आज हम आपको यूरिक एसिड की रामबाण दवा पतंजलि के बारे में बताएंगे की कैसे आप यूरिक एसिडकी बिमारीयों से बचे सकते हैं और यूरिक एसिड क्या होता है। यूरिक एसिड हमारे शरीर में एकत्रित होने वाला एक विषैला पदार्थ है जो किडनी के सामान स्तर पर काम ना करने के कारण हमारे शरीर के विभिन्न अंगों के जोड़ों के नीचे एकत्रित होने लगता है। जब यूरिक एसिड हमारी किडनी द्वारा पृथक नहीं किया जाता है तो इसकी मात्रा हमारे शरीर में बढ़ने लगती है, और यह हमारे हड्डियों के जोड़ों के नीचे एकत्रित होने लगता है, जिससे हमारे शरीर के विभिन्न अंगों में असहनीय दर्द होता है, और विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं।
यूरिक एसिड यूरिया नामक पदार्थ के बढ़ जाने से शरीर में बनता है, जिसे किडनी छान कर बाहर निकाल देती है। किंतु यदि किडनी सही तरीके से काम नहीं करती है, तो यूरिक एसिड हमारे खून के साथ मिलकर शरीर को बीमार कर देता है और विभिन्न अंगों में दर्द होने लगता है। आपके इस लेख में हम यूरिक एसिड की रामबाण दवा पतंजलि आयुर्वेदिक दवाओं का वर्णन करेंगे जिन के सहयोग से आप किडनी में होने वाली समस्याओं से बचे रहेंगे जिससे यूरिक एसिड सामान्य बना रहेगा और आपको शरीर में होने वाले दर्द से राहत मिली रहेगी।
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किडनी और यूरिक एसिड का संबंध
यूरिक एसिड प्यूरीन नामक पदार्थ के टूटने से बनती है। यह प्यूरीन हमारे खाद्य पदार्थों मटर, पालक, सोयाबीन, मशरूम, में पाया जाता है। जब हम खाते हैं तो हमारा शरीर इन्हें पचाने के समय इन्हें तोड़ता है इनके टूटते समय इससे फ्यूरिन नामक पदार्थ बनता है।
प्यूरीन के बनने से यूरिक एसिड का निर्माण होता है। यूरिक एसिड खाद्य पदार्थों के साथ मिला होता है, किंतु जब हमारी किडनी में जाता है तो हमारी किडनी इसे छानकर अलग कर देती है। किडनी खराब होने के कारण यूरिक एसिड खाद्य पदार्थों के रस से अलग नहीं हो पाता है, और वह जाकर हमारे खून में मिल जाता है जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती है यदि आप के शरीर में यूरिक एसिड बढ़ा है तो यूरिक एसिड को जड़ से खत्म करने का उपाय जान कर इसे ख़त्म करना चाहिए।
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण
- भोजन में प्यूरीन अधिक होने के कारण यूरिक एसिड भी अधिक बनता है।
- अधिक मात्रा में शराब पीने वाले व्यक्ति का यूरिक एसिड भी बढ़ जाता है।
- शरीर में आयरन की मात्रा अधिक होने से भी यूरिक एसिड बढ़ता है।
- जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर होता है उनके लिए भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
- जिन लोगों में थायराइड का स्तर उच्च या निम्न होता है, उनका यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
- मोटापा भी यूरिक एसिड बढ़ने का कारण माना जाता है।
यूरिक एसिड के लक्षण
- शरीर के जॉइंट्स में दर्द रहता है।
- रात को जोड़ों में ज्यादा दर्द महसूस होता है।
- पैरों की उँगलियों में दर्द हमेशा बना रहता है।
- पेट में दर्द होता रहता है।
- पथरी की समस्या हो जाती है।
- हाथों की उँगलियों में दर्द होने लगता है।
- माइग्रेन की समस्या हो जाती है।
- यूरिक एसिड बढ़ने के कारण ज्यादा मोटापा हो जाता है।
- शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से गढ़िया रोग हो जाते हैं।
- पैरों के तलवों में दर्द होने लगता है।
