स्वास्थ्य के क्षेत्र में वजन बढ़ाने और वजन घटाने दोनों प्रकार के ही कारण बहुत अधिक मात्रा में देखने को मिलते हैं। जो व्यक्ति मोटा हो गया है वह और अधिक मोटा होता जा रहा है, और जो व्यक्ति पतला है वह मोटा नहीं हो पा रहा है। यह बहुत बड़ी समस्या है आज के समय में हर व्यक्ति शरीर को फिट रखने की कोशिश करता है, किंतु प्राकृतिक वातावरण ना होने के कारण शरीर फिट नहीं रह पाता है, क्योंकि प्राकृतिक वातावरण में पूर्णतया प्रदूषित हो चुका है। जिसके कारण प्रकृति में स्वस्थ पर्यावरण तथा खानपान की वस्तुएं उपलब्ध नहीं है,और जब हम प्रदूषित वस्तुओं का सेवन खाद्य पदार्थ के रूप में करते हैं, तो हम बीमार हो जाते हैं जिसके कारण हमारे शरीर का वजन कम होने लगता है। शरीर के वजन को बढ़ाने के लिए हम बाजार से विभिन्न प्रकार के मोटा होने के लिए आयुर्वेदिक पाउडर खरीद कर लाते हैं जिनका प्रयोग हम मोटा होने के लिए करते हैं।
सामान्य रूप से शारीरिक संरचना के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति का उसके उम्र लंबाई के अनुसार एक निश्चित वजन होना चाहिए जो वजन उसके स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है। यदि वह कोई व्यक्ति अपनी लंबाई तथा उम्र के अनुपात के हिसाब से उसका वजन पर्याप्त मात्रा में नहीं है या अधिक है दोनों स्थितियां हैं व्यक्ति के स्वास्थ्य के खराब होने की तरफ संकेत करती हैं। अर्थात हम कह सकते हैं कि अधिक वजन वाले व्यक्ति तथा कम वजन वाले व्यक्ति दोनों ही कुपोषण का शिकार होते हैं अर्थात दोनों इस शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं।
मोटा ना होने के कारण
आज के समय में मोटा ना होने का मुख्य कारण कुपोषण है शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण ना मिलने के कारण शरीर को पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिसके कारण शरीर का विकास नहीं हो पाता है शारीरिक विकास ना होने के कारण शरीर की मांसपेशियों तथा अन्य अंगों का विकास नहीं होता है। शरीर के मांस पेशियों के विकास ना होने के कारण शरीर दुबला पतला रह जाता है। जिसके कारण हमारे शरीर का वजन बहुत कम हो जाता है शरीर के वजन कम होने के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी हो जाती हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जो कि हमें पोषक तत्वों से प्राप्त होते हैं तथा इन पोषक तत्वों को शरीर में सूक्ष्म रूप में पहुंचाया जाता है क्योंकि हम बहुत अधिक मात्रा में भोजन ग्रहण नहीं कर सकते हैं।
वजन ना बढ़ने का कारण सिर्फ मेटाबॉलिज्म का अच्छा होना नहीं होता है। इसके पीछे कई वजहें हैं- जैसे कि आनुवंशिकी, न्यूट्रिशन और यहां तक कि व्यवहार का तरीका भी बॉडी वेट बनाए रखने में मदद करता है। वजन का बढ़ना या ना बढ़ना हर व्यक्ति की अलग-अलग रुटीन पर भी निर्भर करता है। शरीर में मोटापा ना होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं
- कुपोषण का शिकार।
- पोषक तत्वों की कमी।
- परिवार के इतिहास।
- एक उच्च चयापचय।
- शारीरिक बीमारी या पुरानी बीमारी।
- मानसिक बीमारी।
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कुपोषण का शिकार
यदि कोई व्यक्ति बचपन से ही कुपोषण का शिकार हो जाता है, तो उसके शरीर की मांसपेशियां सिकुड़ जाती है। जिसके कारण वह मोटा नहीं हो पाता है। कुपोषण के शिकार में बचपन से ही यदि हमें पर्याप्त भोजन तथा पोषक पदार्थों की कमी हो जाने के कारण हमारा शरीर तथा हमारे शरीर की मांसपेशियां कुपोषण का शिकार हो जाती है। कुपोषण के शिकार के कारण शरीर की शरीर का विकास सामान्य स्तर पर नहीं होता है। शरीर के सामान्य स्तर से विकास ना करने के कारण कुछ समय पश्चात हमारा शरीर सामान्य लोगों के शरीर की तुलना में कमजोर रह जाता है शरीर के कमजोर होने के कारण हमारा शरीर मोटा नहीं हो पाता है, तथा हमारे शरीर का विकास नहीं हो जिसके कारण हमारा शरीर लंबाई तथा उम्र के हिसाब से वजन नहीं बढ़ता बड़ा पाता है और हमारा वजन कम रह जाता है।
पोषक तत्वों की कमी
