माइग्रेन के लक्षण और उपाय जानें कैसे पाएं इस बीमारी से छुटकारा

आधुनिक समय में व्यक्ति मानसिक रूप से अधिक तनाव में रहता है, जिसके कारण उसके शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं। मानसिक तनाव के कारण मस्तिष्क संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याएं व्यक्ति को जीवन में परेशान करने लगती हैं। जीवन की भाग-दौड़ में प्रत्येक व्यक्ति शारीरिक तथा मानसिक रूप से इतना अधिक व्यस्त रहने लगा है, कि उसको आराम करने की भी फुर्सत नहीं है, जिसके कारण वह विभिन्न प्रकार के मानसिक तथा शारीरिक रोगों का शिकार हो जाता है। मानसिक तनाव के कारण प्रत्येक व्यक्ति को सर दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, किंतु जब यह मानसिक तनाव लंबे समय तक रहता है तो सर दर्द की समस्या माइग्रेन में परिवर्तित हो जाती है। आज के इस लेख में माइग्रेन के लक्षण और उपाय के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है जो आपको मानसिक तनाव तथा अन्य विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण होने वाले Migraine की समस्या जिसमें भयानक सर दर्द का सामना करना पड़ता है, के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी तथा आपको Migraine की समस्या से राहत दिलाने में सहयोग करेगी।

 माइग्रेन दर्द के जैसी ही एक समस्या होती है, जो लंबे समय तक सर दर्द तथा अन्य विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं के कारण उत्पन्न होती है। माइग्रेन की समस्या तथा आने विभिन्न प्रकार की एलर्जी के कारण बढ़ने लगता है। इसलिए यदि आपको माइग्रेन की समस्या है तो आप को सबसे पहले Migraine होने के लक्षण तथा कारणों की जानकारी होनी आवश्यक है, जो आपको माइग्रेन की बीमारी को ठीक करने में सहयोग करती है। माइग्रेन तथा सामान्य सर दर्द में बहुत अधिक अंतर नहीं होता है, किंतु माइग्रेन में सर दर्द के साथ-साथ सर में चुभन की समस्या होती है। अधिकतर माइग्रेन की समस्या आधे सिर में होती है। किंतु कुछ व्यक्तियों में यह पूरे सर दर्द के रूप में देखा गया है Migraine की समस्या से बहुत अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, इसलिए आज हमने माइग्रेन के लक्षण और उपाय के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

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माइग्रेन के सामान्य लक्षण

माइग्रेन के सामान्य लक्षण

दैनिक जीवन की समस्याओं तथा मानसिक तनाव के कारण आधुनिक समय में लगभग प्रत्येक व्यक्ति माइग्रेन की समस्या से पीड़ित पाया जाता है, जिसके कारण उसको भयानक सर दर्द तथा अन्य विभिन्न प्रकार के माइग्रेन के लक्षणों का सामना करना पड़ता है। कुछ व्यक्तियों को माइग्रेन के ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, जिनसे उसको माइग्रेन के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं होती है इसलिए माइग्रेन के लक्षणों को जानना बहुत ही आवश्यक होता है जो आपको माइग्रेन जैसी खतरनाक बीमारी की पहचान करने में आपकी मदद करते हैं। यदि आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको माइग्रेन की समस्या हो सकती है। इसलिए यदि आपके शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण माइग्रेन के लक्षण बताए गए हैं 

  • सिर में फड़कता हुआ माइग्रेन दर्द ज्यादातर सिर के एक हिस्से से शुरू होता है।
  • जो लोग Migraine के सिरदर्द से पीड़ित हैं वे आमतौर पर नियमित गतिविधियों को करने में असमर्थता, आंखों में दर्द, मतली और उल्टी भी अनुभव करते हैं।
  • तेज प्रकाश, ध्वनि और गंध परिवर्तनों के प्रति अति संवेदनशील हो सकते हैं।
  • दिन भर बेवजह उबासी आना भी माईग्रेन का लक्षण है।
  • माइग्रेन सिरदर्द से पीड़ित लोगों को ऑरा (Aura) का अनुभव होता है।
  • उन्हें संवेदना की अस्थायी कमी या पिंस और सुईया चुभने की भावना महसूस होती है।
  • माइग्रेन का दर्द होने पर नींद अच्छे से नहीं आती है, थकान महसूस होती है लेकिन नींद नहीं आती है।
  • माइग्रेन के दौरान आंखों में भी भयानक दर्द होता है. पलकें झपकाने में भी बहुत जलन होती है।
  • सिरदर्द के साथ मतली, उल्टी आना भी माईग्रेन के लक्षण होते हैं।
  • माईगग्रेन के दौरान मूड में परिवर्तन बहुत तेजी से होता है, कुछ मरीज़ अचानक बिना किसी के कारण बहुत ही उदास महसूस करते हैं या कभी ज्यादा उत्साहित हो जाते हैं।
  • माइग्रेन का दर्द होने से पहले, कुछ लोगों की खाद्य पदार्थों के लिए लालसा बढ़ जाती है।
  • नियमित गतिविधियों जैसे घूमना या सीढ़ियों पर चढ़ने से Migraine का दर्द बदतर भी हो सकता है।
  • माइग्रेन में बार-बार मूत्र त्याग की आवश्यकता अनुभव करना भी इसका एक लक्षण है।

