पेनिस की नसों के लिए योग जिससे आपका पेनिस बनेगा लोहे जैसा सख्त

सेक्स समस्याओं में लिंग की कमजोरी तथा सेक्स इच्छा में कमी के साथ-साथ पुरुष बांझपन की समस्या हो जाती है, जिसके कारण व्यक्ति की मानसिक स्थिति खराब होने लगती है। मानसिक रूप से व्यक्ति बीमार रहने लगता है साथ ही साथ हमारे आपसे रिश्ते भी खराब होने लगते हैं, इसलिए विभिन्न प्रकार की समस्याओं में से पेनिस की नसों की कमजोरी के कारण पेनिस में होने वाली बीमारियों को दूर करने के लिए आज हम आपको पेनिस की नसों के लिए योग के बारे में जानकारी देंगे, जिससे आप अपने लिंग को मजबूत बना सकते हैं तथा से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याओं को दूर कर सकते हैं। आधुनिक समाज के खानपान तथा वातावरण के कारण हमें पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं, जिसके कारण हमारा शरीर दिन-ब-दिन कमजोर होता जा रहा है।

शारीरिक कमजोरी होने के कारण हमारा शरीर में दैनिक रूप से विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती जा रही है तथा बीमारियों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं से घिरते जा रहे हैं। शारीरिक बीमारियों के कारण हमारी शारीरिक शक्ति कमजोर होती जा रही हैं। शारीरिक कमजोरी के कारण हमें विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं होती जा रही है। 

पेनिस की नसों मे कमजोरी या शीघ्रपतन

शीघ्रपतन

आधुनिक समय मे प्रदूषित वातावरण के कारण जितने भी खाद्य पदार्थों का का प्रयोग किया जाता है, उनमें से किसी में भी पर्याप्त रूप से पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं, क्योंकि प्रदूषण के कारण खाद्य पदार्थों में पर्याप्त रूप से पोषक तत्व ना होने के कारण, हमारे भोजन के रूप में हमें पर्याप्त खाद्य पदार्थ नहीं मिल पाते हैं। पर्याप्त रूप से खाद्य पदार्थों में पोषक तत्व ना होने के कारण हमारा शरीर कमजोर होता जाता है, जिसके कारण हमारे शरीर के अंगों का विकास रुक जाता है, जिसके कारण पेनिस की नसे कमजोर होने लगती हैं।

 

पेनिस की कमजोर नसों की कमजोरी के कारण लिंग में पर्याप्त तनाव नहीं आता है, तथा सेक्स क्रिया के समय 2 मिनट के अंदर लिंग से वीर्य स्खलन हो जाता है, जिसके कारण पुरुष तथा महिला सेक्स क्रिया के समय पर्याप्त शारीरिक संतुष्टि प्राप्त नहीं करते हैं, जिसके कारण एक महिला तथा पुरुष के मध्य रिश्ते खराब हो जाते हैं, जिसके कारण पुरुष तथा महिला दोनों ही विभिन्न प्रकार की मानसिक तथा सामाजिक समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। 

 

शीघ्रपतन

आधुनिक विषम परिस्थितियों के कारण आजकल प्रत्येक पुरुष विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याओं से घिरा होता है क्योंकि आधुनिक समय में हमारे खान-पान तथा रहन-सहन के कारण खाद्य पदार्थों द्वारा तथा वातावरण के कारण पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते हैं। शरीर में जब पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते हैं तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, साथ ही साथ हमारा शरीर विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाता है। इन लोगों में विभिन्न प्रकार के सेक्स संबंधी रोग भी होते हैं, जो हमारी सेक्स जीवन को प्रभावित करते हैं, जिसके कारण एक पुरुष तथा महिला  के मध्य स्थापित होने वाले सेक्स संबंध कमजोर हो जाते हैं, जिसका प्रभाव उनके दैनिक जीवन पर पड़ता है।

 

दैनिक जीवन प्रभावित होने के कारण वह एक विशेष प्रकार की मानसिक समस्या का शिकार हो जाते हैं, जिसके कारण महिला तथा पुरुष दोनों का है जीवन प्रभावित होता है। पेनिस में कमजोरी के कारण पुरुष सेक्स क्रिया करने में असमर्थ रहते हैं। साथ ही साथ पुरुष सेक्स कमजोरी के कारण महिलाओं को गर्भवती बनाने में असमर्थ होते हैं, जिसके कारण उन्हें पुरुष बांझपन जैसे समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है तथा विभिन्न प्रकार की सामाजिक कुरीतियों के कारण उनका जीवन दुश्वार हो जाता है। 

 

पुरूष हारमोंस टेस्टोस्टेरोन तथा पुरुष लिंग में तनाव मे संबंध

पेनिस की नसों के लिए योग

पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण होता है, जिसके कारण पुरुषों में शुक्राणु निर्माण होता है, शुक्राणु निर्माण के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की पुरुष शारीरिक क्रियाओं के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन से जिम्मेदार होता है, जिससे पुरुषों में सेक्स पावर, वीर्य का निर्माण तथा लिंग में तनाव न आने जैसी विभिन्न क्रियाएं होती हैं। पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन की कमी हो जाती है, तो इसका प्रभाव हमारे शरीर पर तथा हमारी सेक्स लाइफ पर पड़ता है। इसलिए इसे सेक्स हारमोंस के रूप में भी जाना जाता है।

 

जब हमारे शरीर की शारीरिक शक्ति कमजोर हो जाती है, जिसके कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का श्रावण कम हो जाता है, जिसके कारण पुरुषों के टेस्टिस में शुक्राणु निर्माण या तो कम हो जाता है या फिर बंद हो जाता है, जिसके कारण पुरुषों के लिंग की नसों में कमजोरी आ जाती है और सेक्स क्रिया के समय वीर्य पतला होने के कारण लिंग से शीघ्र स्खलित हो जाता है। इसके अलावा पुरुषों के लिंग में तनाव ना आने तथा लिंग की नसों में कमजोर होने के विभिन्न कारण होते हैं, जिनमें बहुत अधिक हस्तमैथुन करना शारीरिक कमजोरी लिंग में किसी प्रकार का संक्रमण आदि हो सकते हैं।