यूरिक एसिड को जड़ से खत्म करने का उपाय
आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ गई है और आपका शरीर विभिन्न प्रकार के दर्द और बीमारियों से ग्रसित होने लगा तो समय रहते यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहिए यदि यूरिक एसिड कंट्रोल ना किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है इससे किडनी फेल हो सकती शरीर में जोड़ों में दर्द हो सकता है खून का संचार अनियमित हो सकता है इसलिए आज हम आपको यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए यूरिक एसिड की रामबाण दवा की जानकारी दे रहे हैं जिनसे आप यूरिक एसिड कंट्रोल कर सकते हैं।
- यूरिक एसिड की रामबाण दवा पतंजलि।
- घरेलू विधियों द्वारा यूरिक एसिड की रामबाण दवा।
- नियमित योग और व्यायाम से यूरिक एसिड की दवा।
यूरिक एसिड की रामबाण दवा पतंजलि तथा आयुर्वेद
विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक दवाई के प्रयोग से यूरिक से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है पतंजलि आयुर्वेद में यूरिक एसिड से बचने के लिए बहुत सारी दवाइयों का निर्माण किया है जो हमारे शरीर में यूरिक एसिड को सामान्य अवस्था में बनाए रखती हैं तथा यूरिक एसिड से होने वाली शरीर की आदमियों को बचाती हैं जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है आयुर्वेदिक दवाइयां होने के कारण हमारे शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है निम्नलिखित पतंजलि आयुर्वेद दवाइयों का प्रयोग करते हुए शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को संतुलित किया जा सकता है।
- दिव्य वातारि चूर्ण
- दिव्य किशोर गुग्गुल
- दिव्य गिलोय घन वटी
- दिव्य त्रिफला चूर्ण
- दिव्या वातारी चूर्ण
- पतंजलि दिव्या पीदंतक वटी
- दिव्य चन्द्र प्रभा वटी
दिव्य वातारि चूर्ण
वातारि चूर्ण आयुर्वेदिक पतंजलि द्वारा निर्मित दवा है जिसका प्रयोग यूरिक एसिड गैस एवं पेट के रोगों में किया जाता है। इसका प्रयोग हाथ पैर के जोड़ों के दर्द में भी किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से सौंठ, विधारा, कुटकी, अश्वगंधा, सुरंजान (मीठी) और मेथी का उपयोग किया जाता है। दिव्या वातारि चूर्ण यूरिक एसिड की मात्रा को संतुलित बनाए रखता है जिससे शरीर किडनी के विभिन्न रोगों से बचा रहता है तथा हमारे शरीर के हड्डियों और जोड़ों में दर्द नहीं होता है इसका नियमित प्रयोग करने से शरीर के विभिन्न बीमारियों में आराम मिलेगा।
आयुर्वेदिक वातारि चूर्ण के उपयोग
- वातारि चूर्ण का प्रयोग दिन में दो बार किया जाता है।
- वातारि चूर्ण का प्रयोग गुनगुने पानी के साथ करना चाहिए।
- वातारि चूर्ण को खाने के बाद खाना चाहिए।
- इसका उपयोग लगातार 3 हफ्ते तक कर सकते हैं।
दिव्य किशोर गुग्गुल है यूरिक एसिड की रामबाण दवा
किशोर गुग्गुलु एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें त्रिफला चूर्ण अर्थात हरड़ बहेड़ा और आंवला के साथ-साथ नीम तथा गिलोय आदि विभिन्न आयुर्वेदिक पदार्थों का मिश्रण होता है, जिसे एक चूर्ण के रूप में तैयार किया जाता है। इसके उपयोग से पेट की सारी समस्याएं सुलझाइ जा सकती हैं। यदि आप यूरिक एसिड जैसी बीमारी से ग्रसित हैं तो दिव्य किशोर गुग्गुल का नियमित प्रयोग करके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है जिससे हम विभिन्न प्रकार के रोगों से बचे रह सकते हैं।
