रुद्राक्ष के स्वस्थ्य से जुड़े लाभ | Health Benefits of Rudraksha

रुद्राक्ष पृथ्वी पर प्रकृति द्वारा दिया गया एक ऐसा वरदान स्वरुप पदार्थ है, जो मनुष्य को सभी समस्याओं से बचाने में बहुत ही उपयोगी साबित हुआ है अर्थात रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए सभी प्रकार की दैवीय शक्तियों तथा शारीरिक समस्याओं को ठीक किया जा सकता है इसके अलावा यदि आपके मस्तिष्क में किसी प्रकार का मानसिक विकार है जिसके कारण आप को बहुत अधिक परेशानी हो रही है, तो उसको भी रुद्रा की सहायता से ठीक किया जा सकता है। इसलिए रुद्राक्ष का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व माना गया है। रुद्राक्ष का महत्व प्राचीन काल से ही ग्रंथों तथा पुराणों में बताया गया है, क्योंकि रुद्राक्ष को भगवान शिव के अंश से उत्पन्न माना जाता है, जिससे रुद्राक्ष भगवान शिव का सबसे प्रियतम अंग आभूषण माना जाता है, जो शिव भक्त रुद्राक्ष धारण करते हैं। भगवान शिव पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं और उनको किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या नहीं होती है। इसलिए आज के इस लेख में हम आपको Health Benefits of Rudraksha के बारे में जानकारी देंगे जिससे आप Health Benefits of Rudraksha को जानकर अपने शरीर को स्वस्थ तथा मजबूत बना सके तथा अपने शरीर से मानसिक विकारों को दूर कर सकें।

Table of Contents

रुद्राक्ष क्या है? (What is Rudraksh?)

Health Benefits of Rudraksha

सामान्य रूप से देखा जाए तो रुद्राक्ष इलियोकार्पस गेनिट्रस नामक पौधे के फलों का एक बीज होता है, जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवा में किया जाता है तथा इसमें विभिन्न प्रकार के गैसीय तथा धातुई तत्व पाए जाते हैं, जिसमें कार्बन 50.031 %, हाईड्रोजन 17.897 %, नाइट्रोजन 0.095 %, आक्सीजन 30.453% इसके अतिरिक्त एल्युमिनियम, कैल्शियम, तांबा, कोबाल्ट, तांबा, आयरन की मात्रा भी होती है इसके अलावा रुद्राक्ष में डाईइलेक्ट्रोमैग्नेटिक तत्व पाए जाते हैं, जिनका प्रयोग विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। किंतु यदि पौराणिक तथा सहायक मान्यताओं के अनुसार देखा जाए तो रुद्राक्ष को भगवान शिव की आंखों से बंद होने वाले आंसुओं का एक अंश माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के आँखों से गिरने वाले आंसुओं से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई है, जिसके कारण यह भगवान शिव का एक अंश माना जाता है और भगवान शिव इसे अपने शरीर में आभूषण के रूप में धारण करते हैं तथा जो लोग भगवान शिव के अधिक प्रियतम आभूषण रुद्राक्ष को अपने शरीर में धारण करते हैं उन पर भगवान शिव की अत्यंत कृपा होती है, जिससे वह व्यक्ति अपने जीवन में सभी प्रकार से सफलता प्राप्त करता है। 

रुद्राक्ष के स्वास्थ्य संबंधी महत्व (Health Benefits of Rudraksha)

Health Benefits of Rudraksha

प्रकृति में विभिन्न प्रकार के रुद्राक्ष पाए जाते हैं इसलिए रुद्राक्ष के मूर्खों के आधार पर Health Benefits of Rudraksha के महत्व को बताया गया है, क्योंकि प्रत्येक प्रकार के रुद्राक्ष का महत्व अलग होता है। विभिन्न प्रकार के अलग-अलग रोगों तथा शारीरिक व सामाजिक समस्याओं के साथ-साथ दैवी शक्तियों से बचने के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग अलग-अलग प्रकार से किया जाता है। वर्तमान समय में लगभग 14 प्रकार के रुद्राक्ष पृथ्वी पर उपलब्ध है जिनके लाभ व्यक्ति को मिल सकते हैं, इसलिए यदि आप विभिन्न प्रकार के समस्याओं तथा शारीरिक यातनाओ से परेशान हैं तो रुद्राक्ष आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