यदि आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपकी जांच करेंगे, आपके लक्षणों का मूल कारण निर्धारित करेंगे और उचित उपचार की सलाह देंगे।

माइग्रेन के लक्षण और उपाय

माइग्रेन के लक्षण और उपाय

माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है जिसमें बार-बार सिर दर्द होता है और जिसके साथ उल्टी, उच्चतम तेज आवाज में प्रतिक्रिया, और उज्जवल प्रकाश जैसे प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं। माइग्रेन के लक्षणों को व्यक्ति के अनुभव के आधार पर विभाजित किया जा सकता है।

  • दर्द
  • उल्टी
  • उच्चतम तेज आवाज
  • उज्जवल प्रकाश
  • बादलता दृष्टिकोण
  • संवेदनशीलता बढ़ना

दर्द

माइग्रेन का मुख्य लक्षण सिर में दर्द होता है। यह दर्द एक तरफ से शुरू होता है और उत्तेजना के समय बढ़ सकता है। यह दर्द तेज और पीड़ादायक होता है और कई घंटे या कुछ दिनों तक चला सकता है। जब हमें विभिन्न प्रकार के समस्याओं के कारण लंबे समय तक सर दर्द रहता है, तो धीरे-धीरे यह सर दर्द Migraine में परिवर्तित हो जाता है। हमें दैनिक या लगातार सर दर्द रहने के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जिनके कारण सर दर्द की समस्या उत्पन्न होती है जो आगे चलकर माइग्रेन का कारण बनती है और Migraine के कारण भारी सर दर्द का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार माइग्रेन तथा सर दर्द एक दूसरे से जुड़े पाए जाते हैं, सर दर्द के कारण माइग्रेन प्रारंभ होता है और माइग्रेन के कारण भारी सर दर्द होता रहता है।

उल्टी

जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है, कभी-कभी उनको उल्टी जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। किंतु जब Migraine के कारण उल्टी की समस्या होती है और व्यक्ति को उल्टियां हो जाती हैं तो माइग्रेन की समस्या से आराम भी मिल जाता है। माइग्रेन के दौरान, कुछ लोगों को उल्टी की समस्या हो सकती है। यह उल्टी दर्द के साथ आमतौर पर होती है जिसके पश्चात माइग्रेन से आराम मिलता है। 

उच्चतम तेज आवाज

कई लोगों को माइग्रेन के दौरान आवाजों से संवेदनशीलता बढ़ जाती है। यह आवाजें जैसे कि चिल्लाहट, संगीत, या सामान्य बातचीत की आवाज तेज होने के कारण असहज महसूस कर सकती है। जिन लोगों को भारी आवाज तथा शोरगुल पसंद नहीं होता है, ऐसे लोगों को जब ऐसी सिचुएशन का सामना करना पड़ता है तो उनको माइग्रेन की समस्या होने लगती है। इसलिए माइग्रेन तथा सर दर्द से बचने के लिए तेज आवाज वाले क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए, जो हमें माइग्रेन जैसी सर दर्द की समस्या से बचा सकता है।

उज्जवल प्रकाश

जिन लोगों की आई साइड वीक होती है तथा जो लोग चश्मे का प्रयोग करते हैं, यदि वे लंबे समय तक धूप जैसे अन्य तेज प्रकाश में रहते हैं या लंबे समय तक धूप में रहते हैं, तो उनको सर दर्द का सामना करना पड़ सकता है या कुछ लोगों को विभिन्न प्रकार के रंगों के प्रकाश से भी एलर्जी होती है जिसके कारण हमको सर दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है और यदि ऐसी समस्या लंबे समय तक रहती है तो सर दर्द धीरे-धीरे माइग्रेन में परिवर्तित हो जाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए Migraine की समस्या से बचने के लिए तेज उज्जवल प्रकाश से दूर रहना चाहिए। कुछ लोगों को माइग्रेन के दौरान उज्जवल प्रकाश के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता हो सकती है।