दिव्य किशोर गुग्गुलु का उपयोग
- दिव्य किशोर गुग्गुलु टेबलेट का प्रयोग आप खाने के बाद कर सकते हैं।
- दिव्य किशोर गुग्गुलु टैबलेट को दिन में दो बार खाया जा सकता है।
- दिव्य किशोर गुग्गुलु की चार टैबलेट का प्रयोग करना चाहिए।
- किशोर गुग्गुलुकी टेबलेट खाने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करना चाहिए।
- उत्तम रिजल्ट के लिए दिव्य किशोर गुग्गुलु के उपयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श लें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवाओं का प्रयोग करें।
यूरिक एसिड की रामबाण दवा पतंजलि की दिव्य गिलोय घनवटी
आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की जड़, तना, पत्ती तीनों ही अधिक गुणकारी होती हैं जो विभिन्न प्रकार के रोगों में लाभ पहुंचाती हैं। गिलोय में एटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण होते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से यह बुखार, पीलिया, गठिया, डायबिटीज, कब्ज़, एसिडिटी, अपच, मूत्र संबंधी रोगों आदि से आराम दिलाती है।
इन पदार्थों का उपयोग करके पतंजलि आयुर्वेद ने दिव्य गिलोय घनवटी का निर्माण किया गिलोय घनवटी किस टैबलेट्स का नियमित प्रयोग करते हैं यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है। तथा किस से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। यदि आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा सामान्य नहीं है तो आपको गिलोय घनवटी का प्रयोग करना चाहिए। गिलोय घनवटी का प्रयोग शीघ्रपतन की समस्या की दवा के लिए भी किया जाता है।
दिव्य गिलोय घन वटी की प्रयोग विधि
- गिलोय के दानों को काटकर पानी में भिगो देना चाहिए तथा सुबह उबालकर पानी का प्रयोग करना चाहिए।
- गिलोय घनवटी की टेबलेट का प्रयोग कर सकते हैं।
- गिलोय घनवटी की टैबलेट्स को सुबह शाम ले सकते हैं।
- गिलोय घनवटी की टैबलेट्स को लेने के लिए गुनगुने पानी का प्रयोग करना चाहिए।
दिव्य त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का मिश्रण होता है पतंजलि आयुर्वेद द्वारा बनाया गया दिव्य त्रिफला चूर्ण बहुत ही उत्कृष्ट प्रोडक्ट है। त्रिफला चूर्ण बनाने में हरण बहेड़ा और आंवला का प्रयोग किया जाता है इन तीनों आयुर्वेदिक पदार्थों का प्रयोग करके त्रिफला चूर्ण का निर्माण पतंजलि द्वारा किया जाता है। यह पेट की विभिन्न बीमारियों के लिए बहुत ही उपयोगी चूर्ण होता है।
यदि आप यूरिक एसिड से परेशान हैं और आपके शरीर के जोड़ों में अधिक दर्द हो रहा है तो आप त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करें नियमित प्रयोग से यूरिक एसिड नियंत्रित होता है। तथा शरीर में होने वाले दर्द से राहत मिलती है। त्रिफला चूर्ण का नियमित सेवन आपको विभिन्न प्रकार के पेट के रोगों से निजात दिलाता है। त्रिफला चूर्ण का प्रयोग पुरुष लिंग में तनाव लाने की दवा के लिए भी करते हैं।
दिव्य त्रिफला चूर्ण का उपयोग करके यूरिक एसिड को करें खत्म
- नियमित एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए।
- त्रिफला चूर्ण का प्रयोग सुबह-शाम किया जा सकता है।
- त्रिफला चूर्ण को सुबह खाली पेट खाने के बाद लिया जा सकता है।
- त्रिफला चूर्ण पानी के साथ लेने से अधिक लाभ मिलता है।
यूरिक एसिड को जड़ से खत्म करने का उपाय है दिव्य वातारी चूर्ण