हमारे शरीर को मुख्य रूप से पोषक हमारे द्वारा लिए गए भोजन से प्राप्त होता है यदि आप अपने भोजन में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों का प्रयोग करते हैं, तो हमारे शरीर को पोषण मिलता रहता है। अगर शरीर को भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्व न मिले तो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्यायें होने लगती हैं। इसकी कमी से त्वचा की समस्या, अपच, बालों का गिरना, कमजोरी, आंखों की रोशनी कम होना, भूलने की समस्या जैसी कई समस्यों होने लगती हैं। अगर इसकी कमी है तो शरीर खुद बता है। पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व ना मिलने के कारण हमारा शरीर उपरोक्त विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाता है रोगों से ग्रसित होने के कारण शारीरिक शक्ति का विकास नहीं हो पाता है क्योंकि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण वाह विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने में सक्षम नहीं रहता है। जिसके कारण शरीर कमजोर बना रहता है हमारे शरीर का वजन न बढ़ने की मुख्य समस्या हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती है।
परिवार के इतिहास
यदि आप मोटे नहीं हो पा रहे हैं बहुत अधिक प्रयास करने के पश्चात भी आपके शरीर का वजन नहीं बढ़ता रहा इसके पीछे आप की अनुवांशिक समस्या भी हो सकती है। यदि प्राचीन समय से आपके पूर्वजों मैं कोई भी मोटा नहीं हुआ है इसका मतलब है कि आपके परिवार में अनुवांशिक लक्षण है। कमजोर शरीर के इन अनुवांशिक लक्षणों के कारण आप का डीएनए शरीर के वजन को बढ़ाने के लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए आपका शरीर शारीरिक वजन बढ़ाने में असमर्थ होता है अतः आप के परिवार का इतिहास आपके मोटे होने में बाधक बन सकता है।
एक उच्च चयापचय
यदि कोई व्यक्ति कोई ऐसा कार्य करता है, जिसमें बहुत अत्यधिक कैलोरी खर्च होती है। अर्थात कोई ऐसा कार्य जिसमें शारीरिक ऊर्जा बहुत अधिक मात्रा में लगती है। ऐसा कार्य करने वाले व्यक्ति जल्दी मोटे नहीं हो पाते हैं, क्योंकि वह दैनिक रूप से जितनी कैलोरी भोजन द्वारा ऊर्जा प्राप्त करते हैं। वह कितनी कैलोरी अपने कार्य को करने में समाप्त कर देते हैं और वजन बढ़ाने के लिए शरीर में ऊर्जा का एकत्रित होना आवश्यक होता है यदि आपके शरीर में ऊर्जा एकत्र नहीं हो पा रही है तो आपका शरीर वजन नहीं बढा पाता है क्यों की एकत्रित कैलोरी ऊर्जा है शरीर द्वारा फैट में बदल दी जाती है जो धीरे-धीरे हमारे शरीर में एकत्रित होने लगती है और हमारे शरीर का वजन बढ़ने लगता है। इसके साथ-साथ मांसपेशियों के विकास के लिए भी फैट की आवश्यकता होती है जिससे हमारे शरीर में मांसपेशियों का विकास होता है और हमारा शरीर धीरे धीरे मोटा हो सकता है।
शारीरिक बीमारी या पुरानी बीमारी
यदि आप किसी प्रकार की शारीरिक बीमारी से परेशान है, या फिर कोई बीमारी काफी दिन से ठीक नहीं हो रही है इसकी वजह से भी आपका वजन नहीं बढ़ सकता है क्योंकि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण शरीर बीमारियों के कारण से लड़ नहीं पाता है और वह बीमारियां लगातार शरीर में बनी रहती हैं। जिसके कारण शरीर की ऊर्जा एकत्रित हो नहीं पाती है क्योंकि जो शरीर ऊर्जा एकत्रित करता है वह शरीर में हुई बीमारी को ठीक करने में लग जाती है। शरीर में ऊर्जा एकत्रित ना होने के कारण फैट का निर्माण नहीं हो पाता है जिसके कारण हमारे शरीर को मोटा होने में समस्याएं होने लगती हैं और हमारा शरीर मोटा नहीं हो पाता है शरीर में मांसपेशियों के विकास ना करने के कारण शरीर का वजन नहीं बढ़ता है।
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मानसिक बीमारी
शरीर में किसी प्रकार की बीमारी होने के कारण हमारा शरीर मैं विभिन्न प्रकार के अन्य समस्याएं हो जाती हैं जिसके कारण हम मानसिक रूप से भी बीमार हो जाते हैं क्योंकि आपके दिमाग के अंदर विभिन्न प्रकार के चिंताएं होने लगती हैं कि इन बीमारियों तथा समस्याओं से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है तथा विभिन्न प्रकार की समस्याओं से यदि आप चिंतित रहते हैं। इसके कारण भी आपके शरीर का वजन नहीं बढ़ पाता है इसलिए आपको अपने शरीर का वजन बढ़ाने के लिए मानसिक समस्याओं से निपट कर चिंता मुक्त रहना होगा तथा मानसिक समस्याओं से दूर रहकर ही आप अपने शरीर का वजन बढ़ा सकते हैं ।