 

पेनिस में कमजोरी होने के कारण

पेनिस में कमजोरी होने के कारण

जैसा कि आपको उपरोक्त बताया गया है कि पुरुषों के लिंग में कमजोर होने का मुख्य कारण उनके शरीर में शारीरिक कमजोरी होना होता है, किंतु कभी-कभी हम अपने जीवन में ऐसी गलतियां करते हैं, जिनका खामियाजा हमें जिंदगी के किसी न किसी समय में भुगतना अवश्य पड़ता है। कभी-कभी कोई कोई पुरुष गलत व्यक्तियों के संगत में या फिर गलत इंटरनेट के प्रयोग के कारण पॉर्न वीडियो तथा सेक्स से संबंधित सामग्री से लगाव के कारण हस्तमैथुन करने का आदी हो जाते हैं।

 

जिसके कारण उनके शरीर से वीर्य नाश के साथ-साथ लिंग में घर्षण के कारण लिंग की नसों में भी कमजोरी हो जाती है, जो पुरुष के लिए आगे आने वाले समय में अभिशाप बन जाती है क्योंकि लिंग में कमजोरी होने के कारण पुरुषों के लिंग में तनाव नहीं आता है या फिर  सेक्स क्रिया करते समय शीघ्रपतन शीघ्र स्खलन की समस्या हो जाती है, जिससे पुरुष महिला साथी के साथ लंबे समय तक सेक्स क्रिया करने में असमर्थ रहता है जिसका असर उसकी पर्सनल लाइफ पर पड़ता है। पेनिस नसों के ढीले होने का या नसों की कमजोरी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं 

  • शारीरिक कमजोरी। 
  • शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी।
  • अत्यधिक हस्तमैथुन करना
  • पोषक तत्वों की कमी।
  • प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण।

 

शारीरिक कमजोरी

शारीरिक कमजोरी

शारीरिक कमजोरी प्रत्येक व्यक्ति के शरीर को विभिन्न रोगों का घर बना देते क्योंकि जब हमारी शारीरिक शक्ति कमजोर हो जाती है, तो हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिसके कारण हमारा शरीर किसी भी प्रकार के रोग से लड़ने में असमर्थ हो जाता है, जिससे हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। रोगों के बढ़ने के कारण हमारा शरीर और भी कमजोर होने लगता है, जो शारीरिक कमजोरी बढ़ने के साथ-साथ हमारे शरीर में पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन की कमी हो जाती है, जिसके कारण पुरुषों के शरीर में शुक्राणु निर्माण बाधित हो जाता है तथा सेक्स इच्छा समाप्त हो जाती है।

 

पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी होने लगती है और शुक्राणु निर्माण बातचीत होने लगता है, तो पुरुषों के शरीर में बनने वाला वीर्य बहुत अधिक पतला हो जाता है, जो सेक्स क्रिया के लिए उपयुक्त नहीं होता है, जिसके कारण पुरुषों में शीघ्रपतन की समस्या होती है या फिर लिंग में पर्याप्त तनाव नहीं आता है, इसके साथ ही साथ स्वस्थ शुक्राणु ना होने के कारण पुरुषों में बांझपन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए शारीरिक कमजोरी पेनिस की नसों की कमजोरी का मुख्य कारण हो सकता है, पेनिस की नसों को स्वस्थ बनाने के लिए पेनिस की नसों के लिए योग के साथ-साथ शारीरिक शक्ति बहुत ही आवश्यक है। 

 

शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी

शरीर में टेस्टोस्टेरोन की कमी

पुरुषों के शरीर में सेक्स क्रियाओं के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन जिम्मेदार होता है, जो पुरुषों के सभी सेक्स क्रियाओं में सहयोग करता है जिसके कारण पुरुषों के लिंग में तनाव टेस्टिस में शुक्रणु निर्माण के साथ-साथ अन्य विभिन्न प्रकार की सेक्स संबंधी कार्य के लिए जिम्मेदार होता है। इसलिए जब शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी हो जाती है, तो सेक्स से संबंधित सभी क्रियाएं बाधित होने लगती हैं, जिसमें लिंग में पर्याप्त तनाव न आने की समस्या का कारण वीर्य में पर्याप्त रूप से शुक्राणु ना होने के कारण होता है। 

 

अत्यधिक हस्तमैथुन करना

अत्यधिक हस्तमैथुन करना

जब हम बुरी संगत में पड़कर या डिजिटल माध्यम से उपलब्ध पोर्न वीडियो देखकर कम उम्र में भी बहुत अधिक हस्तमैथुन करते हैं, जिसके कारण हमारे लिंग की नसें कमजोर हो जाती हैं। विभिन्न प्रकार से बचपन में की गई गलतियां हमें आगे चलकर बहुत अधिक नुकसान पहुंचाती हैं। जब हम कम उम्र में ही बहुत अधिक हस्तमैथुन करते हैं तो हमारे शरीर से बहुत अधिक मात्रा में वीर्य बर्बाद हो जाता है, साथ ही साथ वीर्य बर्बाद होने के अलावा लिंग में हाथ के घर्षण के कारण लिंग की नसों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिसके कारण में वीर्य को अधिक मात्रा में तथा अधिक देर तक रोकने की शक्ति नहीं होती है, इसलिए बचपन में की गई गलतियों के कारण पेनिस की नसों में कमजोरी आ जाती है।

 