देखा जाए तो बाजार में बहुत सारी यूरिक एसिड की रामबाण दवा उपलब्ध हैं, लेकिन हम आज आपको यूरिक एसिड की रामबाण दवा पतंजलि आयुर्वेद की बताएंगे जिसका नाम दिव्य वातारि चूर्ण है। यह दवा शरीर से यूरिक एसिड को खत्म करती है व शरीर में होने वाले विभिन्न जोड़ों के दर्द को समाप्त करती है। दिव्य वातारि चूर्ण पतंजलि आयुर्वेद की बहुत ही अच्छी दवा है जिसका उपयोग यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में किया जाता है। यदि आप के शरीर में यूरिक एसिड अनियंत्रित है तो दिव्य वातारी चूर्ण नियमित प्रयोग करके आप यूरिक एसिड से होने वाली समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
दिव्या वातारी चूर्ण की प्रयोग विधि
दिव्य वातारि चूर्ण का प्रयोग डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ले डॉक्टर आपको लिंग, उम्र व बीमारी के हिसाब से दिव्य वातारी चूर्ण के प्रयोग के बारे में बताएंगे इससे आप साइड इफेक्ट से बचे रहेंगे और बेहतर रिजल्ट पाएंगे और यूरिक एसिड जैसी खतरनाक बीमारियों से छुटकारा पाएंगे।
पतंजलि दिव्या पीदंतक वटी
दिव्य पीड़ांतक वटी आयुर्वेदिक दवाओं का मिश्रण है, जिसमें अश्वगंधा, गिलोय, गुग्गुल, मेंथी प्राप्ति आयुर्वेदिक तत्व पाए जाते हैं। दिव्य पीड़ांतक वटी बहुमूल्य आयुर्वेदिक तत्वों का एक मिश्रण है जिससे शरीर की विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जा सकता है, इससे शरीर के जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है तथा इसके नियमित प्रयोग से यूरिक एसिड को नियंत्रित किया जा सकता है। जिससे किडनी एवं शरीर में होने वाली अन्य बीमारियों से बचा जा सकता है। यदि आप यूरिक एसिड की अनियमितता से परेशान हैं तो दिव्य पीड़ांतक वटी का प्रयोग नियमित रूप से कर सकते हैं।
दिव्य पीड़ांतक वटी के प्रयोग विधि
- दिव्य पीड़ांतक वटी की दो टेबलेट का प्रयोग किस दिन में कर सकते हैं।
- पीड़ांतक वटी को दिन में दो बार लिया जा सकता है।
- दिव्य पीड़ांतक वटी का प्रयोग दूध के साथ करना चाहिए।
- इसका प्रयोग रोग के ठीक होने तक लगातार करना चाहिए।
दिव्य चन्द्र प्रभा वटी
चंद्रप्रभा वटी आयुर्वेदिक तत्वों का एक मिश्रण है जिसे दिव्य फार्मेसी ने पतंजलि आयुर्वेदा द्वारा तैयार किया है। इसमें पीपल, चंद्रप्रभा, सोठ, धनिया, दालचीनी, शिलाजीत, गूगल आयुर्वेदिक पदार्थों का मिश्रण होता है। जिसके नियमित प्रयोग से गठिया व यूरिक एसिड पाचन क्रिया आदि रोंगों को संतुलित किया जा सकता है। गठिया जैसी बीमारी जिसमें जोड़ों का दर्द को नियंत्रित करने के लिए चंद्रप्रभा वटी का नियमित सेवन करना चाहिए।
यदि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा असंतुलित हो गई है, तो इसको संतुलन के लिए नियमित दिव्य प्रभा वटी का प्रयोग करना चाहिए जिससे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा संतुलित रहती है और यूरिक एसिड के कारण होने वाले रोगों से शरीर बचा रहता है।
चंद्रप्रभा वटी के उपयोग
- चंद्रप्रभा वटी की लगभग 6 ग्राम खुराक लेनी चाहिए।
- चंद्रप्रभा वटी की 2 गोलियां नियमित सेवन करना चाहिए।
- चंद्रप्रभा वटी को सुबह शाम लिया जा सकता है।
- इसका प्रयोग हल्के गुनगुने दूध के साथ करना चाहिए।
घरेलू विधियों द्वारा यूरिक एसिड की रामबाण दवा