रुद्राक्ष को हम कई प्रकार से स्वास्थ्य तथा लाभ संबंधी मान सकते हैं क्योंकि रूद्राक्षा में जादू टोने तथा तंत्र मंत्र व दैवीय शक्तियों के साथ साथ विभिन्न प्रकार के शारीरिक समस्याओं से बाहर निकालने में मदद करता है। इसलिए रुद्राक्ष हमारे जीवन के लिए तथा हमारे शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। आपको बहुत अच्छे शारीरिक बीमारियां रहती हैं या फिर आप दैनिक जीवन की विभिन्न समस्याओं से परेशान रहते हैं। इन सभी समस्याओं के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसमें आयुर्वेदिक औषधीय गुणों के साथ-साथ चुंबकीय गुण तथा कुछ दैवीय शक्तियां होती हैं, जो व्यक्ति को सभी प्रकार के संकटों से दूर ले जाती हैं और प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक मानसिक तथा सामाजिक रूप से सुख तथा समृद्धिता के साथ-साथ जीवन में सफल बनाती हैं।

रुद्राक्ष के स्वास्थ्य से जुड़े लाभ (Health Benefits of Rudraksha)

Health Benefits of Rudraksha

पहले के समय में लोग रुद्राक्ष को एक भक्ति भावना के रूप में गले में धारण करते थे और वह यह समझते थे कि इसको धारण करने से केवल भगवान शंकर की कृपा के कारण ही हमारे सारे काम सफल होते हैं, किंतु वास्तव में व्यक्ति के सभी कार्य रुद्राक्ष में विद्यमान सकारात्मक ऊर्जा के कारण सफल होते हैं। हम इस तथ्य को नकार नहीं सकते हैं कि भगवान शंकर की कृपा रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति पर नहीं होती है, किंतु वास्तविक रूप में इसके दैवीय लाभ के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधि लाभ भी होते हैं क्योंकि रुद्राक्ष में बहुत अधिक मात्रा में आयुर्वेदिक औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण रुद्राक्ष विभिन्न प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए सक्षम माना जाता है।

इसलिए Health Benefits of Rudraksha प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष को एक आयुर्वेदिक औषधि की तरह प्रयोग किया जाता है तथा आयुर्वेद शास्त्री द्वारा इसको प्रयोग करने की विधि की जानकारी लेकर के यदि आप बताए गए नियम के अनुसार किसी भी रोग के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग करते हैं, तो निश्चित रूप से ही आपको लाभ प्राप्त होता है। रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है अर्थात निम्नलिखित रोगों को ठीक करने के लिए रुद्राक्ष के स्वास्थ्य से जुड़े लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

  • रक्त परिसंचरण के लिए उपयोगी।  
  • रुद्राक्ष के चुंबकीय बल के लाभ। 
  • मष्तिस्क को नियंत्रित मे लाभकारी।
  • नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए।
  • रुद्राक्ष के एंटीबैक्टीरियल गुणों के लाभ। 
  • हृदय रोगों मे लाभकारी। 
  • रुद्राक्ष स्मरण शक्ति को करे मजबूत। 
  • सौंदर्य तथा चर्म रोगों के लिए उपयोगी।

रक्त परिसंचरण के लिए उपयोगी 

Health Benefits of Rudraksha

Health Benefits of Rudraksha हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होता है क्योंकि रुद्राक्ष का प्रयोग करने से हमारे शरीर का रक्त परिसंचरण तंत्र संतुलित रहता है, क्योंकि रुद्राक्ष में डाई इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तत्व पाए जाते हैं, जो किसी भी शरीर के अंग में रक्त संचार में प्रयोग होने वाली रक्त शिराओं तथा धमनियों में होने वाले अवरोध को ठीक करने में सहयोग करता है, जैसा कि आप जानते हैं कि रक्त में आयरन की मात्रा होती है तथा रुद्राक्ष में डाई इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तत्व होने के कारण रुद्राक्ष रक्त के आयरन के कणों को अपनी ओर आकर्षित करता है, जिसके कारण यदि शरीर के किसी भी क्षेत्र में रक्त संचार प्रतिबंधित होता है, तो वह सुचारू रूप से संचालित हो जाता है।