पोषक तत्वों की कमी

पोषक तत्वों की कमी

आधुनिक खाद्य पदार्थों में सामान्य रूप से प्रदूषण के कारण पोषक तत्वों की कमी है, किंतु इसके साथ ही आधुनिक समय में हम ऐसे खाद्य पदार्थों का प्रयोग करते हैं, जिनमें पोषक तत्व उपलब्धि नहीं होते हैं, क्योंकि आजकल अधिकतर लोग बाजार में उपलब्ध फास्ट फूड तथा जंक फूड का प्रयोग खाने में अधिक मात्रा में कर रहे हैं, जिसमें केवल शरीर के लिए हानिकारक तत्व उपलब्ध होते हैं, पोषक तत्व बिल्कुल भी नहीं होते हैं।

 

खाद्य पदार्थों में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व ना होने के कारण हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी होती जा रही है, जिसके कारण हमारा शरीर कमजोर हो जाता है, साथ ही साथ शारीरिक कमजोरी के कारण पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी हो जाती है जिसके कारण शुक्राणु निर्माण बाधित हो जाता है और वीर्य में पतलेपन की समस्या हो जाती है, साथ ही साथ शारीरिक कमजोरी के कारण लिंग की नसों में कमजोरी आ जाती है।

 

प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण

प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण

यदि पुरुषों के प्राइवेट पार्ट्स में किसी प्रकार का संक्रमण हो जाता है, तो वहां पर खुजली, जलन तथा अन्य विभिन्न प्रकार की समस्या देखने को मिलती हैं, जिसके कारण हमें बहुत अधिक समस्या होती है। जब किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हम आते हैं तो हमें भी उस वक्त द्वारा संक्रमित कर दिया जाता है, अर्थात उस व्यक्ति का संक्रमण का प्रभाव हमारे ऊपर भी दिखाई देता है।

 

इसी प्रकार इसी प्रकार के गुप्त रोग से पीड़ित है या प्राइवेट पार्ट के संक्रमण से पीड़ित है, तो वह संक्रमण हमारे प्राइवेट पार्ट्स पर भी दिखाई देता है। प्राइवेट पार्ट्स में संक्रमण होने के कारण वह प्राइवेट पार्ट सही तरीके से कार्य नहीं करता है, जिसके कारण सेक्स करने में समस्या उत्पन्न होती है। प्राइवेट पार्ट में यदि किसी प्रकार का संक्रमण हो जाता है तो उसके कारण पेनिस की नसें कमजोर हो जाती हैं। 

 

पेनिस की नसों की कमजोरी के लिए उपाय

पेनिस की नसों की कमजोरी के लिए उपाय

यदि उपरोक्त में से किसी भी समस्या के कारण आपकी पेनिस की नसे कमजोर हो गई है, जिसके कारण आपको सेक्स क्रिया करते समय भिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन सेक्स समस्याओं में पेनिस की कमजोर नसों के कारण होने वाली शीघ्रपतन की समस्या पेनिस की नसों कमजोरी के कारण पेनिस में पर्याप्त तनाव न आने की समस्या, सेक्स इच्छा समाप्त हो जाने की समस्या, आदि विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिन से बचने के लिए पेनिस की नसों का इलाज कराना बहुत ही आवश्यक है।

 

पेनिस की नसों को मजबूत बनाने के लिए पेनिस की नसों के लिए योग आयुर्वेदिक दवाइयां तथा विभिन्न प्रकार के तेलों का प्रयोग किया जाता है जो पेनिस की नसों को मजबूत बनाने के लिए सहयोग करते हैं। जिन व्यक्तियों में पेनिस की नसों की कमजोरी के कारण उनकी सेक्स लाइफ बर्बाद हो गई है। आज हम उनके लिए पेनिस की नसों के लिए योग के बारे में जानकारी देंगे साथ साथ कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएंगे जिनका प्रयोग करते हुए अपने पेनिस को मजबूत बना सकते हैं तथा लिंग में होने वाली सभी प्रकार की समस्याओं को दूर कर सकते हैं।

  • पेनिस की नसों के लिए योग।
  • पेनिस की नसों को मजबूत बनाने के लिए घरेलू उपाय।
  • पेनिस की नसों को मजबूत बनाने के लिए तेल। 
  • पेनिस को टाइट बनाने के लिए टेबलेट।

 

8 जबरदस्त पेनिस की नसों के लिए योग जिससे पेनिस बनेगा मजबूत 

शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए खाद्य पदार्थों तथा पोषक तत्वों के साथ-साथ शरीर को व्यायाम की आवश्यकता होती है जिससे पूरे शरीर में रक्त संचार सही से होता रहता है और शरीर के सभी अंग सही तरीके से कार्य करते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि आधुनिक समय में टेक्नोलॉजी का जमाना है, जिसके कारण कोई भी व्यक्ति अधिक मेहनत यह शारीरिक श्रम करना नहीं चाहता है। शारीरिक श्रम के प्रत्येक कार्य को मशीनों द्वारा किया जाता है, इसलिए आधुनिक समय में व्यक्ति के शरीर में मोटापे जैसी विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो रही हैं। इन सभी समस्याओं के कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां दिखाई देती हैं, जिनमें कुछ विशेष प्रकार की सेक्स समस्याएं भी शामिल हैं।

 

इन सेक्स समस्याओं में पेनिस की नसों की कमजोरी के कारण होने वाली शीघ्रपतन तथा लिंग में तनाव आने की समस्या आम हो गई है तो आप पोषक तत्व युक्त खाद्य पदार्थों का प्रयोग करने के साथ-साथ निम्नलिखित योग करते हुए अपने पेनिस में तनाव ना आने की समस्या तथा लिंग से शीघ्रपतन होने की समस्या को ठीक कर सकते हैं। पेनिस की नसों के लिए योग बहुत ही आवश्यक है इसलिए अपने पेनिस की नसों को मजबूत बनाने के लिए जिससे लिंग में शीघ्रपतन की समस्या ना हो और लिंग में पर्याप्त ना आने लगे इसके लिए आप पर निम्नलिखित योग दैनिक योगासन दैनिक रूप से करनी चाहिए।