भारतीय घरों में आयुर्वेदिक तत्वों का भंडार होता है भारतीय घरों की रसोई में बहुत सारे ऐसे पदार्थ होते हैं जो आयुर्वेदिक तत्वों से भरे होते हैं। जिनका प्रयोग नियमित रूप से करने से शरीर के विभिन्न रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। आज हम आपको यूरिक एसिड समाप्त करने के घरेलू रामबाण दवाइयों के बाद जिनसे आप नियमित सेवन करके घर पर ही यूरिक एसिड को समाप्त कर सकते हैं यूरिक एसिड की रामबाण दवा में घरेलू निम्नलिखित हैं।
- हरी सब्जियां
- सेब का सिरका
- लौकी का सूप
हरी सब्जियां हमारे घरों में प्रतिदिन उपयोग होने वाली वस्तु है। यदि हम दैनिक जीवन में हरी सब्जियां का प्रयोग अधिक रूप से करते हैं तो निश्चित रूप से यूरिक एसिड जैसी जहरीले पदार्थ से शरीर को बचा सकते हैं। हरी सब्जियों के प्रयोग से हमारे शरीर मैं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा पाचन क्रिया तीव्र होती है। जिससे लीवर डैमेज नहीं होता है और हमारे शरीर में यूरिक एसिड इकट्ठा नहीं होता है जिससे हाथ पैर दर्द आज की बीमारियों से बचे रह सकते हैं।
सेब का सिरका पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभकारी होता है। इसमें उपस्थित इंटरप्लेनेटरी और एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को संतुलित करने में सहयोग करते हैं। यह तत्व यूरिक एसिड को संतुलित करके किडनी को हानि से बचाते हैं जिससे हमारा शरीर विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचा रहता है सेब के सिरके को नियमित सेवन करने से यूरिक एसिड संतुलित रहता है।
यूरिक एसिड को जड़ से खत्म करने का उपाय है लौकी का सूप
लौकी का सूप यूरिक एसिड को संतुलित करने में सहायक होता है। क्योंकि इसमें विटामिन बी और सी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया के लिए अति महत्वपूर्ण विटामिंस होते हैं लौकी के स्कूल के नियमित सेवन से यूरिक एसिड को संतुलित कर सकते हैं यूरिक एसिड से बचने के लिए हमें लौकी के सूप या लौकी के जूस का नियमित सेवन करना चाहिए।
नियमित योग और व्यायाम से यूरिक एसिड की दवा
नियमित योग और व्यायाम से हमारा शरीर स्वस्थ रहें तंदुरुस्त रहता है। शरीर में स्फूर्ति रहती है और या विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने के लिए हमेशा रहता है। नियमित योगाभ्यास से हमारे शरीर के मांसपेशियां व हड्डियां मजबूत रहती हैं। नियमित योग और व्यायाम से हम अपने शरीर के किसी भी रोग को ठीक कर सकते हैं क्यों कि नियमित व्यायाम के कारण हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक रहती है। यूरिक एसिड को संतुलित करने के लिए हमें नियमित व्यायाम करना चाहिए व्यायाम करने से यूरिक एसिड संतुलित रहता है इसके लिए निम्नलिखित बयान किए जा सकते हैं।
- कपालभाति
- उष्ट्रासन योग
- गोमुखासन
- सूक्ष्म व्यायाम
- मंडूकासन
- शशकासन
- योगमुद्रासन
- भुजंगासन
- शलभासन
- उत्तानपादासन
- पवनमुक्तासन
- मर्कटासन
- त्रिकोणासन
- कटि चक्रासन
- वक्रासन
- सुप्त वज्रासन
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए कुछ सावधानियां रखनी चाहिए
यूरिक एसिड का शरीर में नियंत्रित रखने के लिए हमें दवा व योगाभ्यास व्यायाम के साथ-साथ नियमित रूप से कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए तथा कुछ खाद्य पदार्थों का परहेज करना चाहिए जो हमारे शरीर में यूरिक एसिड को पढ़ाते हैं। जिससे आपका शरीर स्वस्थ रहें और आपकी किडनी बिल्कुल स्वस्थ रहे इसके लिए निम्नलिखित कुछ उपाय बताए गए हैं जिनको करके आप स्वस्थ रह सकते हैं।