बादलता दृष्टिकोण

माइग्रेन के दौरान, कुछ लोगों को दृष्टिकोण में बदलाव की समस्या हो सकती है। उन्हें आधिकारिक देखा नहीं जा सकता है, और यह उन्हें विशेष रूप से पढ़ाई करते समय या कंप्यूटर का इस्तेमाल करते समय असुविधा पहुंचा सकती है। जैसा कि उपरोक्त बताया गया है कि जिन व्यक्तियों की आईसाइट कमजोर होती है उनको देखने में समस्या होती है, इसलिए जब वह बहुत अधिक आंखों में जोर देकर किसी चीज को देखते हैं तो उनको सर दर्द जैसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए जिन व्यक्तियों की आईसाइट कमजोर होती है उनको Migraine की समस्या के कारण कम दिखाई देने लगता है, या धुंधलापन दिखाई देता है इसलिए Migraine की समस्या में दृष्टिहीन तथा दृष्टि मे बदलाव आ सकता है।

संवेदनशीलता बढ़ना

संवेदनशीलता बढ़ना एक अन्य माइग्रेन का लक्षण है जो दर्द को और अधिक बढ़ा सकता है। यदि आपको लगता है कि आपके लक्षण माइग्रेन के साथ मेल खाते हैं, तो आपको एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपके लक्षणों का विश्लेषण करेंगे और सही उपचार की सलाह देंगे। यह Migraine के लक्षणों को समझने में मदद करेगा और उचित उपचार का चयन करने में मदद करेगा। माइग्रेन के अलावा, कुछ लोगों को अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जो Migraine से संबंधित हो सकते हैं, जैसे कि सुस्ती, ऊंचाई से डर, और बातचीत में दिक्कत। ये लक्षण अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न हो सकते हैं और माइग्रेन के साथ उपस्थित होने पर दिक्कत और पीड़ा का कारण बन सकते हैं। आपके लक्षणों को ध्यान में रखते हुए, एक चिकित्सक से सलाह लेना आवश्यक हो सकता है जो आपके संक्रमित होने का कारण निर्धारित कर सकेंगे और आपको उपचार की सलाह दे सकेंगे। वे आपको सही निदान और देखभाल के लिए आवश्यक सलाह प्रदान करेंगे। माइग्रेन के अन्य कुछ लक्षण

  • दृष्टि संबंधी परेशानियां होना (विजुअल डिस्टरबेंस)
  • बोलने में परेशानी होना
  • चक्कर आना या असंतुलित महसूस करना
  • जी मचलाना
  • उल्टी होना
  • चिड़चिड़ापन, गुस्सा होना
  • लो ब्लड प्रेशर
  • आवाज़ से परेशान होना
  • गर्दन में अकड़न होना
  • ज़्यादा प्यास लगना
  • बार-बार पेशाब आना
  • भूख लगना
  • कब्ज़ का होना

माइग्रेन के कारण

माइग्रेन के कारण

माइग्रेन की समस्या मुख्य रूप से मानसिक तनाव के लगातार बने रहने के कारण होते हैं तथा हमारे शरीर में किसी विशेष प्रकार की एलर्जी के कारण सर दर्द की समस्या होती है तो लगातार होने वाली है सर दर्द की समस्या भी Migraine का कारण हो सकती है। आधुनिक समय में हम बहुत अधिक वर्क लोड या जिम्मेदारियों के कारण मानसिक तनाव में आ जाते हैं, जो माइग्रेन का मुख्य कारण होता है। माइग्रेन के कारण कई हो सकते हैं यहां कुछ प्रमुख कारण दिए जाते हैं

  • न्यूरोलॉजिकल कारण।
  • जीवाणुजनित कारण।
  • अंग-संबंधी कारण।
  • हार्मोनल कारण।
  • आहार और पेय।
  • मानसिक तनाव।
  • वातावरणिक कारण।
  • उच्च रक्तचाप

न्यूरोलॉजिकल कारण

न्यूरोलॉजिकल कारण

यदि हमारे मस्तिष्क में न्यूरोलॉजिकल कोई समस्या होती है, तो वह हमारे शरीर में Migraine को प्रभावित करती है। क्योंकि न्यूरोलॉजिकल समस्या होने के कारण सर दर्द जैसी समस्याएं होती हैं, जिसके कारण माइग्रेन की समस्या हो जाती है। जिन व्यक्तियों को न्यूरोलॉजिकल समस्या होती है, उनको सर दर्द तथा Migraine की समस्या अधिकतर हो जाती है इसलिए न्यूरोलॉजिकल कारणों से होने वाले माइग्रेन की समस्या को दूर करने के लिए सबसे पहले न्यूरोलॉजिकल कारण को जानकर उसका इलाज करना बहुत ही आवश्यक होता है। 