समय से पहले जन्म
यदि किसी शिशु का जन्म समय से पहले अर्थात यदि कोई बच्चा 9 माह के पूर्व जन्म लेता है तो उसमें शारीरिक विकास दर कम हो जाती है क्योंकि को पर्याप्त भ्रूण पोषण नहीं मिल पाता है जिसके कारण वह कुपोषण का शिकार हो जाता है। कुपोषण का शिकार होने के कारण उसकी शारीरिक वृद्धि दर कम हो जाती है इसके अंदर विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की कमी होने के कारण उसका वजन नहीं बढ़ पाता है। समय से पहले जन्म होने के कारण बच्चे का वजन यादी 2 से 3 किलो से कम होता है तो वह परिपक्व नहीं हो पाता है और जिंदगी भर से विभिन्न प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि उसके रोग प्रतिरोध कम होती है। इन सभी समस्याओं के कारण समय से पहले जन्मे बच्चे का वजन तथा शारीरिक विकास नहीं होता।
वजन न बढ़ने से शारीरिक समस्या
यदि हमारे शरीर का वजन सामान्य रूप से कम रहता है अर्थात वजन के मापक के अनुसार उम्र लंबाई तथा वजन में सामान्य अनुपात नहीं होता है तो इसके कारण हमें विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है इन सभी प्रकार के समस्याओं में हमारे शारीरिक विकास की समस्या सबसे अधिक होती है जिसके कारण हम अपनी पर्सनैलिटी तथा स्वास्थ्य को सामान्य बनाने में असमर्थ रहते हैं। वजन न बढ़ने की समस्या के कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग तथा विकार होते हैं इन सभी से बचने के लिए शारीरिक वजन का सामान्य अवस्था में होना बहुत ही आवश्यक होता है। शारीरिक वजन न बढ़ने की समस्या से हमें निम्नलिखित विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- ऑस्टियोपोरोसिस।
- त्वचा, बाल या दांतों की समस्या।
- बार-बार बीमार होना।
- हर समय थकान महसूस होना।
- एनीमिया।
- अनियमित पीरियड्स।
- धीमी या बिगड़ा हुआ विकास।
ऑस्टियोपोरोसिस
ओस्टियोपोरोसिस हमारी हड्डियों में बोन मैरो की कमी के कारण होता है बोन मैरो की कमी के कारण हड्डियों के ढांचे में परिवर्तन होने लगते हैं हड्डियां नाजुक हो जाती हैं जिसके कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्या हो जाती हैं ऐसे में हड्डियां नाज़ुक और कमजोर हो जाती हैं, और थोड़े से भी खिंचाव या भार से फ्रैक्चर होने की संभावना बनी रहती है। हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए पुरुषों को टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन दोनों हार्मोन की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पुरुष टेस्टोस्टेरोन को हड्डियों के संरक्षण वाले एस्ट्रोजन में बदल देते हैं। जिसके कारण शरीर में ओस्टियोपोरोसिस हो जाता है ओस्टियोपोरोसिस हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों की कमी के कारण होता है। यदि हम पोषक तत्वों का सेवन कम मात्रा में करते हैं तो हमारे शरीर में ओस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी को याद भी जिसके कारण हमारा शरीर का विकास रुक जाता है और हमारे शरीर में वजन नहीं बढ़ पाता है इसके कारण शरीर की मांसपेशियां विकसित नहीं होता है और मोटापा नहीं हो पाता है।
त्वचा, बाल या दांतों की समस्या
यदि आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त नहीं करता है जिसके कारण आपके शरीर के अंदर शारीरिक शक्ति की कमी हो जाती है साथ-साथ विभिन्न प्रकार के अंगों का विकास रुक जाता है। जैसे त्वचा में झुर्रियां पड़ जाती हैं तथा भार कमजोर हो जाते हैं, तथा इसके साथ-साथ दांतों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं दांत कमजोर होने लगते हैं या टेढ़ी-मेढ़ी हो जाते हैं। जिसके कारण चेहरा देखने में बेकार लगने लगता है शरीर को स्वस्थ रखने के लिए तथा विभिन्न प्रकार के अंगों के विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा का होना आवश्यक होता है या पूजा हमारे पोषक तत्वों से शरीर को प्राप्त होती है अतः शरीर के अंगों के विकास के लिए शरीर में पोषक तत्व युक्त भोज्य पदार्थों का पहुंचना बहुत आवश्यक होता है जिससे हमारा शरीर मोटा भी हो जाता है और शरीर के विभिन्न प्रकार के अंगों का विकास भी हो जाता है।
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बार-बार बीमार होना