- रोज सुबह योग करना।
- मीट मछली का सेवन नहीं करना है।
- ज्यादा प्रोटीन वाली चीजों को नहीं खाना है।
- मौसमी फलों का सेवन जरुर करें।
- तली भुनी चीजों का सेवन न करें
- 10 से 12 गिलास पानी पूरे दिन में जरुर पीएं।
- चेरी, कीवी, निम्बू का ज्यादा सेवन करने अगर यूरिक एसिड है।
- सुबह उठ कर आधा गिलास गुनगुना पानी (हल्का गरम ) निम्बू का रस डाल कर जरुर पीएं।
ऊपर एक लेख में विभिन्न विधियों द्वारा यूरिक एसिड को शरीर में संकलित करने के लिए बताया गया है। तथा इसके अलावा कुछ सावधानियां भी बताए गए हैं जिससे आप अपने शरीर में यूरिक संतुलित कर सकते हैं। आपके शरीर में यूरिक एसिड संतुलित रहेगा तो आपकी किडनी स्वस्थ रहेगी जिससे आप विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बच सकते हैं यूरिक एसिड से शरीर के जोड़ों में दर्द होने लगता है।
हमारे शरीर में किडनी एक बहुत अहम् रोल अदा करती है हमारे शरीर को चलाने में, जैसे चाय को जब हम प्याले में छानते है तो एक छन्नी की मदद से हम ऐसा कर पाते है जिससे चाय की पत्ती अलग हो जाती है। और आप उसको डस्टबिन में डाल देते है बिकुल बैसे ही किडनी हमारे शरीर में जाने वाली सभी चीजों को साफ़ करके उसमें से गन्दगी को अलग कर देती है। और पेशाब के रास्ते निकाल देती है। बहुत सारे केमिकल हमारे बॉडी में होते है जो किडनी निकल कर अलग कर देती है उसी केमिकल में एक यूरिक एसिड भी है।
यूरिक एसिड से वात और रक्त एक साथ उत्तेजित होते हैं। बढ़े हुए दूषित रक्त से वायु का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। रुकी हुई हवा फिर से पूरे खून को दूषित कर देती है। पता बताएंगे उपर्युक्त विधियों यूरिक एसिड की रामबाण दवा पतंजलि व यूरिक एसिड की रामबाण दवा की घरेलु विधि का उपयोग करके योग व्यायाम करके अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
लोगों के द्वारा पूछे गए प्रश्न
यूरिक एसिड की रामबाण दवा क्या है?
यूरिक एसिड हमारे शरीर में एकत्रित होने वाला एक विषैला पदार्थ है। यूरिक एसिड की रामबाण दवा के लिए दिव्य वातारि चूर्ण, दिव्य किशोर गुग्गुल, दिव्य गिलोय घन वटी, हरी सब्जियां, सेब का सिरक आदि का प्रयोग कर सकते हैं।
पतंजलि में यूरिक एसिड की क्या दवा है?
पतंजलि आयुर्वेद में यूरिक एसिड से बचने के लिए बहुत सारी दवाइयों का निर्माण किया है। जो हमारे शरीर में यूरिक एसिड को सामान्य अवस्था में बनाए रखती हैं।
ये पतंजलि दवाएं हैं दिव्य वातारि चूर्ण,दिव्य किशोर गुग्गुल,दिव्य गिलोय घन वटी, दिव्य त्रिफला चूर्ण, दिव्या वातारी चूर्ण, दिव्य पीड़ान्तक वटी,दिव्य चन्द्र प्रभा वटी आदि जिनका प्रयोग करके आप यूरिक एसिड की समस्या से बच सकते हैं।
यूरिक एसिड कम करने के लिए क्या करना चाहिए?
आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ गई है और आपका शरीर विभिन्न प्रकार के दर्द और बीमारियों से ग्रसित होने लगा तो समय रहते यूरिक एसिड को कंट्रोल करना चाहिए यदि यूरिक एसिड कंट्रोल ना किया गया तो यह जानलेवा भी हो सकता है ।इससे किडनीभी फेल हो सकती शरीर में जोड़ों में दर्द हो सकता है खून का संचार अनियमित हो सकता है इसलिए हम ने उपर्युक्त लेख में आपको यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए यूरिक एसिड की रामबाण दवा पतंजलि की जानकारी दे रहे हैं जिनसे आप यूरिक एसिड कंट्रोल कर सकते हैं।