जीवाणुजनित कारण

कुछ मामलों में, जीवाणुजनित कारण भी Migraine का कारण बन सकते हैं, जब हमारे शरीर के किसी अंग में जीवाणुओं के कारण इन्फेक्शन हो जाता है, जो हमारे शरीर के विभिन्न अंगों के दर्द का कारण बन सकता है। यदि शरीर के अन्य अंगों में दर्द का आभास होता है, जिसके कारण सर दर्द की समस्या हो सकती है, जो माइग्रेन का कारण बन सकती है। इसलिए जीवाणुजनित संक्रमण या इन्फेक्शन माइग्रेन का कारण बन सकता हैं।

अंग-संबंधी कारण

हमारे शरीर के किसी अंग में किसी प्रकार की समस्या होने के कारण उसका प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है, जो हमारे सर दर्द का कारण हो सकता है तथा सर दर्द माइग्रेन में परिवर्तित हो सकता है। कई बार दिल के रक्त वाहिनियों की समस्या या रक्त दबाव माइग्रेन का कारण बन सकता है। सिरदर्द की वजह से संवेदनशीलता बढ़ सकती है और माइग्रेन का दर्द हो सकता है।

हार्मोनल कारण

हार्मोनल कारण

महिलाओं में, हार्मोनल परिवर्तन Migraine का कारण बन सकता हैं। गर्भावस्था, मासिक धर्म के दौरान, हॉर्मोन थेरेपी या नियंत्रण-जनित गर्भनिरोधकों का उपयोग माइग्रेन को प्रभावित करता है। महिलाओं में शारीरिक संरचना तथा विभिन्न परिस्थितियों में हार्मोनल परिवर्तन होने के कारण सर दर्द की समस्या होती है, जो Migraine का रूप ले लेती है।

आहार और पेय

कुछ लोगों में खाद्य पदार्थों और पेय के साथ जुड़े कुछ तत्व माइग्रेन का कारण बन सकते हैं। जैसे, विशेषतः चॉकलेट, अधिक मात्रा में कॉफ़ीन, अल्कोहल, मैस्टर्ड सॉस, चीज, मैस्टर्ड या टमाटर की तरह खाद्य पदार्थों में मौजूद विशेष या तीखे पदार्थों के सेवन के बाद माइग्रेन का दर्द हो सकता है।

मानसिक तनाव

मानसिक तनाव

जब हमारे मस्तिष्क को किसी प्रकार का तनाव तथा तथा चिंता प्रभावित करती है, तो हमारे सर में सर दर्द की समस्या होने लगती है। चिंता और अवसाद तथा तनाव के कारण होने वाली समस्या माइग्रेन का मुख्य कारण हो सकती है, क्योंकि माइग्रेन का मुख्य कारण मानसिक तनाव ही होता है।

वातावरणिक कारण

ब्राइट लाइट्स, ऊची ध्वनि, बदलते मौसम, वायुमंडलीय दबाव, यातायात या यात्रा के दौरान वातावरणिक कारण Migraine को प्रभावित कर सकते हैं। जब हम किसी ऐसे परिवेश का सामना करते हैं जहां पर बहुत अधिक लाइट ऊंची ध्वनि तथा वायुमंडलीय दाब आदि प्रभावी होते हैं जो हमारे शारीरिक तथा मानसिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। ब्राइट लाइट तथा तेज ध्वनि हमारे आंखों तथा कानों को प्रभावित करती हैं जिसके कारण हमें माइग्रेन की समस्या हो सकती है।

उच्च रक्तचाप

उच्च रक्तचाप माइग्रेन का कारण हो सकता है क्योंकि उच्च रक्तचाप के कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होती हैं इसलिए यदि आपको Migraine की समस्या महसूस हो रही है तो ब्लड प्रेशर अवश्य चेक कराना चाहिए हो सकता है कि ब्लड प्रेशर के कारण ही Migraine की समस्या हो रही है। 

माइग्रेन का उपचार या माइग्रेन से बचने के उपाय

माइग्रेन का उपचार या माइग्रेन से बचने के उपाय

माइग्रेन सिरदर्द से संबंधित एक मानसिक तनाव तथा अन्य विभिन्न कारणों से होने वाली विषम समस्या है, जिसके कारण सर में चुभन तथा सर दर्द की समस्या होती है। Migraine के कारण कभी-कभी आधी खोपड़ी में दर्द होता है, जिसके कारण इसे अधकपारी भी कहा जाता है। Migraine में भीषण सर दर्द होने के कारण यह असहनीय होता है तथा इसके विभिन्न कारण भी हैं इसलिए माइग्रेन के उपचार के साथ-साथ माइग्रेन होने के कारणों को भी जाना आवश्यक होता है। उपरोक्त लेख में Migraine से संबंधित विभिन्न प्रकार के कारण तथा लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई है, जिनके आधार पर आज हम आपको माइग्रेन से बचने के उपाय तथा माइग्रेन के इलाज के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं, जो आपको Migraine तथा माइग्रेन से संबंधित होने वाली समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहयोग करेगी, जिससे आपको होने वाली माइग्रेन की समस्या समाप्त हो जाएगी। माइग्रेन के उपचार के लिए निम्नलिखित विधियों तथा खाद्य पदार्थों का प्रयोग किया जा सकता है, जो माइग्रेन की समस्या से बचने में सहायक होती हैं 