  • धनुरासन
  • नौकासन
  • पश्चिमोत्तासन
  • सालभासन
  • कुंभकासन
  • बद्ध कोणासन
  • जानु शीर्षासन
  • उत्तानासन

 

धनुरासन

धनुरासन

आधुनिक समय में बड़े से बड़े रोग का इलाज योगासन तथा अन्य विभिन्न प्रकार की एक्सरसाइज किया जाता है क्योंकि शरीर को स्वस्थ बनाने में हमारे शरीर की दैनिक क्रियाकलाप बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं, जो व्यक्ति शारीरिक परिश्रम या शारीरिक एक्टिविटी बहुत कम करते हैं या फिर उनका ऐसा काम है जो बैठकर किया जाता है, ऐसे व्यक्तियों को दैनिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग व्यायाम करना बहुत ही आवश्यक माना जाता है। जिससे उस व्यक्ति को शारीरिक एक्टिविटी करने का मौका मिलता है, जिसके कारण शरीर की सभी मांसपेशियां तथा नशे एक्टिव रहती हैं।

 

इसी प्रकार यदि आपको लिंग के नसों संबंधी कोई समस्या है जिसके कारण आपकी सेक्स लाइफ सुखी नहीं है, तो उसे सुखी बनाने के लिए धनुरासन योगाभ्यास किया जाता है, जो हमारे शरीर के सभी मांसपेशियों को स्वस्थ तथा मजबूत बनाने में मदद करता है। जिन व्यक्तियों के शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याओं के कारण लिंग की नसें कमजोर हो जाती हैं और उनको सेक्स संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो जाती हैं, उनको दैनिक रूप से धनुरासन योगा अभ्यास करना चाहिए। योगाभ्यास पेनिस की नसों के लिए योग के रूप में जाना जाता है इसको करने के निम्नलिखित स्टेप

 

धनुरासन अभ्यास विधि 

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट को समतल जमीन पर बिछाते हैं।
  • योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं, पैरों को सटाकर रखें और हाथों को पैरों के पास रखें। 
  • धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ें और हाथों से टखने को पकड़ें। 
  • सांस भीतर की ओर खींचें और सीने को उठाएं और जांघों को जमीन से ऊपर उठाएं। हाथों से पैरों को खीचें। 
  • सामने की तरफ देखें और चेहरे पर मुस्कान बनाए रखें। 
  • अपना ध्यान सांसों की गति पर केंद्रित करने की कोशिश करें। शरीर धनुष की तरह खिंचा हुआ रहे। जबकि हाथ धनुष की डोरी का काम करेंगे। 
  • तभी तक करें जब तक आप आसानी से आसन कर सकें। सांसें लंबी और गहरी लेते रहें। 
  • करीब 15-20 सेकेंड के बाद, सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं।

 

यदि आप दैनिक रूप से धनुरासन योगाभ्यास करते हैं तो आपके शरीर में सेक्स पावर का विकास होता है इसके साथ साथ धनुरासन का अभ्यास करने से पेट तथा पीठ के नीचे की हड्डियां मजबूत रहती हैं तथा गर्दन के आसपास की मांसपेशियां भी मजबूत रहती हैं इसके अलावा यदि आप इसका अभ्यास दैनिक रूप से करते हैं, तो यह आपको मानसिक तनाव कम करने में भी मदद करता है। 

 

नौकासन

नौकासन

नौकासन हमारे शरीर से विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। नौकासन का अभ्यास दैनिक रूप से करने से मोटापा को कम करने तथा पेट की चर्बी को खत्म करने में बहुत अधिक मदद करता है। जब हमारे शरीर का मोटापा बढ़ता है तो हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं। इन सभी समस्याओं के कारण हमें बहुत अधिक परेशानी होने लगती है। इसलिए शरीर से मोटापा घटाना हटाना तथा पेट की चर्बी को कम करना बहुत ही आवश्यक होता है। यदि आप पेनिस की कमजोर नसों के कारण होने वाली सेक्स समस्या से परेशान हैं तो यह आसन आपको इससे छुटकारा दिला सकता है।

 

पेनिस की नसों में होने वाली समस्या के कारण होने वाली सेक्स समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हमें दैनिक रूप से नौकासन का अभ्यास करना चाहिए। नौकासन के अभ्यास करने से पेनिस की नसें मजबूत होने के साथ-साथ हर्निया, पाचन संबंधी समस्याएं, रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्याएं, के साथ-साथ नींद ना आने की समस्याओं के अलावा अन्य विविध प्रकार की समस्या को ठीक करता है। यदि आप निम्नलिखित तरीके से नौकासन का अभ्यास दैनिक रूप से करते हैं, तो निश्चित रूप से ही आपके शरीर से उपरोक्त सभी प्रकार के रोग दूर हो जाती हैं। साथ ही साथ पेनिस में नसों की कमजोरी दूर होकर सभी सेक्स समस्याएं ठीक हो जाती हैं। इसका अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जा सकते हैं

 

नौकासन अभ्यास विधि

  • नौकासन करने के लिए सबसे पहले किसी समतल जगह पर मैट बिछाएं।
  • इसके पश्चात पीठ के बल सीधा लेट जाए।
  • अब अपने शरीर के ऊपरी हिस्से और पैरों को ऊपर की और उठाये।
  • इस वक्त आपके पैर कम से कम 30 डिग्री का कोण बनाना चाहिए।
  • अब अपने हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें।
  • आपको इसी अवस्था में कम से कम 20-30 सेकंड रहना है।
  • इसी अवस्था को नौकासन कहते हैं।
  • कुछ देर इसी पोजीशन में रहें और फिर पुन: धीरे-धीरे हाथ, पैर और सिर को जमीन पर ले आएं।
  • इस आसन को दस बार दोहराएं और धीरे-धीरे 30 बार तक कर सकते हैं।