जब हमारा शरीर कमजोर होता है तो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाए रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने के कारण हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के होने वाले रोगों से लड़ने में असमर्थ होता है। इसलिए यदि किसी प्रकार का कोई भी हो गया जी हमारे शरीर पर प्रभावित होता है, तो हमारा शरीर तुरंत बीमार हो जाता है। बीमारियों से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ साथ पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। यदि हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं पहुंच पा रहे हैं तो हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित रहता है जिसके कारण हमारे शरीर का वजन नहीं बढ़ता है और वजन ना बढ़ने के कारण हम बार-बार बीमार होते रहते हैं।
हमारे शरीर की बीमारी तथा कमजोरी एक दूसरे पर निर्भर होती है। यदि हम बीमार रहते हैं हमारा शरीर कमजोर हो जाता है और यदि हम कमजोर रहते हैं तो हमारा शरीर बीमार हो जाता कमजोरी और बीमारी को हटाने का मात्र एक रास्ता होता है, कि शरीर को पर्याप्त पोषण दिया जाए यह शरीर को पर्याप्त पोषण मिलेगा तो वह विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने में सक्षम होगा जिससे हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा और हमारा शरीर मोटा हो जाएगा।
हर समय थकान महसूस होना
शरीर के कमजोर होने के कारण शरीर में शारीरिक शक्ति का विकास नहीं हो पाता है। जिसके कारण हमारा शरीर में किसी भी कार्य करने की क्षमता नहीं होती है, क्योंकि किसी भी कार्य को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर में पर्याप्त पोषण ना होने के कारण शरीर में ऊर्जा एकत्रित नहीं हो पाती है। जिसके कारण किसी भी कार्य करने के लिए हमारे शरीर के पास पर्याप्त ऊर्जा नहीं होती है। यदि हम किसी कार्य को प्रारंभ करते हैं तो फिर भी हमें थकान का अनुभव होने लगता है। शरीर में ऊर्जा ना होने के कारण हमारा शरीर बहुत जल्दी थक जाता है और वह किसी कार्य को नहीं कर पाता है।
एनीमिया
जब शरीर में आरबीसी की मात्रा कम होने लगती है, तो शरीर में ऑक्सीजन भी घटने लगती है और नया खून बनना बाधित हो जाता है. इसी समस्या को खून की कमी या एनीमिया या रक्ताल्पता भी कहा जाता है। एनीमिया बहुत से कारणों से हो सकता है, किंतु हमारे देश में इसका सबसे बड़ा कारण पौष्टिक आहार की कमी है। इसके अलावा इस रोग का एक और बड़ा कारण है पेट में कीड़ों का हो जाना। ये कीड़े प्रायः दूषित जल और खाद्य पदार्थों द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं।शारीरिक कमजोरी के कारण हमारे शरीर में एनीमिया जैसा घातक हो जाता है जिसके कारण सही समय पर रक्त ना मिलने के कारण व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
अनियमित पीरियड्स
शारीरिक वजन कम होने के कारण महिलाओं में रक्त का निर्माण कम मात्रा में होता है जिससे पीरियड के समय विभिन्न प्रकार की समस्याये होती हैं बहुत ज़्यादा वजन कम होना या वजन बढ़ना, अव्यवस्थित भोजन, नींद की कमी, तनाव, ज़्यादा व्यायाम और आहार में बदलाव भी शरीर की नियमित फंक्शनिंग पर असर कर सकते हैं, और इसकी वजह से मेंस्ट्रुएशन में अनियमितता हो सकती है। शारीरिक कमजोरी के कारण महिलाओं में पीरियड्स अनियमितता हो जाती है। जिसके कारण महिलाओं में पीरियड देरी से आने की समस्या का मिलन कभी-कभी पीरियड्स ना आने की भी समस्या हो सकती।
धीमी या बिगड़ा हुआ विकास
हमारे शरीर के अंदर पोषक पदार्थों की कमी होती है तो हमारे शरीर का विकास बहुत धीरे-धीरे होता है तथा कुछ अंगों में पर्याप्त मात्रा में पोषण ना होने के कारण बताए भी देखने को मिलती हैं। आज हमारे शरीर में किसी अंग का विकास हो सकता तो क्या भाव में हो ही जाता है तो वह पूर्णतया स्वस्थ नहीं होता है, अर्थात कमजोरी के कारण हमारे शरीर के विकास में बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है इसलिए शरीर को स्वस्थ तथा मोटा होना आवश्यक होता है। जिससे शरीर का विकास हो सके और शरीर के प्रत्येक अंग सुरक्षित तथा स्वस्थ रहें।
शरीर को मोटा करने के लिए उपचार