  • पत्तेदार सब्जियां
  • नींद जरुरी है
  • व्यायाम भी जरुरी है
  • जंक फूड से दूर रहें
  • माइग्रेन से अदरक दिलाता है आराम
  • तेज रोशनी से दूर रहें
  • पिपरमेंट का तेल
  • मछली खाएं
  • चिंता न करें

पत्तेदार सब्जियां

पत्तेदार सब्जियां

शरीर में मानसिक तनाव तथा मैग्नीशियम की कमी के कारण अधिकतर सर दर्द की समस्या होती है। हरी पत्तियों में तथा हरी पत्तेदार सब्जियों में पर्याप्त रूप से मैग्नीशियम पाया जाता है, जो शरीर में सर दर्द जैसी समस्याओं को दूर करने में सहयोग करता है। जब हम हरी सब्जियों का प्रयोग करते हैं, तो हमें पर्याप्त रूप से  मैग्नीशियम प्राप्त होता है, जिसकी उपस्थिति हमारे सर दर्द को कम करने में सहयोग करती हैं जिससे माइग्रेन की समस्या के कारण होने वाले सर दर्द तथा सामान्य सर दर्द से भी राहत मिलती है। जिनको भी सर दर्द तथा Migraine से संबंधित सर दर्द की समस्या होती है, उनको दैनिक रूप से मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। पर्याप्त मैग्नीशियम प्राप्त करने के लिए दैनिक रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए, इससे शरीर में मैग्नीशियम की मात्रा पर्याप्त बनी रहती है तथा Migraine की समस्या से राहत मिलती है, जो लोग दैनिक रूप से हरी सब्जियों का प्रयोग करते हैं उनको माइग्रेन की समस्या नहीं होती है। मैग्नीशियम के अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों में अन्य विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं तथा हमें शारीरिक ऊर्जा प्रदान करते हैं जिससे हमारी शारीरिक शक्ति का विकास होता है। 

नींद है बहुत जरूरी

जब हम किसी कारणवश लंबे समय तक जागते रहते हैं, जिसके कारण नींद पूरी नहीं होती है तो हमें सर दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। सर दर्द की समस्या होने के कारण हमारे सर में विभिन्न परिवर्तन होते हैं, जो माइग्रेन का कारण बनते हैं। इसलिए Migraine की समस्या से दूर रहने के लिए मस्तिष्क को तनाव मुक्त रखते हुए पर्याप्त रूप से नींद लेना बहुत ही आवश्यक होता है। यदि आपको नींद नहीं आ रही है तो आप किसी डॉक्टर की सलाह से नींद आने की दवा भी ले सकते हैं, किंतु नींद आने की दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं खाई जा सकती है, इसका प्रयोग डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही करना चाहिए। जब आप पर्याप्त रूप से नींद लेते हैं और आपका मस्तिष्क विश्राम करता है तो सर दर्द की समस्या नहीं होती है, जिसके कारण धीरे-धीरे Migraine की समस्या समाप्त हो जाती है। इसलिए जिन व्यक्तियों को माइग्रेन की समस्या होती है उनको अधिकतर शांति तथा ऐसे एरिया में रहना चाहिए जहां पर उन्हें कोई डिस्टर्ब ना कर सके और उनको पर्याप्त लेना चाहिए जो आपको माइग्रेन की समस्या से दूर रखती है, पता होने वाली Migraine की समस्या को ठीक करती है।

व्यायाम भी जरुरी है

व्यायाम भी जरुरी है

दैनिक रूप से व्यायाम हमारे शरीर को फिट रखने में मदद करता है, किसी भी समस्या से बचने के लिए तथा शरीर को रोगों से बचाने तथा फिटनेस बनाए रखने के लिए दैनिक रूप से व्यायाम बहुत ही आवश्यक होता है। व्यायाम हमारी दैनिक दिनचर्या का एक अभिन्न हिस्सा होता है, जो हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है। व्यायाम तथा योग का दैनिक अभ्यास करने से हमें मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है, जो माइग्रेन का एक मुख्य कारण होती है। जब हमें तनाव से मुक्ति मिलती है तो माइग्रेन की समस्या समाप्त होने लगती है। इसलिए हमें माइग्रेन तथा अन्य विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए दैनिक रूप से व्यायाम के साथ-साथ योगा अभ्यास करना चाहिए, जो हमें माइग्रेन की समस्या से दूर रखने में मदद करते हैं। माइग्रेन के साथ साथ दैनिक रूप से योगाभ्यास करने से हमारे शरीर में शारीरिक शक्ति का विकास होता है। जिससे हमारे शरीर में रोगों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है, जो हमें विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने में सहयोग करती है।