इसलिए यदि आपके शरीर में तथा शरीर के किसी अंग में रक्त संचार प्रतिबंधित है, तो उस क्षेत्र में रुद्राक्ष का प्रयोग किया जा सकता है। रक्त संचार प्रतिबंधित होने के कारण हमारे शरीर में अंगों के कार्य न करने तथा लकवा जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है, क्योंकि उस क्षेत्र में जब पर्याप्त रूप से रक्त संचार नहीं होता है तो वहां की हड्डियां तथा मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं, जिसके कारण उस अंग में पैरालिसिस की समस्या हो जाती है इस समस्या से बचने के लिए हमें उस क्षेत्र में रक्त संचार को पर्याप्त रूप से बनाए रखना बहुत ही आवश्यक होता है। इसलिए यदि आपके शरीर में शरीर के किसी अंग में रक्त संचार सामान्य रूप से नहीं हो रहा है, तो रुद्राक्ष की माला को धारण किया जा सकता है या फिर रुद्राक्ष का लेप लगाया जा सकता है जिससे रुद्राक्ष में उपस्थित मैग्नेटिक गुड़ के कारण वहां से रक्त संचार सामान्य रूप से होने लगता है। 

रुद्राक्ष के चुंबकीय बल के लाभ 

रुद्राक्ष के चुंबकीय बल

जैसा कि आपको प्राप्त बताया गया है कि रुद्राक्ष में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तत्व पाए जाते हैं जिसके कारण इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। आधुनिक समय में विभिन्न प्रकार के रोगों को चुंबकीय थेरेपी द्वारा ठीक किया जाता है। जिन लोगों को चुंबकीय थेरेपी द्वारा ठीक किया जाता है उन सभी प्रकार के रोगों को रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए ठीक किया जा सकता है, क्योंकि रुद्राक्ष के चुंबकीय प्रभाव के कारण शरीर पर वही प्रभाव पड़ता है, जो एक सामान्य चुंबक द्वारा किसी भी प्रकार की थेरेपी की जाती है।

आधुनिक समय में रक्त संचार शरीर के किसी हिस्से में दर्द या जोड़ों में दर्द की समस्या आदि को ठीक करने के लिए चुंबकीय थेरेपी का प्रयोग किया जाता है, जिसके द्वारा चुंबक को विभिन्न क्षेत्रों में टेप या धागे की सहायता से लगा दिया जाता है तथा लगातार इसकी मॉनिटरिंग की जाती है, इसे चुंबकीय चिकित्सा कहा जाता है जिसके द्वारा अस्थमा, हृदय, नाक, खांसी और सर्दी, जोड़ों के दर्द, रीढ़ की समस्याओं, पेट दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, सीने में दर्द, एसिडिटी, स्पॉन्डिलाइटिस, माइग्रेन, रक्तचाप और कमजोरी जैसी बीमारियों को ठीक किया जाता है, इसलिए जिन लोगों को भी यह सभी बीमारियां होती हैं, वह लोग Health Benefits of Rudraksha के चुंबकीय प्रभाव का प्रयोग करते हुए इन सभी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं।

मष्तिस्क के नियंत्रण में लाभकारी

Health Benefits of Rudraksha

अपनी इंद्रियों को अपने नियंत्रण में रखने वाला व्यक्ति साधारण व्यक्ति नहीं होता है, उसे हम एक सिद्ध पुरुष कह सकते हैं क्योंकि अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण पाने वाले एक ही वीर योद्धा था जिसे रामायण के लक्ष्मण के नाम से जाना जाता है। लक्ष्मण जी को अपनी इंद्रियों को अपने वश में किया हुआ था जिसके कारण उनको उनकी इच्छा के अनुसार ही भूख प्यास तथा अन्य शारीरिक इच्छाएं जागृत होते थे, किंतु यदि आप अपने मस्तिष्क को नियंत्रित करना चाहते हैं तो आपको अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखना बहुत ही आवश्यक हो जाता है।

ऐसे में मस्तिष्क को शांत रखने तथा इंद्रियों को नियंत्रित करने के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता है, जो लोग रुद्राक्ष धारण करते हैं उनका मस्तिष्क बहुत अधिक विचलित नहीं होता है, जिसके कारण वे विभिन्न प्रकार के संसारिक दुख और संकट में एक जैसे बने रहते हैं, उनके जीवन में यदि कोई बहुत बड़ा कष्ट आता है तो वे भयभीत नहीं होते हैं और साहस और धैर्य पूर्वक कार्य लेते हैं और इसी तरह यदि कोई सुख आता है, तो वह बहुत अधिक उत्साहित नहीं होते हैं।

इसलिए ऐसे व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं यदि आप भी अपने मस्तिष्क को नियंत्रित करना चाहते हैं तथा संसार के मोह माया से दूर रहना चाहते हैं तो आपको 4 मुखी रुद्राक्ष, 6 मुखी रुद्राक्ष या फिर 9 मुखी रुद्राक्ष में से किसी एक रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए इससे आपका मस्तिष्क के कार्य तथा नियंत्रित रहता है।

नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए

नकारात्मक ऊर्जा

जब हमारा मस्तिष्क विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों के कारण नकारात्मक विचार उत्पन्न करता है या फिर हम तनावग्रस्त होते हैं, तो हमारे शरीर से एक विशेष प्रकार की ऊर्जा उत्सर्जित होती है। विज्ञान कहता है कि जब मस्तिष्क तनावग्रस्त रहता है तो हमारे तनावग्रस्त होने के कारण आने वाले विचारों से एक नकारात्मक ऊर्जा निकलती है जो हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करती है तथा हमारे आसपास के ऊर्जा को नकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित कर देती है, जिसके कारण हमारे विचार नकारात्मकता में परिवर्तित हो जाते हैं तथा हम किसी भी कार्य के लिए नकारात्मक सोच उत्पन्न करने लगते हैं। यही कारण है कि जब हम तनावग्रस्त होते हैं तो हम विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के लिए असफल हो जाते हैं।

हमारे दिमाग में बहुत अधिक नकारात्मक विचार आने लगते हैं, किंतु रुद्राक्ष में डाई इलेक्ट्रॉनिक मैग्नेटिक गुण होते हैं जिसके कारण यदि हम नकारात्मक विचारों के कारण नकारात्मक ऊर्जा का उत्सर्जन करते हैं, तो रुद्राक्ष इस ऊर्जा को अवशोषित करके इसे सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित कर देते हैं, जिसके कारण इस नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हमारे रक्त परिसंचरण तंत्र तथा हमारे हृदय पर नहीं पड़ता है और हमारा शरीर नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से सुरक्षित रहता है। नकारात्मक ऊर्जा के कारण ही हमें विभिन्न प्रकार के डरावने सपने तथा विचारों का सामना करना पड़ता है जो हमें भूत प्रेत होने की शंका को उत्पन्न करते हैं।

रुद्राक्ष के एंटीबैक्टीरियल गुणों के लाभ

एंटीबैक्टीरियल गुणों

रुद्राक्ष आयुर्वेदिक गुणों की एक बहुत बड़ी खान होता है इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण के साथ-साथ एंटीसेप्टिक तथा anti-inflammatory गुण भी पाए जाते हैं, जिसके कारण इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के संक्रामक बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। जिन लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण तथा बाहरी संक्रमण के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो जाती हैं जिनके कारण उनको विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को रुद्राक्ष के एंटीबैक्टीरियल गुणों का लाभ प्राप्त करना चाहिए जिससे कि इन सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सके Health Benefits of Rudraksha के एंटीबैक्टीरियल गुणों को प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष को पीतल के पात्र में शुद्ध जल में भिगो देना चाहिए तथा रात भर इन्हें इसी जेल में भीगना देना चाहिए तथा प्रातः कालीन रुद्राक्ष को निकाल कर इस जल को ग्रहण करना चाहिए।

इस जल में पर्याप्त रूप से एंटीबैक्टीरियल तथा अन्य सभी प्रकार के रुद्राक्ष में उपलब्ध तत्व घुल जाते हैं, जिसके कारण यदि आप इस जल को ग्रहण करते हैं तो आपके शरीर से सभी प्रकार के बैक्टीरियल रोग समाप्त हो जाते हैं अर्थात आपके शरीर में जो भी संक्रमण संबंधी रोग होते हैं। वह ठीक हो जाते हैं इसके अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है, जिससे हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने में सक्षम होता है रुद्राक्ष का पानी पीने के अलावा रुद्राक्ष के पाउडर का प्रयोग भी दही या दूध के साथ किया जा सकता है, रुद्राक्ष का पाउडर हमारे पाचन क्रिया के लिए भी बहुत ही उपयोगी होता है।