यदि हमारा शरीर बहुत अधिक कमजोर है इसका मतलब हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पा रही है। इसके कारण हमारे शरीर की मांसपेशियां अपना विकास नहीं कर पा रहे हैं। शरीर में मांसपेशियों के विकास ना होने के कारण शरीर का विकास रुक जाता है जिसके कारण शरीर मोटा नहीं दिखाई देता है। मोटा ना होने के साथ-साथ कमजोरी के कारण शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी रहती हैं इसलिए हमारे शरीर का स्वास्थ्य ऊर्जावान तथा पर्याप्त मात्रा में वजन के साथ-साथ मोटा होना भी आवश्यक होता है शरीर को मोटा करने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सके जिससे शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता रहेगा।
- वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक पाउडर।
- वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन पाउडर।
- मोटा होने के लिए चूर्ण।
वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक पाउडर
हमारे शरीर में यदि पहले से पोषक पदार्थों की कमी है इसके कारण हमारा शरीर विकास नहीं कर पा रहा है और और शरीर का वजन नहीं बढ़ता रहा है शरीर के वजन न बढ़ने की समस्या को दूर करने के लिए बाजार में विभिन्न प्रकार के मोटे होने का पाउडर उपलब्ध है। जिनका प्रयोग करके हम अपने शरीर के वजन को बढ़ा सकते हैं। यह आयुर्वेदिक पाउडर पूर्ण रूप से सुरक्षित और असरदार है।
- यष्टिमधु पाउडर।
- शतावरी का पाउडर।
- अश्वागंधा चूर्ण ।
- सफेद मूसली पाउडर।
- त्रिफला चूर्ण।
यष्टिमधु पाउडर
मुलेठी को हम यष्टिमधु के नाम से जानते हैं यष्टिमधु पाउडर हमारे पेट की पाचन क्रिया ठीक करने के लिए बहुत अच्छा आयुर्वेदिक पाउडर होता है जो हमारी पाचन क्रिया को सुचारू रूप से सक्रिय करके पेट में होने वाले विभिन्न प्रकार के विकारों को दूर करता है। जिसके कारण हमारे द्वारा लिए गए सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ पूर्ण रूप से पच जाते हैं। जिससे पचे हुए भोजन पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होते हैं जिनका प्रयोग शरीर अपने विकास के लिए करता है यष्टिमधु पाउडर मुलेठी को पीसकर बनाया जाता है जिसका प्रयोग नींबू पानी के साथ किया जा सकता है मुलेठी पाउडर पेट की बीमारियों को ठीक करने के साथ-साथ शरीर में शक्ति का संचार करता है तथा का प्रयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में भी किया जाता है। इसका प्रयोग पाचन शक्ति को ठीक करने के साथ-साथ लिकोरिया अल्सर तथा पेट की गैस को ठीक करने के लिए किया जाता है।
शतावरी का पाउडर
शतावरी प्रकृति में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक पौधा होता है जिससे शतावरी पाउडर का निर्माण किया जाता है जिसका प्रयोग शारीरिक शक्ति के विकास के लिए किया जाता है। शतावरी पाउडर में शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर में रक्त का संचार करते हैं। जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के कारण वह मोटे नहीं हो पाते हैं, उनके लिए शतावरी पाउडर एक रामबाण औषधि है। आप इसका सेवन रात को सोने से डेढ़ घंटे पहले कर सकती हैं। शतावरी के चूर्ण को आप गर्म दूध में हल्दी मिलाकर भी पी सकती हैं। इसके अलावा आप दूध में पके घी को मिलाकर भी इसका सेवन कर सकती हैं।
अश्वागंधा चूर्ण
अलग-अलग देशों में अश्वगंधा कई प्रकार की होती है, लेकिन असली अश्वगंधा की पहचान करने के लिए इसके पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है। अश्वगंधा की ताजी जड़ में यह गंध अधिक तेज होती है। वन में पाए जाने वाले पौधों की तुलना में खेती के माध्यम से उगाए जाने वाले अश्वगंधा की गुणवत्ता अच्छी होती है। तेल निकालने के लिए वनों में पाया जाने वाला अश्वगंधा का पौधा ही अच्छा माना जाता है।अश्वगंधा का प्रयोग शारीरिक शक्ति के विकास के लिए किया जाता है ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए आपको दिन में 250 एमजी अश्वगंधा लेना चाहिए। मांसपेशियों के विकास और ताकत को बढ़ाने के लिए दैनिक रूप से अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करना चाहिए जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के कारण मोटापा नहीं हो पाता है। उनको दैनिक रूप से अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करना चाहिए कुछ लोगों को खाली पेट अश्वगंधा नुकसान करता है, इसलिए इसके सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर या नेचुरापैथी एक्सपर्ट से सलाह लेकर इसका सेवन किया जाए।