जंक फूड से दूर रहें

जंक फूड से दूर रहें

आधुनिक समय में जंक फूड तथा फास्ट फूड हमारे भोजन का एक हिस्सा बन गए हैं। हम सामान्य भोजन से अधिक बाजार में उपलब्ध जंक फूड का प्रयोग करते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है जंक फूड से शरीर को पर्याप्त रूप से पोषक तत्व भी प्राप्त नहीं होते हैं, इसलिए इसमें उपलब्ध इनग्रेडिएंट हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं। आधुनिक समय में बाजार में उपलब्ध डिब्बाबंद भोजन तथा खाद्य पदार्थ बहुत अधिक मात्रा में प्रयोग किए जाते हैं, जिसके कारण लोगों के शरीर में शारीरिक तथा मानसिक परिवर्तन होते हैं जो सर दर्द जैसी समस्याओं का कारण बनते हैं। इसलिए Migraine की समस्या से बचने के लिए घर के बने सामान्य भोजन का प्रयोग करना चाहिए, जिससे आप Migraine की समस्या से बचे रह सकते हैं तथा बाजार में उपलब्ध फास्ट फूड तथा जंक फूड का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यदि आप घर में बने सामान्य भोजन का प्रयोग करते हैं तो शरीर को पर्याप्त रूप में पोषक तत्व प्राप्त होते हैं, जिसके कारण शरीर में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है तथा हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है। 

माइग्रेन से अदरक दिलाता है आराम

हम दैनिक रूप से अदरक का प्रयोग चाय तथा सब्जी में करते हैं, क्योंकि अदरक हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होती है। अदरक में पर्याप्त रूप से मैग्नीशियम पाया जाता है जो मानसिक तनाव को कम करने में सहयोग करता है। यदि आपको मानसिक तनाव तथा सर दर्द की समस्या के कारण Migraine की समस्या है तो आप अदरक का प्रयोग कर सकते हैं अदरक के प्रयोग में उपस्थित मैग्नीशियम माइग्रेन की समस्या को कम करने में मदद करता है। अदरक का प्रयोग चाय तथा मसालों में किया जा सकता है, इसके अलावा अदरक को गुड़ के साथ भी खाया जा सकता है। यदि आप अदरक को डायरेक्ट नहीं खा सकते हैं तो आधुनिक समय में बाजार में अदरक के कैप्सूल भी उपलब्ध हैं, जिनका प्रयोग किया जा सकता है। अदरक के प्रयोग से माइग्रेन की समस्या के साथ-साथ खांसी तथा सर्दी जुकाम की समस्या को भी ठीक किया जाता है, इसके अलावा पुरुषों में होने वाली शारीरिक कमजोरी को दूर करने तथा शीघ्रपतन की समस्या से बचने के लिए भी अदरक का प्रयोग किया जाता है। इसलिए जिन व्यक्तियों में मानसिक तनाव तथा अन्य विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण माइग्रेन की समस्या होती है, उनको दैनिक रूप से अदरक का प्रयोग करना चाहिए। 

तेज रोशनी से दूर रहें

जब हम अचानक लंबे समय तक किसी तेज रोशनी के संपर्क में रहते हैं, तो हमारी आंखों की रेटिना में दबाव बढ़ने लगता है आंखों की रेटिना में दबाव बढ़ने के कारण सर दर्द की समस्या उत्पन्न होने लगती है। इसलिए यदि आप किसी तेज रोशनी का सामना करने जा रहे हैं, तो काले चश्मे का प्रयोग करना चाहिए इसके अलावा सीधी तेज रोशनी से बचना चाहिए या हमारी आंखों तथा आंखों के रोशनी को प्रभावित करती है, जो सर दर्द तथा माइग्रेन का कारण बन सकती है। यदि आपकी नजर कमजोर हो गई है तो भी आपको सर दर्द की समस्या हो सकती है, इसलिए Migraine की समस्या से बचने के लिए तेज रोशनी के संपर्क में सीधे नहीं आना चाहिए। यदि कोई आवश्यक हो तो काले चश्मे का प्रयोग करते हुए तेज रोशनी के संपर्क में आना चाहिए।

