्रिया को और अधिक यादगार बनाने के लिए कंडोम समय कुछ प्रकार के फ्लेवर का प्रयोग किया जाता है। जो महिलाओं में कंडोम के सेक्स को बढ़ावा देता है। महिला को या पुरुष को जिस प्रकार का फ्लेवर अधिक पसंद होता है। यदि वे उस प्रकार के फ्लेवर युक्त कंडोम का प्रयोग सेक्स क्रिया में करते हैं, तो सेक्स क्रिया और मनमोहक व आनंददायक हो जाती है। बाजार में पान से लेकर अचार तक के फ्लेवर उपलब्ध है। यहां तक की हर प्रकार के फल तथा सब्जियों के भी फ्लेवर उपलब्ध हैं। फ्लेवर युक्त कंडोम सेक्स क्रिया के जोश को दोगुना कर देते हैं।

एलोवेरा कंडोम

एलोवेरा कंडोम

आज बाजार में कुछ ऐसे कंडोम उपलब्ध है जिसमें एलोवेरा युक्त फ्लेवर होता है। इन कंडोम में एलोवेरा युक्त लुब्रिकेंट का प्रयोग किया जाता है जिसका प्रयोग करने से प्राकृतिक रूप से एलोवेरा की चिकनाई का आभास होता है, और प्राकृतिक रूप से सेक्स करने का आभा स प्राप्त होता है।

वॉर्म कंडोम

वॉर्म कंडोम

वार्म कंडोम के प्रयोग से महिला तथा पुरुष दोनों एक दूसरे की तरफ अधिक आकर्षित होते हैं। कंपनी का कहना है कि इस कंडोम के प्रयोग से महिला तथा पुरुष के संपर्क में आने से गर्मी बढ़ जाती है, जो सेक्स में एक अलग अनुभव प्रदान करती है।

अल्ट्रा थिन कंडोम

अल्ट्रा थिन कंडोम

अल्ट्रा थिन कंडोम का प्रयोग सेक्स पावर की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाता है। जिन व्यक्तियों ने शीघ्रपतन की समस्या होती है, वह लोग इस कॉन्डम का प्रयोग करते हैं। इस पर कंडोम का प्रयोग करने से सेक्स टाइमिंग बढ़ जाती है। ऐसे कंडोम को टाइम बढ़ाने वाले कंडोम के नाम से भी जाना जाता है।

एक्स्ट्रा लुब्रिकेटेड कंडोम

एक्स्ट्रा लुब्रिकेटेड कंडोम

एक्स्ट्रा लुब्रिकेटेड कंडोम में चिकनाई अधिक मात्रा में होती है चिकनाई अधिक मात्रा में होने के कारण इनके प्रयोग से सेक्स क्रिया का अलग अनुभव प्राप्त होता है, क्योंकि एक्स्ट्रा चिकनाई होने के कारण लिंग तथा योनि के घर्षण का आभास नहीं होता है। जिन महिलाओं में सेक्स पावर अथवा महिलाओं में कामेच्छा की कमी के कारण योनि में हार्मोन का श्रावण नहीं होता है, जिसके कारण योनि में पर्याप्त मात्रा में चिकनाई नहीं होती है उनके लिए यह कंडोम बहुत ही उपयोगी होता है, जो  महिलाओं को सेक्स की संतुष्टि प्रदान करता है।

डॉट्स कंडोम

डॉट्स कंडोम

डॉटेड कंडोम का प्रयोग सेक्स क्रिया के लिए लिया जाता है डॉटेड कंडोम मैं छोटे-छोटे बहुत सारे डॉट होते हैं जो सेक्स क्रिया के समय अतिरिक्त सुख प्रदान करते हैं। जिन महिलाओं की स्किन सेंसेटिव होती है उनको इस कंडोम का प्रयोग नहीं करना चाहिए यह कंडोम सामान्य कंडोम से अधिक प्लेजर प्रदान करते हैं।