सफेद मूसली पाउडर
सफेद मूसली एक महत्वपूर्ण औषधीय जड़ी बूटी मानी जाती है। यह एक कायाकल्प, एक जीवन शक्ति और एक स्वास्थ्य टॉनिक के रूप में जाना जाता है। इसका उपयोग स्वास्थ्य में सुधार के लिए किया जा सकता है जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी के कारण मोटापा नहीं आ पाता है तथा विभिन्न प्रकार के औषधीय उपयोग करके थक गए हैं तो आप तो सफेद मूसली का प्रयोग करना चाहिए सफेद मूसली का प्रयोग चाहे एक शक्ति के विकास को बढ़ाने के लिए किया जाता है। सफेद मूसली मांसपेशियों के विकास में सहायक होती है जिससे हमारे शरीर की वृद्धि होती है सफेद मूसली को देसी चवनप्राश की तरह प्रयोग किया जाता है, जो हमारे शरीर के विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है सफेद मूसली में कुछ ऐसे प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के विकास में सहायक होते हैं प्राकृतिक रूप से शारीरिक वजन तथा मोटापा को बढ़ाने के लिए दैनिक रूप से सफेद मुसली पाउडर का प्रयोग करना चाहिए।
वजन बढ़ाने के लिए प्रोटीन पाउडर
हम जिन खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं फोन में खड़े अनाज तथा दालों में प्रोटीन पाया जाता है खड़े अनाज जैसे गेहूं बाजरा जौ तथा दालें व फलियों में प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो हमारी शारीरिक विकास के लिए प्रयोग की जाती है हमारे शरीर के विकास के लिए मांसपेशियों का विकास होना अति आवश्यक होता है मांसपेशियों के विकास के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन की आवश्यकता को पूर्ति करने के लिए हमें खाद्य पदार्थों के नाम एक्स्ट्रा प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। प्रोटीन पूर्ति के लिए हमें प्रोटीन का प्रयोग अलग से करते हैं जो पाउडर के रूप में प्राप्त होता है। बाजार में बहुत सारे प्रोटीन पाउडर उपलब्ध है जिनका प्रयोग करते हम मांसपेशियों के विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास कर सकते हैं जिससे हमारा शरीर का वजन बढ़ेगा और हमारा शरीर मोटा दिखाई देगा यह प्रोटीन पाउडर निम्नलिखित होते हैं।
- व्हे प्रोटीन।
- सोया प्रोटीन।
- हेंप प्रोटीन।
- प्रोटीनक्स।
- Branched-chain amino acids प्रोटीन।
व्हे प्रोटीन
व्हे प्रोटीन पाउडर प्रोटीन का एक अच्छा सप्लीमेंट स्रोत माना जाता है जिसका प्रयोग शरीर में प्रोटीन प्रदान करने के लिए किया जाता है जिन व्यक्तियों में मांसपेशियों का विकास के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है, और वह किसी अन्य स्रोत से प्रोटीन नहीं ले रहे हैं तो उनको दैनिक रूप से व्हे प्रोटीन पाउडर का सेवन करना चाहिए। यदि आप अंडा दूध तथा डालो आज से प्रोटीन ले रहे हैं तो भी आप व्हे प्रोटीन पाउडर का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि प्राकृतिक रूप से प्रोटीन लेने पर कमजोर शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं प्राप्त हो पाता है। जिसके कारण मांसपेशियों का पर्याप्त विकास नहीं हो पाता मांसपेशियों के पर्याप्त विकसित ना होने के कारण शरीर का वजन नहीं बढ़ता है। साथ ही साथ शरीर में वजन ना होने के कारण हमारा शरीर मोटा नहीं दिखाई देता है हमें अपने शरीर का वजन बढ़ाने के लिए दैनिक रूप सेव्हे प्रोटीन पाउडर का प्रयोग करना चाहिए।
सोया प्रोटीन
सोयाबीन प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले प्रोटीन में सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है सोयाबीन का प्रयोग प्राकृतिक प्रोटीन को प्राप्त करने के लिए किया जाता है सोयाबीन से प्राप्त सोया प्रोटीन का प्रयोग उच्च मात्रा में प्रोटीन पूरक के रूप में किया जाता है जिन व्यक्तियों में प्रोटीन की कमी के कारण शारीरिक मांसपेशियां विकसित नहीं हो पाती हैं। उनको दैनिक रूप से सोया प्रोटीन का प्रयोग करना चाहिए सोया प्रोटीन के प्रयोग से शरीर की मांसपेशियां विकसित होती हैं जिससे हमारे शरीर का वजन बढ़ने लगता है शरीर के वजन बढ़ने के साथ-साथ हमारा शरीर मोटा तथा स्वस्थ दिखाई देने लगता है। शरीर के वजन बढ़ने के साथ-साथ स्वस्थ होना बहुत आवश्यक है। यदि हमारा शरीर स्वस्थ है तो हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जो विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने के लिए सहायक होती है।