पिपरमेंट का तेल

पिपरमेंट का तेल आयुर्वेदिक गुणों युक्त होता है, तथा इसका प्रयोग ठंडक पहुंचाने के लिए किया जाता है। यदि सर में अधिक तेज दर्द हो रहा हो तो पिपरमेंट का तेल का प्रयोग करते हुए सर की मालिश करनी चाहिए, जिससे शीघ्र ही ठंडक के कारण सर दर्द से राहत मिलती है, तथा हमारा मस्तिष्क तनाव मुक्त होने लगता है, जिसके कारण Migraine की समस्या समाप्त हो जाती है। इसलिए जिन व्यक्तियों को माइग्रेन तथा सर दर्द की समस्या है उनको सप्ताह में दो से तीन बार पिपरमेंट के तेल से सर की मालिश करनी चाहिए, जिससे सर ठंडा तथा तनाव मुक्त रहता है और माइग्रेन की समस्या नहीं होती है।

मछली खाएं

मछली खाएं

मछली तथा समुद्री फूड में पर्याप्त ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड हमारे शरीर के संचालन के ले बहुत ही जरूरी होता है, इसलिए इसका प्रयोग पर्याप्त रूप से करना चाहिए। जिन व्यक्तियों को सर दर्द तथा Migraine  की समस्या होती है उनको पर्याप्त रूप से ओमेगा 3 फैटी एसिड लेना चाहिए ओमेगा 3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा को लेने के लिए मछली तथा समुद्री फूड का प्रयोग अधिक मात्रा में करना चाहिए, जिसमें पर्याप्त रूप से प्राकृतिक ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो माइग्रेन सिरदर्द की समस्या को ठीक करने में सक्षम पाया जाता है। इसलिए माइग्रेन की समस्या से बचने के लिए समुद्री मछली तथा समुद्री फूड  का प्रयोग करना चाहिए। 

चिंता न करें

माइग्रेन का मुख्य कारण चिंता अवसाद तनाव तथा मानसिक परिस्थितियां होती हैं, इसलिए माइग्रेन की समस्या से बचने के लिए चिंता मुक्त वातावरण में रहना चाहिए तथा तनाव मुक्त जीवन जीना चाहिए। यदि आपको किसी प्रकार की चिंता या तनाव होता है, तो आपको माइग्रेन की समस्या हो सकती है इसलिए Migraine से बचने के लिए तथा तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए दैनिक रूप से व्यायाम तथा योगाभ्यास करना चाहिए जिससे मन एकाग्र चित्त रहता है, जिससे  सर दर्द तथा मैग्रेन की समस्या नहीं होती है।

माइग्रेन के प्रकार

माइग्रेन के प्रकार

माइग्रेन के कारण तथा लक्षणों के आधार पर उन्हें अलग-अलग विभाजित किया गया है, माइग्रेन की समस्या के कारण होने वाली सर दर्द की समस्या को लक्षणों तथा उसके कारणों के आधार पर चार भागों में विभाजित किया गया है। जो निम्नलिखित हैं

  • दृष्टि संबंधी माइग्रेन
  • दृष्टि रहित माइग्रेन
  • क्रोनिक माइग्रेन
  • ऑप्टिक माइग्रेन

माइग्रेन और सामान्य सिरदर्द में अंतर

Migraine और सामान्य सिरदर्द में अंतर होता है। यह दोनों ही शरीर के सिर के रोगों हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर होता है

  • माइग्रेन एक अधिक तीव्र और लंबे समय तक चलने वाले दर्द का कारण बनता है। इसमें सामान्य सिरदर्द की तुलना में दर्द की अवधि और भारी होती है। Migraine अक्सर केवल एक तरफ होता है और विशेष कारकों जैसे रोशनी, आवाज, या बातचीत के प्रभाव से बदलता है।
  • माइग्रेन के साथ अत्यधिक उण्ठन, उड़ान, मतली या उल्टी, दृष्टि के साथ समस्या, और आंख के आसपास की क्षेत्र में तनाव की तरह और भी कुछ लक्षण हो सकते हैं। सामान्य सिरदर्द में ये लक्षण आमतौर पर नहीं होते हैं और उसमें आमतौर पर सिर के मांसपेशियों की तनाव और तकलीफ होती है।
  • माइग्रेन के पीछे कारण के रूप में उदासीनता, तनाव, खाने-पीने की आदतों का बदलना, हार्मोनल परिवर्तन आदि हो सकते हैं। सामान्य सिरदर्द में कारण आमतौर पर मांसपेशियों के तनाव, सिर में दबाव, चोट, थकान, दीर्घकालिक उदासीनता, रक्तचाप की समस्या या उच्च शोधार्थी दवाओं का उपयोग करने के कारण हो सकते हैं।
  • माइग्रेन का उपचार अक्सर विशेष दवाओं, आराम करने, चिकित्सा योग्यता वाले और डॉक्टर द्वारा निर्धारित किए गए उपचारों के माध्यम से किया जाता है। सामान्य सिरदर्द के लिए आमतौर पर आराम, गर्मी या ठंडाई का उपयोग, मसाज, सुगंधित तेलों का इस्तेमाल या ओवर-द काउंटर दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।