 

पश्चिमोत्तासन

पश्चिमोत्तासन

योग विशेषज्ञ बताते हैं, पश्चिमोत्तानासन योग आपके शरीर की सभी बड़ी मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग के साथ, रक्त प्रवाह में सुधार करने, शरीर का लचीलापन बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य में विशेष लाभकारी हो सकता है। रोजाना इसका अभ्यास करना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करने से शरीर में रक्त संचार सामान रहता है तथा शरीर के सभी अंग एक्टिव रहते हैं पश्चिमोत्तानासन का प्रयोग दैनिक रूप से नियमित रूप से पश्चिमोत्तानासन करने से मस्तिष्क शांत होता है और मानसिक समस्याएं कम होने लगती हैं।

 

पश्चिमोत्तानासन की मदद से तनाव, डिप्रेशन, चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है।  पश्चिमोत्तानासन का दैनिक रूप से अभ्यास करने से मन शांत होता है और मानसिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है इसलिए यदि आपको मानसिक समस्या तथा अन्य विभिन्न प्रकार के समस्याओं के कारण पेनिस की नसों में कमजोरी हो गई है जिसके कारण आपको विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं होने लगे हैं, जिनमें लिंग के पर्याप्त रूप से तनाव में कमी तथा सेक्स क्रिया करते समय शीघ्रपतन की समस्या हो रही है, तो आप दैनिक रूप से पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास कर सकते हैं। यह आपके शरीर से लिंग संबंधी सभी समस्याओं को दूर करता है इसका व्यास करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जा सकते हैं 

 

पश्चिमोत्तासन अभ्यास विधि

  • योगाभ्यास करने वाली मैट को समतल स्थान में बिछाते हैं।
  • मैट में पैरों को आगे करके बैठ जाते हैं। 
  • सबसे पहले दोनों पैरों को बाहर की ओर फैलाते हुए जमीन पर बैठ जाएं।
  • पैर की उंगलियों को आगे और एक साथ रहनी चाहिए।
  • अपनी सोच को अंदर की तरफ ले। 
  • अपनी बाहों को ऊपर उठाएं और जहां तक संभव हो शरीर को आगे की ओर झुकाने के लिए झुकें।
  • आगे की ओर झुकते समय साँस छोड़े ।
  • अंतिम चरण में, दोनों हाथो को पैरों के तलवे को और नाक को घुटनों को छूना चाहिए।
  • प्रारंभ में, इसे 5 सेकंड के लिए करें और धीरे-धीरे जब तक आप सहज महसूस करते हैं, तब तक मुद्रा मे बने रहने की कोशिश करें।
  • श्वास लें और मूल स्थिति में आएं।
  • इस प्रकार किसको लगातार 5 से 7 मिनट तक किया जा सकता है।

 

सालभासन

सालभासन

शलभासन योग करते समय शरीर का आकार शलभ कीट की तरह होने से, इसे शलभासन कहा जाता है। सालभासन का दैनिक रूप से अभ्यास करने से कमर और पीठ के मजबूत करता है और पाचन क्रिया को सुधारता है। सालभासन शरीर के लिए एक बहुत ही लाभदायक योगासन है। यह योगासन पीठ और कमर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा, सालभासन आंतों, पेट, जांघों और पैरों को भी मजबूत बनाता है। इस योगासन को नियमित रूप से करने से पेट की चर्बी कम होती है और कमर कमजोर नहीं होती है। इस योगासन को करने से श्वसन तंत्र भी मजबूत होता है। सालभासन एक योगासन है जो शरीर के कई हिस्सों को मजबूत करता है। इस आसन को करने से लिंग की कमजोरी में सुधार हो सकता है।

 

लिंग की कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि उम्र, तंत्रिका के रोग, स्तंभन दोष, दुर्बल मांसपेशियों आदि। सालभासन करने से लिंग के मांसपेशियों में खून का संचार बढ़ता है जिससे वे मजबूत होते हैं। इससे लिंग की कमजोरी कम हो सकती है। इसके अलावा, सालभासन करने से कमर और निचले पेट के हिस्से में मांसपेशियों की मजबूती बढ़ती है जिससे श्वसन तंत्र और दिल को भी फायदा होता है। यह आसन अधिक खून संचार करने से मन को भी शांति मिलती है जिससे अवसाद, तनाव, और अन्य मानसिक समस्याओं से निजात मिलती है। यदि आप लिंग की कमजोरी से पीड़ित हैं, तो सालभासन जैसे योगासनों को नियमित रूप से करने से आपको फायदा हो सकता है। सालभासन का अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जा सकते हैं 

 

सालभासन अभ्यास विधि 

  • पहले एक दंबल चटाई पर लेट जाएँ। अपने पेट के बल लेट जाने की कोशिश करें।
  • अपने पैरों को समतल रखें और उन्हें एक-दूसरे से थोड़ा दूर रखें।
  • अपने हाथों को आपके सिर के पीछे रखें। अपने पेट को एकजुट रखें और अपने साँस को धीरे से लें।
  • अब आपको अपने पेट के बल को अपनी साँस के साथ उठाना है। 
  • आपको अपने ऊपरी शरीर को बिना सहारे ऊपर उठाना है। 
  • अपने ऊपरी शरीर को इतना ऊपर उठाएं कि आपके पैर और टांगे टोटे से सीधे हों।
  • इस स्थिति में 10 सेकंड के लिए रुकें।
  • अब अपने ऊपरी शरीर को धीरे से नीचे ले जाएं। 
  • ध्यान रखें कि आप अपने पैरों को और टांगों को टोटे से सीधा रखें।
  • अपने पेट को फिर से सीधा रखें और धीरे से अपनी साँस छोड़ें।
  • इस प्रक्रिया को 10-12 बार दोहराएं।