रुद्राक्ष हृदय रोगों मे लाभकारी

Health Benefits of Rudraksha

जैसा कि हम जानते हैं कि रुद्राक्ष में डायरेक्ट रोमांटिक तत्व होते हैं जिसके कारण या हमारे आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है तथा हमारे शरीर के रक्त संचार को संतुलित रखने में उनके रुद्राक्ष मदद करता है, डॉक्टरों के अनुसार ह्रदय संबंधी जितने भी समस्याएं होती हैं, वह रक्त संचार के असंतुलित हो जाने के कारण होते हैं और यदि हमारे शरीर का रक्त संचार संतुलित रहता है, तो हमारे शरीर में किसी प्रकार के भी हृदय संबंधी समस्या नहीं होती है। जब हमारे शरीर में रक्त संचार प्रतिबंधित होता है तो हमारे ह्रदय को अत्यधिक दबाव के साथ काम करना पड़ता है जिसके कारण हृदयाघात जैसी समस्याएं हो जाती हैं, जिसे सामान्य भाषा में हर्टैक कहा जाता है

आधुनिक समय में हार्ट टैक की समस्या बहुत अधिक देखने को मिल रही है, इसका यही कारण है कि आधुनिक समय के खानपान तथा रहन-सहन व जीवनशैली के कारण हमारा रक्त परिसंचरण तंत्र सुरक्षित नहीं है। हमारे रक्त में बहुत अधिक फैट तथा एसिड उपलब्ध होता है जिसके कारण हमारे शरीर में रक्त संचार तथा पाचन तंत्र प्रभावित होता है और हमें विभिन्न प्रकार के हृदय संबंधी बीमारियां हो जाती हैं, जिनके कारण बहुत सारे व्यक्तियों की मृत्यु भी हो जाती है। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए हमें रुद्राक्ष का प्रयोग करना चाहिए जो हृदयाघात जैसी बीमारियों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो सकता है।

रुद्राक्ष स्मरण शक्ति को करे मजबूत 

रुद्राक्ष स्मरण शक्ति को करे मजबूत 

जब हम अपने मस्तिष्क को संतुलित नहीं रख पाते हैं और हमारा मस्तिष्क का ध्यान एक स्थान पर केंद्रित नहीं रहता है, तो हम किसी भी बात को बहुत जल्दी भूल जाते हैं या फिर जब हमारे आसपास नकारात्मक ऊर्जा की मात्रा बढ़ जाती है, तो हमारे मस्तिष्क को केंद्रित करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इसलिए हमारी स्मरण शक्ति कमजोर होने लगती है जो छात्र अपनी पढ़ाई में कमजोर रह जाते हैं, उसका मुख्य कारण छात्रों के ही स्मरण शक्ति का मजबूत ना होना होता है। कमजोर स्मरण शक्ति के कारण छात्र-छात्राएं पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं जिसके कारण उनको जीवन में विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए रुद्राक्ष का प्रयोग करते हुए मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने का कार्य किया जा सकता है।

जब हम रुद्राक्ष धारण करते हैं तो हमारे आसपास सहार आत्मक ऊर्जा का एक औरा बनता है जिसके कारण हमारे मस्तिष्क में केवल सकारात्मक विचार ही आते हैं तथा हमारे मस्तिष्क से उत्सर्जित होने वाली ऊर्जा को रुद्राक्ष और सूचित कर लेता है जिसके कारण ऊर्जा के साथ हमारे मस्तिष्क के विचार है हमारे आस पास एक और शोषित रहते हैं और समय आने पर हमारा दिन मस्तिष्क उन्हें रिस्टोर कर लेता है, जिससे व्यक्ति की स्मरण शक्ति मजबूत रहती है अर्थात जब हमारा मस्तिष्क सकारात्मक ऊर्जा के संपर्क में रहता है तो हमारे मस्तिष्क को ध्यान केंद्रित करने में सहयोग प्राप्त होता है, जिसके कारण हमारे मस्तिष्क की स्मरण शक्ति मजबूत होती है। इसलिए जिन छात्र-छात्राओं की स्मरण शक्ति कमजोर होती है जिन व्यक्तियों की स्मरण शक्ति कमजोर होती है उनको रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

सौंदर्य तथा चर्म रोगों के लिए उपयोगी

Health Benefits of Rudraksha

जैसा कि आपको प्रूफ बताया गया है कि रुद्राक्ष में एंटीबैक्टीरियल तथा एंटीबायोटिक तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर पर विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया तथा संक्रमण को फैलने से रोकते हैं हमारे शरीर की त्वचा पर जितने भी प्रकार के रोग होते हैं। वह लगभग ज्यादातर संक्रमण तथा बैक्टीरिया के कारण ही होते हैं, इसलिए जब हम रुद्राक्ष का प्रयोग करते हैं तो हमारे शरीर में बैक्टीरिया तथा संक्रमण से लड़ने की क्षमता का विकास होता है, जिसके कारण हमारे शरीर में तथा हमारे शरीर की ऊपरी त्वचा पर किसी प्रकार कोई संक्रमण नहीं होता है और हमारी त्वचा सुंदर बनी रहती है। जिन लोगों को शरीर मे दाग, झाई, मुहासे, खुजली,झुर्री तथा अन्य त्वचा के संक्रमण जैसी समस्याएं होती है उनको रुद्राक्ष का प्रयोग करना चाहिए जिससे उनकी त्वचा सुंदर तथा आकर्षक दिखाई देती है रुद्राक्ष का प्रयोग विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन में भी किया जाता है।