हेम्प प्रोटीन पाउडर
प्रोटीन की जरूरत तो सभी को होती है क्योंकि इससे मांसपेशियां स्ट्रांग बनी रहती हैं। अगर आपकी डाइट में खाने के रूप में प्रोटीन भरपूर मात्रा में शामिल है तो प्रोटीन पाउडर ऑप्शन की तरह रख सकते हैं। यह आपकी डाइट पर निर्भर करता है कि आपको कितनी मात्रा में प्रोटीन की जरूरत है।यदि आपको प्रोटीन पाउडर की आवश्यकता है तो आप प्रोटीन पाउडर की कमी को पूरा करने के लिए हेम्प प्रोटीन पाउडर का प्रयोग कर सकते हैं जिस में प्राकृतिक रूप से प्राप्त प्रोटीन उपलब्ध होती है जिससे हमारी मांसपेशियों प्रकार बहुत तेजी से होता है, तथा यह हमारे शरीर के वजन को बढ़ाने में सहायक होती है। जिन व्यक्तियों का वजन प्रोटीन की कमी के कारण नहीं बढ़ता है उनको दैनिक रूप से हेम्प प्रोटीन पाउडर का प्रयोग करना चाहिए, जो शारीरिक वजन बढ़ाने के साथ-साथ शारीरिक शक्ति भी बढ़ाती है और जिससे हमारा शरीर मोटा दिखने लगता है अर्थात मोटा दिखने के लिए दैनिक रूप से शरीर को एक्स्ट्रा प्रोटीन के रूप में हेम्प प्रोटीन पाउडर देना अत्यावश्यक होता है।
Branched-Chain Amino Acids प्रोटीन
जिन व्यक्तियों में शारीरिक कमजोरी होने के कारण उनकी मांसपेशियां विकसित नहीं हो पाते हैं मांसपेशियों के विकास ना करने के कारण उनका शरीर दुबला पतला दिखाई देता है। जिसके कारण उनके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और उनका शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाता है इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए तथा शरीर का वजन बढ़ाने के लिए शरीर की मांसपेशियों का विकास अति आवश्यक होता है जिसके लिए कुछ विशेष प्रकार के प्राकृतिक प्रोटीन का प्रयोग किया जाता है। जिन व्यक्तियों में प्रोटीन की कमी के कारण मांसपेशियों का विकास नहीं होता है, उनको दैनिक ग्रुप से Branched-chain amino acids प्रोटीन पाउडर का प्रयोग करना चाहिए, जो हमारे शरीर में मांसपेशियों के विकास तथा वजन बढ़ाने में सहायक होता है Branched chain amino acids प्रोटीन के प्रयोग के साथ साथ व्यायाम करने से मांसपेशियों का विकास शीघ्र होता है और हमारे शरीर का वजन बढ़ने लगता है जिससे हम मोटे दिखाई देने लगते हैं।
मोटा होने के लिए चूर्ण
कमजोर शरीर को मोटा तथा स्वस्थ बनाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के प्रोटीन युक्त पोषक पदार्थों का प्रयोग किया जाता है जो शरीर को अति शीघ्र पोषण प्रदान करते हैं। जिससे हमारे शरीर की मांसपेशियां विकसित होकर शरीर को स्वस्थ तथा मजबूत बनाती हैं जिससे हमारा शरीर का वजन बढ़ जाता है, और हमारा शरीर मोटा दिखाई देने लगता है शरीर पर शीघ्र मोटा बनाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चूर्ण का प्रयोग किया जाता है। जिनमें बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को ऊर्जा तथा शक्ति प्रदान करते हैं यह चूर्ण में निम्नलिखित हैं।
त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण आंवला हरड़ बहेड़ा मिश्री तथा काले नमक का मिश्रण होता है जिसका प्रयोग पेट की पाचन क्रिया को ठीक करने के लिए किया जाता है। हमारी पाचन क्रिया कमजोर होने के कारण हम जिन पदार्थों का सेवन खाने के रूप में करते हैं, वे पच नहीं पाते हैं। जिसके कारण हमें पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। पोषक तत्वों की कमी के कारण हमारे शरीर का विकास रुक जाता है और हमारा शरीर मोटा नहीं हो पाता है। मोटा ना होने के कारण शरीर का वजन नहीं बढ़ता है। त्रिफला चूर्ण हमारे शरीर की पाचन क्रिया को ठीक करता है, तथा पाचन क्रिया के पश्चात शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। जिनका प्रयोग शरीर मांसपेशियों के विकास के लिए करता है मांसपेशियों का विकास होने के कारण शरीर मोटा तथा वजन दिखाई देता है। अतः शारीरिक कमजोरी को दूर करके तथा मोटापा लाने के लिए दैनिक रूप से त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए त्रिफला चूर्ण एक प्राकृतिक चूर्ण है जिसका हमारे शरीर पर कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है।