 

कुंभकासन

पेनिस की नसों के लिए योग कुंभकासन

मोटापे की समस्या किसी भी व्यक्ति को तब होती है, जब उसके शरीर में अतिरिक्त वसा यानी फैट का जमाव हो जाता है। खराब जीवनशैली और गलत खान-पान की आदत शरीर में फैट जमने के मुख्य कारण माने जाते हैं। ऐसे में मोटापे को कम करने के लिए अधिकतर लोग वेट लॉस डाइट प्लान फॉलो करते हैं, लेकिन इसके लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहना भी जरूरी होता है। डाइट के साथ ही फिजिकल एक्टिविटी करने से आप अपना वजन आसानी से घटा सकते हैं। कुंभकासन एक योगासन है जो शरीर को विभिन्न तरह के लाभ प्रदान करता है, जिसमें लिंग की कमजोरी के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।

 

कुंभकासन के लाभों में श्वसन तंत्र को मजबूत करना कुंभकासन श्वसन तंत्र को मजबूत करता है, पेशाब की समस्याओं को दूर करना, नसों को मजबूत करना, शारीरिक स्थिरता बढ़ाना, इसलिए, कुंभकासन एक बहुत ही उपयोगी योगासन है जो लिंग की कमजोरी को कम करने में मददगार हो सकता है। इसलिए कुंभकासन का अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जा सकते हैं

 

कुंभकासन अभ्यास विधि  

  • इस योगासन को करने के लिए आप सबसे पहले मैट बिछाएं।
  • फिर इस मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
  • इस आसन को करते समय आपका शरीर सीधा रहेगा।
  • अब अपने शरीर को प्लैंक पोजीशन की मुद्रा में लाएं।
  • आपके दोनों हाथ कंधे के सामने रहेंगे और आपके पंजे जमीन पर रहेंगे।
  • फिर अपने कोर को टाइट करके आप शरीर को ऊपर हवा में उठाने की कोशिश करें।
  • जैसा आप फोटो में देख पा रहे हैं।
  • इसे करते समय आपकी कमर और गर्दन को बिल्कुल सीधा रखें।
  • आप कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें।
  • फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं।

 

बद्ध कोणासन

पेनिस की नसों के लिए योग बद्ध कोणासन

बद्ध कोणासन योगासन एक प्रकार का शीर्षासन होता है, जिसे हम अपने शरीर को उल्टा करके करते हैं। इस आसन को करने से लिंग की कमजोरी कम हो सकती है। यह आसन पेशाब करने की समस्या और लिंग की कमजोरी को दूर करने में मदद करता है। इस आसन को करने से पेशाब की नली मजबूत होती है जो लिंग की कमजोरी को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा, यह आसन सामान्य रूप से लिंग के रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद करता है जो लिंग के स्वस्थ विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस आसन को करने से पहले, सलाम बालासन, भुजंगासन, और उत्तानासन जैसे आसनों को करने से आपके शरीर को तैयार किया जा सकता है| यदि आपको लिंग से संबंधित किसी भी समस्या होती है तो आपको एक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

 

यदि आपको लिंग की कमजोरी से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं हैं तो आप पेनिस की नसों के लिए योग के रूप में बद्ध कोणासन का अभ्यास कर सकते हैं जिससे लिंग में होने वाली सभी समस्याएं दूर हो जाती है बद्ध कोणासन योगासन है जो शरीर को मजबूत बनाने और तंग मांसपेशियों को खोलने में मदद करता है। पेनिस की नसों के लिए योग के रूप मेंबद्ध कोणासन का अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जा सकते हैं

 

बद्ध कोणासन अभ्यास विधि

  • सबसे पहले, एक योगमाट या कुछ आरामदायक चटाई या तकिया उपयोग करके आसन के लिए बैठ जाएं।
  • अपने दोनों पैरों को सीधा रखें और फिर बाएं पैर को बाएं जाने वाली जानिब तक खींचें। इसके बाद, अपने दाहिने पैर को अपने शरीर के ऊपर बाएं घुटने के पास रखें।
  • अपने बाएं हाथ को अपने बाएं पैर के बाहरी भाग पर रखें। फिर दाहिने हाथ को अपने शरीर के पीछे बाएं कंधे के पास ले जाएं। आपके शरीर का एक त्रिभुज बन जाएगा।
  • इस स्थिति में रहते हुए, अपने श्वास को समय से निकालें। ध्यान रखें कि आपके पीठ सीधी रहनी चाहिए।
  • कुछ समय तक इस स्थिति में रहें। फिर अपने सांस छोड़ें और वापस आरामदायक स्थिति में आ जाएं। अब दाहिने पैर को बाईं जानिब तक खींचें और दोहराएं। इस प्रक्रिया को कुछ समय तक जारी रखें।
  • अब बाएं पैर को अपने शरीर के ऊपर रखें और दाहिने हाथ को बाएं पैर के बाहरी भाग पर रखें। 
  • फिर बाएं हाथ को अपने शरीर के पीछे बाएं कंधे के पास ले जाएं आपके शरीर का एक त्रिभुज बन जाएगा।
  • फिर से ध्यान रखें कि आपके पीठ सीधी रहनी चाहिए, आपको फिर से अपने श्वास को समय से निकालना होगा।
  • फिर से कुछ समय तक इस स्थिति में रहें। ध्यान रखें कि आपका शरीर सीधा रहता है।
  • अंत में आरामदायक स्थिति में आ जाएं। अब आप दोनों पैरों को सीधा रख सकते हैं।
  • इस प्रकार बद्ध कोणासन का अभ्यास बार-बार 5 से 7 मिनट तक किया जा सकता है।

 