निष्कर्ष

हम दैनिक रूप से विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक प्रदूषण तथा अन्य प्रकार के प्रदूषण का सामना करते हैं जो हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है। इसके अलावा वातावरणीय प्रदूषण के कारण प्रकृति में उपस्थित खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी के कारण हमारे शरीर में विभिन्न बीमारियां होने लगती हैं तथा इन बीमारियों से बचने के लिए हम विभिन्न प्रकार के उपाय करते हैं। किंतु यह उपाय लंबे समय तक स्थाई नहीं होते हैं क्योंकि यह सभी बीमारियां कुछ समय के पश्चात हमारे शरीर में पुनः दिखाई देती हैं, इसके लिए हमें अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता तथा एंटीबैक्टीरियल गुणों को बढ़ाना बढ़ाने की जरूरत होती है जिसके लिए आज हमने आपको Health Benefits of Rudraksha से जुड़े लाभ के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है, जिसके माध्यम से आप विभिन्न प्रकार के शारीरिक तथा मानसिक समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं Health Benefits of Rudraksha का प्रयोग करते हुए आप अपने शरीर से विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर कर सकते हैं आशा है कि यह लेख आपके लिए बहुत है उपयोगी साबित होगा।

लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न

सेहत के लिए कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए?

सेहत तथा स्वास्थ्य तो ठीक सभी रुद्राक्ष उपयोगी होते हैं किंतु अलग-अलग प्रकार से अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग रुद्राक्ष धारण किए जाते हैं। यदि आप अपनी शारीरिक शक्ति का विकास करना चाहते हैं आप बहुत कमजोर हैं और अपने शरीर की पावर को बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए यह रुद्राक्ष भगवान हनुमान का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति के अंदर हनुमान जी के जैसी शक्ति आ जाती है।

रुद्राक्ष कितने दिन में काम करता है?

जैसे ही आप विधि-विधान पूर्वक रुद्राक्ष धारण करते हैं रुद्राक्ष अपना कार्य करना प्रारंभ कर देता है और इसके परिणाम भी आपको 1 सप्ताह के अंदर दिखाई देने लगते हैं। यदि आपको 1 सप्ताह से 15 दिन के अंदर रुद्राक्ष धारण करने के सकारात्मक परिणाम नहीं दिखाई देते हैं तो निश्चित रूप से ही आपसे रुद्राक्ष धारण करने में किसी प्रकार की चूक हो गई है इसके बारे में जानकारी लेकर उस भूल को सुधारना चाहिए तथा पुना रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

क्या रुद्राक्ष सच में काम करता है?

इसमें कोई शक नहीं है कि रुद्राक्ष कार्य नहीं करता है निश्चित रूप से ही रुद्रा कार्य करता है रुद्राक्ष में विभिन्न प्रकार के गुण पाए जाते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं रुद्राक्ष को कार्य करने में समय लगता है तथा इसके कार्य को प्रदर्शित होने में लंबे समय का इंतजार करना पड़ता है, किंतु यह नहीं है कि यह कार्य नहीं करता है रुद्राक्ष निश्चित रूप से अपना कार्य जरूर करता है तथा या धारण करने वाले व्यक्ति को लाभ प्रदान करता है।

रुद्राक्ष पहन कर सोने से क्या होता है?

ऐसा माना जाता है कि रोज रात को सोते समय उतार कर तकिए के पास रख लेना चाहिए, किंतु यदि आप ऐसा नहीं करते हैं फिर भी आपको कोई समस्या नहीं होती है और यदि आप रुद्राक्ष को धारण करके तकिए के नीचे रख के रात को सोते हैं, तो आपको रात को बुरे सपने नहीं आते हैं तथा जिन लोगों को नींद ना आने की बीमारी तथा नींद से संबंधित अन्य विभिन्न समस्याएं होती हैं उनको लाभ प्राप्त होता है।

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