रिब्ड कंडोम

रिब्ड कंडोम

इस कंडोम के चारों तरफ गोल छल्ले नुमा संरचनाएं होते हैं। इस रचनाओं के कारण रिब्ड कंडोम सामान्य कंडोम से भिन्न होता है, जो सेक्स क्रिया के समय एक्स्ट्रा प्लेजर के लिए प्रयोग किया जाता है। जिनके लिंग पतले होते हैं, जिसके कारण महिलाओं को पर्याप्त सेक्स सुख नहीं प्राप्त होता है, वह पुरुष इस कंडोम का प्रयोग करते हैं। जिसके कारण योनि में एक्स्ट्रा घर्षण प्राप्त होता है, जिसके कारण एक्स्ट्रा प्लेजर की प्राप्ति होती है।

अनफ्लेवर कंडोम

अनफ्लेवर कंडोम सामान्य कंडोम होते हैं। जिनका प्रयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों को तथा गर्भधारण से बचने के लिए किया जाता है। इनमें किसी प्रकार की गंध तथा डॉट्स नहीं होते हैं यह बिल्कुल प्लेन तथा प्रारंभिक स्तर के कंडोम होते हैं। 

लैटेक्स कंडोम

लैटेक्स कंडोम

लैटेक्स कंडोम एक विशेष प्रकार की पाली से बना होता है जिसको लेटेक्स होती है। इस पॉलिसी बने सभी कंडोम बहुत अधिक पतले होते हैं, जिनका प्रयोग करने पर प्रयोग करने वाले को समझ में नहीं आता है, कि कंडोम का प्रयोग किया गया है या नहीं इसलिए यह कंडोम बहुत अधिक मात्रा में प्रयोग किए जाते हैं। लेटेस्ट कंडोम इतने पतले तथा लचीले होते हैं कि इनमें एक गैलन पानी भरा जा सकता है।

कंडोम के फायदे

प्रारंभिक दौर में कंडोम का इस्तेमाल जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए किया जाता था तथा कुछ समय पश्चात इसका प्रयोग यौन संचारित रोगों को रोकने के लिए किया जाने लगा किंतु आज के समय में इनके साथ-साथ विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए कंडोम का प्रयोग किया जा रहा है, तथा सेक्सुअल प्लेजर के लिए भी कंडोम का प्रयोग किया जाता है।

आज के विकसित समय में बाजार में विभिन्न प्रकार के कंडोम से उपलब्ध है। जिनका प्रयोग अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरीके से किया जाता है, और हर प्रकार  के कंडोम के लिए अलग प्रक्रिया होती है। यदि आपको विशेष गंध वाले कंडोम पसंद है, तो आप फ्लेवर्ड कंडोम का प्रयोग कर सकते हैं, वहीं यदि आपको सेक्सुअल प्लेजर की आवश्यकता है तो आप डॉटेड कंडोम तथा अन्य विशेष प्रकार के सेक्सुअल प्लेजर वाले कंडोम का प्रयोग कर सकते हैं। कंडोम यूज करने के फायदे होते हैं जो निम्नलिखित हैं

  • क्लैमाइडिया। 
  • सिफलिस। 
  • गोनोरिया। 
  • एचआईवी। 
  • गर्भनिरोधक।
  • sex time badhane me 
  • एक्सट्रा प्लेजर के लिए। 
  • शीघ्रपतन। 

क्लैमिडिया

क्लैमिडिया

क्लैमिडिया एक यौन संचारित रोग होता है, जो क्लैमिडिया ट्राकोमोटिस जीवाणु के संक्रमण के कारण फैलता है। इसका संक्रमण महिलाओं तथा पुरुषों के जननांगों को प्रभावित करता है। क्लैमिडिया का जीवाणु महिला के प्रजनन अंगों को हानि पहुंचाता है। क्लैमिडिया योनिक, गुदा मैथुन या मुख मैथुन से संचारित हो सकता है। कंडोम के प्रयोग से क्लैमिडिया रोग का संचार नहीं हो पाता है, जिससे इसका एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचना संभव नहीं होता है अतः कंडोम के प्रयोग से क्लैमिडिया रोग संचालित नहीं होता है।