जानु शीर्षासन

पेनिस की नसों के लिए योग जानु शीर्षासन

योग द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज भारत में प्राचीन काल में खो लिया था हमारे देश के ऋषि-मुनियों ने योग को पूरे विश्व में फैलाया है। हमारे देश के ऋषि-मुनियों तथा योगियों द्वारा योग का महत्व पूरे विश्व को बताया गया है तथा पूरे विश्व में योग की महत्ता को स्वीकार भी किया है। जिसके कारण आज समय में विभिन्न प्रकार के रोगियों का इलाज योग के माध्यम से किया जा रहा है। इसी प्रकार जानू शीर्षासन करने से हमारे शरीर को विभिन्न प्रकार के समस्याओं से राहत मिलती है। जिन व्यक्तियों के शरीर के जोड़ों में मांसपेशियों तथा हड्डियों की कमजोरी के कारण दर्द की समस्या रहती है, उनके लिए यह आसन बहुत ही उपयोगी साबित होता है जिसके दैनिक प्रयोग से शरीर की मांसपेशियां तथा हड्डियां मजबूत होती हैं।

 

इसलिए जिन व्यक्तियों में पेनिस की नसें कमजोर होती हैं जिसके कारण पेनिस में पर्याप्त तनाव नहीं आता है तथा पर्याप्त तनाव ना आने के कारण व्यक्ति सेक्स क्रिया करने में असमर्थ होता है। ऐसे व्यक्तियों को दैनिक रूप से जानू शीर्षासन का अभ्यास करना चाहिए जिससे उनके शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं तथा पेनिस की नसें भी मजबूत हो जाती हैं, जिससे उनके लिंग में आने वाली तनाव की समस्या समाप्त हो जाती है और लिंग में पर्याप्त ना होने की वजह से वह अपनी महिला साथी के साथ पर्याप्त समय तक सेक्स क्रिया करने में समर्थ रहते हैं तथा महिला साथी को सेक्स क्रिया में संतुष्ट करते हैं। जानु शीर्षासन का अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित स्टेप अपनाए जा सकते हैं

 

जानु शीर्षासन अभ्यास विधि 

  • योग मैट पर पीठ को सीधा करके बैठ जाएं।
  • बाएं पैर को कूल्हे के जोड़ से बाहर की ओर फैलाएं, इस दौरान अपने दाहिने घुटने को भीतर की ओर मोड़ें।
  • अब दाएं पैर के तलवे को बाईं जांघ के अंदरूनी हिस्से के ऊपर रखें, फिर दाहिने पैर और घुटने को फर्श पर आराम से दबाएं।
  • इस समय छाती और नाभि बाएं पैर के साथ होनी चाहिए, इससे ऊपरी धड़ एकदम सटीक स्थिति में आ जाएगा।
  • अब दोनों हाथों को कूल्के के पास रखकर सपोर्ट दें, सांस भीतर लें और पेट-धड़ को सिर की तरफ बढ़ाएं।
  • फिर सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों से पैर की एड़ी को पकड़ लें, इस दौरान बिल्कुल जोर लगाने की कोशिश न करें।
  • इसी स्थिति में बने रहें और गहरी-धीमी सांसें लेते और छोड़ते रहें।
  • इसके बाद सांस खींचते हुए हाथों से पैरों को छोड़ दे।
  • अब धड़ को ऊपर उठाएं और दाहिने पैर को सीधा करें, इसके बाद आप कुछ सेकेंड तक आराम करें।
  • इसके बाद अब यही आसन दाएं पैर के साथ करें।

 

सावधानियाँ 

यदि आप दैनिक रूप से जानू शीर्षासन का अभ्यास करते हैं, तो निश्चित रूप से है आपके शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं तथा लिंग के ढीली नसें मजबूत हो जाती हैं। जानु शीर्षासन करने के लिए धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं। कभी भी असुविधा होने पर इस आसन का अभ्यास न करें। कभी भी कंधे या घुटनों पर दबाव न डालें। हमेशा ध्यान दें कि आपने वॉर्मअप कर लिया हो और आपकी कोर मसल्स एक्टिव हो चुकी हों। अगर किसी भी समय आपको किसी भी किस्म की असुविधा या दर्द महसूस होता है तो खुद पर जरा भी दबाव न डालें। धीरे-धीरे आसन का अभ्यास बंद कर दें और आराम करें। अगर आप पहली बार ये आसन कर रहे हैं तो किसी योग्य योग गुरु की देखरेख में भी इस आसन का अभ्यास करें।

 

उत्तानासन

पेनिस की नसों के लिए योग उत्तानासन

जैसा कि आप जानते हैं सेक्स हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होता है, जिसके बिना हमारा जीवन असंभव है। जिस प्रकार हमारे शरीर की जरूरत भोजन, पानी होती हैं, उसी प्रकार सेक्स हमारे शरीर की एक जरूरत की तरह होता है, जिसे पर्याप्त रूप से तथा सही तरीके से मिलना आवश्यक होता है। किंतु जब पुरुषों के शरीर में किसी प्रकार के सेक्स संबंधित समस्या होती है, जिनके कारण उनका पेनिस पर्याप्त रूप से टाइट नहीं हो पाता है या फिर पेनिस की नसों के ढीले होने के कारण पेनिस में पर्याप्त तनाव नहीं आता है या फिर सेक्स क्रिया करते समय कुछ समय में ही स्खलन हो जाता है, जिसके कारण महिला साथी सेक्स क्रिया के दौरान संतुष्ट नहीं हो पाती है।

 

महिलाओं के संतुष्ट न होने के कारण महिला तथा पुरुष के आपसी रिश्ते खराब हो जाते हैं तथा महिला पुरुष दोनों ही मानसिक समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए तथा पेनिस में पर्याप्त तनाव लाने के लिए आज हम आपको पेनिस की नसों के लिए योग के रूप में उत्तानासन का अभ्यास करने की सलाह देते हैं। उत्तानासन का अभ्यास करने से हमारे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे लिंग की नसें मजबूत होने लगती हैं। लिंग की नसें मजबूत होने के कारण पेनिस में तनाव ना आने की समस्या दूर हो जाती है तथा लिंग में पर्याप्त तनाव आता है और महिला तथा पुरुष पर्याप्त समय तक सेक्स क्रिया करते हैं। उत्तानासन का अभ्यास करने के लिए आप निम्नलिखित स्टेप अपना सकते हैं 