इन तत्वों के आधार पर, माइग्रेन और सामान्य सिरदर्द में अंतर होता है। यदि आपको इन दर्दों का साम्य निरीक्षण करने में संकोच हो रहा है, तो जांच करने वाले चिकित्सक से सलाह लेना उचित होगा वे आपको सही निदान और उपचार के लिए परामर्श देंगे जिससे आप माइग्रेन की समस्या को ठीक कर सकते हैं।

निष्कर्ष

माइग्रेन की समस्या मानसिक तनाव तथा सर दर्द के विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण होती है, जिसमें भयानक सिरदर्द के साथ-साथ अन्य विभिन्न प्रकार आधुनिक समय बदलते परिवेश तथा कार्य के दबाव के कारण प्रत्येक व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार हो जाता है। जिससे सर दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं, लंबे समय तक सर दर्द की समस्या रहने के कारण माइग्रेन की समस्या होती है। इन लोगों में माइग्रेन के बारे में बहुत अधिक जानकारी ना होने के कारण इसे सामान्य सर दर्द समझ लिया जाता है, जिसके कारण बहुत अधिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। इसलिए यदि आपको माइग्रेन की समस्या है या सामान्य सिरदर्द की समस्या काफी लंबे समय से है तो आपको डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता हो सकती है। यह सामान्य सिर दर्द माइक्रोन का कारण हो सकता है, इसलिए माइग्रेन के लक्षणों तथा कारणों को सही समय पर जानकर इलाज करना बहुत जरूरी होता है। इसलिए आज के इस लेख में माइग्रेन के लक्षण और उपाय के बारे में जानकारी दी गई है, जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी हो सकती है।

लोगों द्वारा पूछें गए प्रश्न 

कैसे पता चलेगा कि हमें माइग्रेन हो रहा है?

माइग्रेन भयानक सिरदर्द की समस्या के साथ-साथ सर में चुभन जैसी होती है दर्द की समस्या मुख्यता आधे सिर में होती है, इसलिए इसे अधकपारी भी कहा जाता है यदि आपको आधे सर में दर्द की समस्या के साथ-साथ चुभन हो रही है, तो आपको Migraine की समस्या हो सकती है, इसीलिए आपको डॉक्टर से परामर्श लेने की आवश्यकता होती है।

माइग्रेन का तुरंत इलाज कैसे करें?

माइग्रेन की समस्या से तुरंत राहत पाने के लिए उपरोक्त लेख में विभिन्न प्रकार के तरीके बताए गए हैं, जिनके माध्यम से माइग्रेन का इलाज किया जा सकता है तथा माइग्रेन की समस्या से तुरंत राहत पाई जा सकती है। इसलिए उपरोक्त लेखक के अध्ययन के पश्चात उसमें बताएंगे तरीकों से आप माइग्रेन का इलाज कर सकते हैं।

माइग्रेन का दर्द कहां महसूस होता है?

माइग्रेन का दर्द आमतौर पर एक तरफ़ होता है और यह एक सीमित क्षेत्र में महसूस होता है। माइग्रेन दर्द आमतौर पर आंख के पास शुरू होता है और सिर के एक भाग से दूसरे भाग तक फैल सकता है। कई बार यह दर्द एक सिर के पक्ष से दूसरे पक्ष में बदल सकता है। इसके साथ आंखों की दिक्कतें, जैसे कि आंख में जलन, लालिमा, या धुंधली दिखाई देना, हो सकती हैं।

माइग्रेन किस उम्र में शुरू होता है?

माइग्रेन आमतौर पर बचपन से ही शुरू हो सकता है, हालांकि यह किसी भी उम्र में व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर माइग्रेन की शुरुआत बीच उम्र (10-30 वर्ष) में होती है, जब युवा स्त्रियों को इससे अधिक प्रभावित किया जाता है। हालांकि, कई बार इसे बचपन से ही अनुभव किया जा सकता है और अन्यों को वृद्धावस्था में हो सकता है। माइग्रेन के विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे आनुवंशिक प्रभाव, हार्मोनल परिवर्तन, तनाव, खान-पान की आदतों का प्रभाव और उदासीनता आदि।

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