सिफलिस

सिफलिस

सिफलिस एक प्रकार का यौन संचारित रोग होता है, जिसमें मुख्य रूप से ब्रेन तथा हार्ट में प्रभाव होता है। सिफलिस एक विषाणु जनित जनित रोग होता है, जो ट्रैपोनेमा पैलिडम नामक विषाणु द्वारा फैलता है। इसके फैलने का मुख्य कारण एवं संचरण होता है। यह ओरल, गुदा तथा योनि सेक्स द्वारा संचारित होता है। कंडोम के प्रयोग से इस रोग के संचार को रोका जाता है।

अतः जब सेक्स क्रिया करते समय कंडोम का प्रयोग किया जाता है तो सिफलिस का जीवाणु एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं पहुंच पाता है, जिससे इसका फैलाव रुक जाता है। अतः सिफलिस इसके रोकथाम के लिए कंडोम का प्रयोग सेक्स करने के समय करना चाहिए।

गोनोरिया

गोनोरिया

गोनोरिया मुख्य रूप से जननांगों को प्रभावित करने वाला रोग होता है। जिसके कारण जननांगों लिंग तथा योनि के आसपास घाव हो जाते हैं और इन घाव से गहरे पीले रंग का श्राव निकलता है, जो बदबूदार होता है। यदि इसकी रोकथाम ना की जाए तो या अन्य अंग को भी प्रभावित करता है। इसका संक्रमण शारीरिक संबंध स्थापित करने के कारण होता है।

जब किसी महिला तथा पुरुष के मध्य शारीरिक संबंध स्थापित किए जाते हैं, तो इसका जीवाणु एक से दूसरे के पास पहुंच जाता है। इस प्रकार इसका प्रसार होता रहता है, किंतु जब सेक्स क्रिया करते समय कंडोम का प्रयोग किया जाता है, तो इसका प्रसार हो नहीं हो पाता है, क्योंकि कंडोम का इस्तेमाल करते समय स्त्री तथा पुरुष के आंतरिक अंगों का संपर्क नहीं होता है। जिसके कारण गोनॉरिया रोग नहीं  फैलने पाता है। इसलिए गोनोरिया रोग की रोकथाम के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया जाता है।

एचआईवी एड्स

एचआईवी एड्स

एचआईवी एड्स यौन संचारित रोग होता है। एड्स का पूरा नाम ह्यूमन अमीनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम जिसके कारण व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाती है। इसका प्रसार एचआईवी जीवाणु के कारण होता है, जो शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को धीरे-धीरे खोखला कर देता है। एचआईवी का संचार माध्यम एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में शारीरिक संबंध स्थापित करने के दौरान होता है।

जब किसी व्यक्ति का रक्त किसी अन्य व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आता है, तब या फिर यौन अंगों के संबंध स्थापित करने के समय एचआईवी जीवाणु एक दूसरे में फैलता है। 2016 में बहुत सारे भारतीय व्यक्तियों को एचआईवी हो गया था तब सरकार ने कंडोम का प्रयोग करते हुए एचआईवी की रोकथाम के लिए एक अभियान चलाया था। एचआईवी एड्स को कंडोम के प्रयोग द्वारा रोका जा सकता है। इसका रोकथाम के लिए सेक्स क्रिया करते समय कंडोम का प्रयोग करना चाहिए जिससे एचआईवी जैसा जीवाणु फैलने में असुविधा होती है।

गर्भनिरोधक

कंडोम का प्रयोग गर्भनिरोधक के रूप में किया जाता है। जब हम असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करना चाहते हैं किंतु संबंध स्थापित करने के पश्चात गर्भ धारण नहीं करना चाहते हैं, तो महिलाएं कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।