 

उत्तानासन अभ्यास विधि

  • उत्तानासन करने के लिए समतल स्थान पर योग मैट बिछाते हैं।
  • योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों हाथ हिप्स पर रख लें।
  • सांस को भीतर खींचते हुए घुटनों को मुलायम बनाएं। 
  • कमर को मोड़ते हुए आगे की तरफ झुकें, शरीर को संतुलित करने की कोशिश करें। 
  • हिप्स और टेलबोन को हल्का सा पीछे की ओर ले जाएं। 
  • धीरे-धीरे हिप्स को ऊपर की ओर उठाएं और दबाव ऊपरी जांघों पर आने लगेगा। 
  • अपने हाथों से टखने को पीछे की ओर से पकड़ें आपके पैर एक-दूसरे के समानांतर रहेंगे आपका सीना पैर के ऊपर छूता रहेगा। 
  • सीने की हड्डियों और प्यूबिस के बीच चौड़ा स्पेस रहेगा। 
  • जांघों को भीतर की तरफ दबाएं और शरीर को एड़ी के बल स्थिर बनाए रखें। 
  • सिर को नीचे की तरफ झुकाएं और टांगों के बीच से झांककर देखते रहें, इसी स्थिति में 15-30 सेकेंड तक स्थिर बने रहें। 
  • जब आप इस स्थिति को छोड़ना चाहें तो पेट और नीचे के अंगों को सिकोड़ें सांस को भीतर की ओर खींचें और हाथों को हिप्स पर रखें। 
  • धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठें और सामान्य होकर खड़े हो जाएं। 

 

निष्कर्ष

जैसा कि आपको ब्लॉक तो बताया गया है की सेक्स हमारी प्राथमिक जरूरतों की आवश्यक होता है। यदि आपको अपने जीवन में कुर्सी तथा आनंद पूर्वक अपना जीवन बिताना है, तो आपको अपने साथी को सेक्स क्रिया में संतुष्ट करना आवश्यक होता है। इसलिए शारीरिक रूप से सेक्स क्रिया के लिए स्वस्थ रहना बहुत ही आवश्यक है, किंतु आधुनिक वातावरण तथा खान-पान के कारण हमें पर्याप्त रूप से पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते हैं, जिसके कारण हमारा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है तथा हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं होने लगती हैं जिसके कारण हमारा शरीर कमजोर हो जाता है।

 

शारीरिक कमजोरी के कारण हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याएं उत्पन्न होते हैं। इन सभी सेक्स समस्याओं को दूर करने के लिए आज हमने आपको  उपरोक्त लेख में पुरुषों के पेनिस की नसों के लिए योग की चर्चा की है, जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है तथा आपको विभिन्न प्रकार की सेक्स समस्याओं से बचा सकती है। पेनिस की कमजोर नसों के लिए दैनिक रूप से पेनिस की नसों के लिए योगाभ्यास करने से लिंग से संबंधित सभी समस्याएं दूर होती हैं।

 

लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न

पेनिस की कमजोरी कैसे दूर करें?

लिंग की कमजोरी को दूर करने के लिए आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ तथा मजबूत रहना बहुत ही आवश्यक है। यदि शारीरिक रूप से स्वस्थ का मजबूत रहते हैं तो आपके शरीर में पर्याप्त रूप से शारीरिक शक्ति होती है जो आपको किसी भी प्रकार के रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं इसलिए पेनिस की मजबूती बनाए रखने के लिए शरीर का स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है। शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं

 

  • पोषण युक्त आहार का प्रयोग करें।
  • फास्ट फूड तथा जंक फूड से बचें।
  • दैनिक रूप से व्यायाम करें।
  • लिंग के फॉरेस्किन की सफाई दैनिक करें।
  • इलाज के लिए प्राकृतिक तथा आयुर्वेदिक दवाइयों का प्रयोग।
  • सेक्सुअल है जिन बनाए रखें।
  • सेक्स से संबंधित बीमारियों का समय पर इलाज करें।

 

पेनिस में ढीलापन क्यों आता है? 

जब हमारे पेनिस की नसों में रक्त प्रवाह सामान्य रहता है, जिसके कारण पेनिस की नसें कमजोर हो जाती हैं, तो लिंग में  पर्याप्त तनाव आना बंद हो जाता है जिसके कारण लिंग में ढीलापन की समस्या होने लगती है। इस समस्या को दूर करने के लिए उपरोक्त लेख में पेनिस की नसों के लिए योगासन अभ्यास के बारे में बताया गया है जिसके द्वारा पेनिस की ढीली नसों को मजबूत बना सकते हैं।

 

पेनिस पर शहद लगाने से क्या होता है?

 शहद एक प्रकार का कामोत्तेजक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है, यह हमारे लिंग में ब्लड फ्लो को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है, जिसके कारण लिंग में पर्याप्त तनाव आता है और लिंग के ढीलापन की समस्या समाप्त हो जाती है।

 

Penis में पावर कैसे बढ़ाएं?

कुंभकासन का अभ्यास सेक्स पावर बढ़ाने के लिए किया जाता है, जिसका दैनिक अभ्यास करने से विभिन्न प्रकार की सेक्स संबंधित समस्याएं समाप्त हो जाते हैं। एक्सपर्ट भी बेहतर सेक्शुअल लाइफ और प्लेजर के लिए इस व्यायाम को करने की सलाह देते हैं। ये लोअर पोर्शन को भी मजबूती देता है, जो सेक्स के टाइम को बढ़ाने में मदद करता है।

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