नमीरा चूर्ण
राजस्थान हर्बल इंटरनेशनल द्वारा शारीरिक वेट बढ़ाने के लिए नमीरा चूर्ण का निर्माण किया गया है जो हमारे शरीर में पाचन क्रिया संबंधित विकारों को दूर करता है तथा हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान करता है। जब हम किसी प्रकार के भोजन को ग्रहण करते हैं और उसके पाचन क्रिया सही प्रकार से होती है तो भोजन में उपस्थित सभी प्रकार के पोषक तत्व पूर्ण रूप से शरीर में पहुंचते हैं शरीर में पूर्ण रूप से पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व पहुंचने के कारण हमारे मांसपेशियों तथा शारीरिक शक्ति का विकास होता है जिसके कारण हमारे शरीर का वजन बढ़ने लगता है। शरीर का वजन बढ़ने के साथ साथ हमारा स्वस्थ और मोटा दिखाई देगा जिससे हमारे शरीर के दुबले-पतले उनकी समस्या समाप्त हो जाती है।
निष्कर्ष
यदि हम अपने शरीर को मोटा बनाना चाहते हैं। उसके लिए हम अपनी मांसपेशियों का विकास करते हैं मांसपेशियों के विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में शरीर को प्रोटीन की आवश्यकता होती है। जब हमें भोजन के रूप में पर्याप्त रूप से प्रोटीन नहीं प्राप्त हो पाता है, तो हमारा शरीर कमजोर होने लगता है। इस कमजोरी को दूर करने के लिए हम अलग से कुछ प्रोटीन पाउडर का तक चूर्ण का प्रयोग करते हैं। प्रोटीन पाउडर के साथ साथ हम मोटा होने के लिए आयुर्वेदिक पाउडर का भी प्रयोग करते हैं, वजन ना बढ़ने का कारण सिर्फ मेटाबॉलिज्म का अच्छा होना नहीं होता है। इसके पीछे कई वजहें हैं. जैसे कि आनुवंशिकी, न्यूट्रिशन और यहां तक कि व्यवहार का तरीका भी बॉडी वेट बनाए रखने में मदद करता है. वजन का बढ़ना या ना बढ़ना हर व्यक्ति की अलग-अलग रुटीन पर भी निर्भर करता है।
FAQ
मोटे होने का पाउडर का नाम क्या है?
मोटे होने के लिए शरीर को मांस पेशियों के विकास के लिए कुछ प्रोटीन पाउडर की आवश्यकता होती है जिनका प्रयोग करके हम मांसपेशियों का विकास करते हैं जिससे हमारा शरीर मोटा होने लगता है। मांसपेशियों के विकास के लिए उपरोक्त लेख में विभिन्न प्रकार के प्रोटीन पाउडर तथा आयुर्वेदिक पाउडर के साथ चूर्ण का प्रयोग बताया गया है। जिनके प्रयोग से आप ना मोटे होने की समस्या को दूर कर सकते हैं मोटा होने के लिए सबसे अच्छा पाउडर एचडी में सफेद मूसली चूर्ण तथा हेम्प प्रोटीन पाउडर है जिसका प्रयोग मांसपेशियों के विकास के लिए किया जा सकता है यह पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक तथा सुरक्षित हैं।
वजन बढ़ाने के लिए कौन सा चूर्ण खाना चाहिए?
वजन बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार के चूर्ण प्रयोग किए जाते हैं जो हमारी शरीर की पाचन क्रिया को बढ़ाते हैं तथा हमें प्रोटीन प्रदान करते हैं वजन बढ़ाने के लिए उपयोग में विभिन्न प्रकार के जून की जानकारी दी गई है। जिनका प्रयोग करते हुए मांसपेशियों के विकास में सहायक हो सकते हैं। राजस्थान हर्बल इंटरनेशनल द्वारा नमीरा चूर्ण का निर्माण किया गया है जो कि प्रोटीन तथा अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो हमारे शरीर के वजन को बढ़ाने में सहायक होता है यदि आप अपने शरीर का वजन बढ़ाना चाहते हैं और मोटे होना चाहते हैं तो दैनिक रूप से इस चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए।
अश्वगंधा से मोटे होते हैं क्या?
जी हां हम अश्वगंधा से मोटे हो सकते हैं। अश्वगंधा में शारीरिक शक्ति प्रदान करने के लिए बहुत सारे आयुर्वेदिक औषधि तत्व उपलब्ध होते हैं जो हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करता है। यदि हम दैनिक रूप से अश्वगंधा चूर्ण या पाउडर का प्रयोग करते हैं तो हमारे शरीर में होने वाली पोषक तत्वों की कमी पूर्ति हो जाती है। जिससे हमारा शरीर स्वस्थ बना रहता है और हमारा शरीर का वजन बढ़ने लगता है और मोटे दिखने लगते हैं।
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