जब एक महिला तथा पुरुष असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करते हैं किंतु उस समय विभिन्न कारणों से महिला प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती है, तो उस समय महिला को गर्भधारण से बचाने के लिए पुरुष द्वारा कंडोम का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि कंडोम पुरुष द्वारा इस फलित करने वाले वीर्य को जिस में  शुक्राणु होते हैं महिला की योनि में जाने से रोकता है जिसके कारण महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं।

गर्भनिरोधक

कंडोम गर्भनिरोधक का सबसे कम साधन है तथा यह सबसे सुरक्षित भी है। आज के समय में हर व्यक्ति सीमित जनसंख्या तथा सीमित परिवार चाहता है परिवार नियोजन के लिए महिलाएं गर्भ निरोधक टेबलेट का प्रयोग करती हैं। किंतु कभी-कभी टेबलेट से उपलब्ध ना होने के कारण गर्भधारण होने का खतरा रहता है ऐसी स्थिति में पुरुषों द्वारा कंडोम का प्रयोग किया जाता है। अतः कंडोम का प्रयोग परिवार नियोजन के लिए किया जाता है ।

सेक्स टाइम बढाने के लिए sex time badhane me 

आज कार बाजार में कुछ विशेष प्रकार के कंडोम उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग सेक्स टाइमिंग को बढ़ाने के लिए किया जाता है आज के इस विकसित समय में सब कुछ संभव हो गया है। जिन पुरुषों में विभिन्न प्रकार की शारीरिक कमजोरियों के कारण से  शीघ्रपतन तथा शीघ्र स्खलन की समस्या होती है तथा जिनके कारण पुरुषों में सेक्स टाइमिंग कम हो जाती है, शारीरिक क्षमता के कम होने के कारण सेक्स टाइमिंग बढ़ाने के लिए दवा के रूप में आजकल कंडोम का प्रयोग किया जाता है।

इन कंडोम को पहनने के बाद यह इस तरह से बने होते हैं कि सेक्स क्रिया का अनुभव महिला को तो पर्याप्त रूप में होता है, किंतु पुरुष के लिंग पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है, इसलिए इन कंडोम के पहनने के बाद पुरुषों में सेक्स टाइमिंग बढ़ जाती है। पुरुषों में सेक्स टाइमिंग बढ़ाने के लिए अन्य विशेष प्रकार की खाद पदार्थों का प्रयोग भी किया जा सकता है इन खाद्य पदार्थों को कामेच्छा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ भी कहते हैं।

एक्सट्रा प्लेजर के लिए 

एक्सट्रा प्लेजर के लिए 

आज के समय में कंडोम का प्रयोग करना एक फैशन सा हो गया है। सेक्स क्रिया के लिए पुरुष तथा महिलाओं द्वारा विशेष प्रकार के कंडोम का प्रयोग किया जाता है। यह कंडोम विभिन्न प्रकार की बीमारियों के साथ-साथ अतिरिक्त सेक्स संवेदना के लिए प्रयोग किए जाते हैं। जिनका प्रयोग करने से महिला तथा पुरुष दोनों को एक्स्ट्रा सेक्स प्लेजर प्राप्त होता है।

यह कंडोम विशेष प्रकार की आकृतियां वाले होते हैं जिनके ऊपर कुछ विशेष आकृति बने होते हैं, जिनके कारण  इनकी प्लेजर क्षमता बढ़ जाती है। आजकल पुरुष तथा महिलाएं एक्स्ट्रा प्लेजर के लिए एक्स्ट्रा डॉटेड तथा ड्यूरेक्स जैसा कंडोम का प्रयोग करते हैं। यह कंडोम एक्स्ट्रा प्लेजर के साथ-साथ अन्य बीमारियों से भी बचाते हैं जो यौन संचारित होती हैं।

शीघ्रपतन 

शीघ्रपतन पुरुषों में सेक्स से संबंधित एक ऐसी बीमारी है जो पुरुषों को सेक्स क्रिया के समय शर्मिंदा बना देते हैं शीघ्रपतन पुरुषों में शारीरिक कमजोरी के कारण होने वाली एक बीमारी होती है, जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के श्रावण के कारण होती है। जिसमें टेस्टोस्टरॉन सेक्स हारमोंस का श्रावण कम हो जाता है और पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है, क्योंकि टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के समय कम होने के कारण शुक्राणु बनना बंद हो जाते हैं, जिसके कारण वीर्य पतला हो जाता है।

पतले वीर्य की समस्या के कारण पुरुषों में सेक्स क्रिया करते समय 2 मिनट के अंदर ही स्खलन हो जाता है। जिसे शीघ्रपतन शीघ्र स्खलन की बीमारी के नाम से जानते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ विशेष प्रकार के कंडोम का प्रयोग किया जाता है, जो शीघ्रपतन की समस्या को कम कर देते हैं तथा पुरुषों की सेक्स टाइमिंग को बढ़ाते हैं।

निष्कर्ष

कंडोम आज के समय में सेक्स क्रिया को बेहतर बनाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। सेक्स क्रिया को बेहतर बनाने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याओं से निपटने के लिए कंडोम का प्रयोग किया जाता है। कंडोम का मुख्य प्रयोग यौन संचारित रोगों को बढ़ने से रोकने के लिए किया जाता है, जिसमें एड्स एक प्रमुख बीमारी है, जिसका संचार रोकने के लिए सेक्स क्रिया के समय कंडोम का प्रयोग किया जाता है।

किंतु आधुनिक समय में सेक्स के पलों को यादगार बनाने के लिए कंडोम का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि बाजार में विभिन्न प्रकार के अधिक प्लेजर तथा गंध वाले कंडोम से उपलब्ध हैं, जिनका प्रयोग करके सेक्स जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है। उपरोक्त लेख में विभिन्न प्रकार के कंडोम के फायदे बताए गए हैं जिनके द्वारा आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। 

FAQ

कंडोम लगाने से क्या फायदा होता है?

कंडोम लगाने से विभिन्न प्रकार के फायदे होते हैं कंडोम लगाने के फायदे उपरोक्त लेख में बताए गए हैं जिनके अध्यक्ष के पश्चाताप कंडोम प्रयोग के फायदे के बारे में आप जान सकते हो वैसे कंडोम के प्रयोग से यौन संचारित रोग जैसे एड्स तथा गोनोरिया आदि पर रोक लगती है, तथा आज के समय में कंडोम एक्टर प्लेजर सेक्स के लिए भी प्रयोग किए जाते हैं। इसके साथ साथ विभिन्न प्रकार के बीमारियों जैसे शीघ्रपतन तथा पतले लिंग की समस्या को दूर करने के लिए कंडोम का प्रयोग किया जाता है। 

कंडोम किस काम में आता है?

कंडोम का प्रयोग परिवार नियोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है, जिसके द्वारा असुरक्षित यौन संबंध के पश्चात गर्भधारण से बचने के लिए लिया जाता था। इसके साथ साथ यह विभिन्न प्रकार की यौन संचारित बीमारियों को भी रोकता है। लेकिन आज के समय में  इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याओं से बचने के लिए भी किया जाता है। साथ ही साथ सेक्स क्रियाओं को यादगार बनाने के लिए कंडोम का प्रयोग किया जाता है। 

दुकान से कंडोम कैसे खरीदें?

आज के सामान में कंडोम खरीदना कोई शर्म की बात नहीं है किन्तु तो बहुत लोग कंडोम खरीदते समय शर्म तथा संकोच करते हैं। कंडोम खरीदने के लिए किसी भी दुकान या मेडिकल स्टोर पर जाकर आप अपने पसंदीदा कंडोम का नाम बता कर दुकानदार से कंडोम ले सकते हैं। इसके साथ-साथ आजकल  बहुत सारी ऑनलाइन वेबसाइट पर भी कंडोम उपलब्ध होते हैं जिनको आप कहीं भी गुप्त डिलीवरी करा सकते हैं यह बड़ी आसानी से आप तक पहुंच जाते हैं।

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